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मां भगवती बाल सुंदरी का डोला आज रात होगा रवाना

काशीपुर में लगने वाले ऐतिहासिक चैली मेले को भले ही औपचारिक उद्घाटन के बाद स्थगित कर दिया गया है, लेकिन मां बाल सुंदरी का डोला आज मध्यरात्रि में चैती मंदिर के लिए रवाना होगा. जो अगले दिन सुबह मंदिर भवन पहुंचेगा.

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आज रात होगा रवाना
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Published : Apr 19, 2021, 4:34 PM IST

काशीपुर: कोरोना वायरस के बीच मां बाल सुंदरी देवी प्रांगण में लगने वाले चैती मेले को भले ही औपचारिक उद्घाटन के बाद स्थगित कर दिया गया है, लेकिन मां बाल सुंदरी का डोला आज मध्यरात्रि में चैती मंदिर के लिए रवाना होगा. जो अगले दिन सुबह मंदिर भवन पहुंचेगा.

मां बाल सुंदरी को पंडा मनोज अग्निहोत्री के आवास पर सार्वजनिक दर्शनों के लिए फूलों एवं पारंपरिक वस्त्रों में सजा कर रख दिया गया. जहां भक्तों ने कोरोना के नियमों का पालन कर मां बाल सुंदरी के दर्शन किए. आज रात्रि 12:00 बजे से पंडा वंश गोपाल प्रमुख पंडा कृष्ण गोपाल अग्निहोत्री की देखरेख में विधि-विधान एवं हवन-पूजन के साथ परंपराओं का निर्वहन करते हुए पुलिस की निगरानी में पुलिस के वाहन में रवाना होगा. जहां देवी मां बाल सुंदरी सुबह 4:00 बजे आरती स्वीकार करेंगी.

बता दें कि उत्तर भारत के ऐतिहासिक मेलों में शुमार चैती मेले में मां बाल सुंदरी देवी का डोला चैत्र नवरात्रि की सप्तमी और अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि को मोहल्ला पक्का कोट स्थित नगर मंदिर से चैती मंदिर के लिए रवाना होता है. इस बार मां की प्रतिमा पुलिस की गाड़ी में रवाना होगा और त्रयोदशी और चतुर्दशी यानी कि 25 और 26 अप्रैल की मध्यरात्रि में वापस नगर मंदिर पहुंचेगी.

ये भी पढ़ें : पत्नी से परेशान पति ने दी जान, आत्महत्या का बनाया वीडियो

सहायक पंडा मनोज अग्निहोत्री ने मां के स्वरूप के बारे में बताया कि मां बाल सुंदरी देवी की यह अकेली प्रतिमा है जो कि बाल रूप में है. मां के चेहरे के दर्शन करने पर एक अबोध बालिका जैसा भोलापन और तेज विराजमान है. साथ ही मां के सिर पर मुकुट है, जो कि महालक्ष्मी का प्रतीक है तथा दाएं हाथ में कमल है जो कि मां सरस्वती का प्रतीक है. बाएं हाथ में प्याला है जो महाकाली का प्रतीक है. इसलिए मां बाल सुंदरी देवी कि इस प्रतिमा में मां के तीनों रूप विद्यमान हैं.

उन्होंने बताया कि मां की प्रतिमा सप्तमी एवं अष्टमी यानी आज मध्य रात्रि नगर मंदिर से शहर से होते हुए चैती मंदिर प्रस्थान करेगी. अगले दिन सुबह से मां के भवन में भक्त कोविड की गाइड लाइन का पालन करते हुए मां के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाएंगे. इसके बाद मां का डोला चतुर्दशी तिथि 25 और 26 अप्रैल के दिन वैदिक मंत्रोच्चार के बाद वापस नगर मंदिर पहुंचेगा.

काशीपुर: कोरोना वायरस के बीच मां बाल सुंदरी देवी प्रांगण में लगने वाले चैती मेले को भले ही औपचारिक उद्घाटन के बाद स्थगित कर दिया गया है, लेकिन मां बाल सुंदरी का डोला आज मध्यरात्रि में चैती मंदिर के लिए रवाना होगा. जो अगले दिन सुबह मंदिर भवन पहुंचेगा.

मां बाल सुंदरी को पंडा मनोज अग्निहोत्री के आवास पर सार्वजनिक दर्शनों के लिए फूलों एवं पारंपरिक वस्त्रों में सजा कर रख दिया गया. जहां भक्तों ने कोरोना के नियमों का पालन कर मां बाल सुंदरी के दर्शन किए. आज रात्रि 12:00 बजे से पंडा वंश गोपाल प्रमुख पंडा कृष्ण गोपाल अग्निहोत्री की देखरेख में विधि-विधान एवं हवन-पूजन के साथ परंपराओं का निर्वहन करते हुए पुलिस की निगरानी में पुलिस के वाहन में रवाना होगा. जहां देवी मां बाल सुंदरी सुबह 4:00 बजे आरती स्वीकार करेंगी.

बता दें कि उत्तर भारत के ऐतिहासिक मेलों में शुमार चैती मेले में मां बाल सुंदरी देवी का डोला चैत्र नवरात्रि की सप्तमी और अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि को मोहल्ला पक्का कोट स्थित नगर मंदिर से चैती मंदिर के लिए रवाना होता है. इस बार मां की प्रतिमा पुलिस की गाड़ी में रवाना होगा और त्रयोदशी और चतुर्दशी यानी कि 25 और 26 अप्रैल की मध्यरात्रि में वापस नगर मंदिर पहुंचेगी.

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सहायक पंडा मनोज अग्निहोत्री ने मां के स्वरूप के बारे में बताया कि मां बाल सुंदरी देवी की यह अकेली प्रतिमा है जो कि बाल रूप में है. मां के चेहरे के दर्शन करने पर एक अबोध बालिका जैसा भोलापन और तेज विराजमान है. साथ ही मां के सिर पर मुकुट है, जो कि महालक्ष्मी का प्रतीक है तथा दाएं हाथ में कमल है जो कि मां सरस्वती का प्रतीक है. बाएं हाथ में प्याला है जो महाकाली का प्रतीक है. इसलिए मां बाल सुंदरी देवी कि इस प्रतिमा में मां के तीनों रूप विद्यमान हैं.

उन्होंने बताया कि मां की प्रतिमा सप्तमी एवं अष्टमी यानी आज मध्य रात्रि नगर मंदिर से शहर से होते हुए चैती मंदिर प्रस्थान करेगी. अगले दिन सुबह से मां के भवन में भक्त कोविड की गाइड लाइन का पालन करते हुए मां के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाएंगे. इसके बाद मां का डोला चतुर्दशी तिथि 25 और 26 अप्रैल के दिन वैदिक मंत्रोच्चार के बाद वापस नगर मंदिर पहुंचेगा.

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