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काशीपुर के अलका मर्डर केस में शक के घेरे में जांचकर्ता, DGP से की शिकायत

अलका मर्डर केस में उनके भाई अभय कुमार जौहरी ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की बात कही है.

अलका मर्डर केस में शक के घेरे में जांचकर्ता
अलका मर्डर केस में शक के घेरे में जांचकर्ता
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Published : Mar 12, 2021, 10:52 PM IST

काशीपुर: कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दो माह पूर्व सनसनीखेज तरीके से अलका जौहरी की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड की विवेचना कर रहे तत्कालीन कुंडा थानाध्यक्ष पर लाखों की ज्वेलरी गायब करने तथा केस की विवेचना में लीपापोती के प्रयास का आरोप लगा है. हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों को बचाने का आरोप अलका के भाई ने लगाया है. उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है.

डीजीपी से की शिकायत
डीजीपी से की शिकायत

आईटीआई थाना क्षेत्र के वैशाली कॉलोनी निवासी अनुज जौहरी पुत्र अभय कुमार जौहरी ने पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि बीती 16 जनवरी को अपराह्न 12 बजे उनकी 40 वर्षीय बहन अलका जौहरी नौकरी के साक्षात्कार के लिए मुरादाबाद गई थी. दूसरे दिन 17 जनवरी को कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम मिस्सरवाला में पुलिया के नीचे उसका शव बरामद हुआ.

मर्डर केस के जांचकर्ता शक के घेरे में.

इस मामले में 18 जनवरी को अलका के भाई की तहरीर के आधार पर मझोला मुरादाबाद निवासी जोगिंदर सिंह पुत्र सीताराम के खिलाफ कुंडा थाने में धारा 302 आईपीसी के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करते हुए अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया. उससे लाखों की ज्वेलरी बरामद की थी. अलगा के भाई ने बताया कि पुलिस की कड़ी पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. पूछताछ में उसने यह भी बताया कि 20 तोला सोना और 20 छोटे हीरे के नग नदी में फेंक दिए. जबकि आभूषण व हीरे जैसी चीज नदी में फेंकना व्यावहारिक नहीं है.

ये भी पढ़ें: अभय अपहरण-हत्या मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप, DIG ने मांगी रिपोर्ट

तत्कालीन थानाध्यक्ष ने अलका के मोबाइल फोन की सीडीआर भी शिकायतकर्ता को दिखाई थी. जिससे स्पष्ट होता है कि उसकी बहन आरोपी जोगिंदर के साथ धामपुर, बिजनौर, पीरुमदारा, नैनीताल, बन्नाखेड़ा, बाजपुर तथा टांडा रामपुर गई थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि विवेचना के दौरान पुलिस यह पता करने की कोशिश नहीं कर रही है कि उसकी बहन को अभियुक्त उक्त स्थानों पर क्यों ले गया. शिकायतकर्ता भाई ने डीजीपी को भेजे पत्र में यह भी बताया कि अलका जौहरी हत्याकांड में जेल भेजा गया जोगिंदर सिंह अपने मौसेरे भाई रामपाल सिंह उर्फ राजपाल के साथ मिलकर काम करता था.

शिकायतकर्ता ने पत्र में साफ कहा कि बकाया ज्वेलरी व 20 छोटे हीरे तत्कालीन विवेचक द्वारा गायब कर दिए गए हैं. इसी वजह से हत्याकांड की जांच सही दिशा में नहीं हो पा रही है. शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि वर्तमान में विवेचक बदल दिए गए, लेकिन उनके द्वारा भी मामले की सही विवेचना नहीं की जा रही है. शिकायतकर्ता ने डीजीपी से मांग की है कि हत्याकांड की पारदर्शी तरीके से जांच की जाए. ताकि गायब सोने व हीरे के आभूषण प्राप्त हो सकें तथा नामजद अभियुक्त के साथ हत्याकांड में लिप्त अन्य चेहरों को भी प्रकाश में लाया जा सके.

काशीपुर: कुंडा थाना क्षेत्र में करीब दो माह पूर्व सनसनीखेज तरीके से अलका जौहरी की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड की विवेचना कर रहे तत्कालीन कुंडा थानाध्यक्ष पर लाखों की ज्वेलरी गायब करने तथा केस की विवेचना में लीपापोती के प्रयास का आरोप लगा है. हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों को बचाने का आरोप अलका के भाई ने लगाया है. उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है.

डीजीपी से की शिकायत
डीजीपी से की शिकायत

आईटीआई थाना क्षेत्र के वैशाली कॉलोनी निवासी अनुज जौहरी पुत्र अभय कुमार जौहरी ने पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि बीती 16 जनवरी को अपराह्न 12 बजे उनकी 40 वर्षीय बहन अलका जौहरी नौकरी के साक्षात्कार के लिए मुरादाबाद गई थी. दूसरे दिन 17 जनवरी को कुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम मिस्सरवाला में पुलिया के नीचे उसका शव बरामद हुआ.

मर्डर केस के जांचकर्ता शक के घेरे में.

इस मामले में 18 जनवरी को अलका के भाई की तहरीर के आधार पर मझोला मुरादाबाद निवासी जोगिंदर सिंह पुत्र सीताराम के खिलाफ कुंडा थाने में धारा 302 आईपीसी के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करते हुए अभियुक्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया. उससे लाखों की ज्वेलरी बरामद की थी. अलगा के भाई ने बताया कि पुलिस की कड़ी पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. पूछताछ में उसने यह भी बताया कि 20 तोला सोना और 20 छोटे हीरे के नग नदी में फेंक दिए. जबकि आभूषण व हीरे जैसी चीज नदी में फेंकना व्यावहारिक नहीं है.

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तत्कालीन थानाध्यक्ष ने अलका के मोबाइल फोन की सीडीआर भी शिकायतकर्ता को दिखाई थी. जिससे स्पष्ट होता है कि उसकी बहन आरोपी जोगिंदर के साथ धामपुर, बिजनौर, पीरुमदारा, नैनीताल, बन्नाखेड़ा, बाजपुर तथा टांडा रामपुर गई थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि विवेचना के दौरान पुलिस यह पता करने की कोशिश नहीं कर रही है कि उसकी बहन को अभियुक्त उक्त स्थानों पर क्यों ले गया. शिकायतकर्ता भाई ने डीजीपी को भेजे पत्र में यह भी बताया कि अलका जौहरी हत्याकांड में जेल भेजा गया जोगिंदर सिंह अपने मौसेरे भाई रामपाल सिंह उर्फ राजपाल के साथ मिलकर काम करता था.

शिकायतकर्ता ने पत्र में साफ कहा कि बकाया ज्वेलरी व 20 छोटे हीरे तत्कालीन विवेचक द्वारा गायब कर दिए गए हैं. इसी वजह से हत्याकांड की जांच सही दिशा में नहीं हो पा रही है. शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि वर्तमान में विवेचक बदल दिए गए, लेकिन उनके द्वारा भी मामले की सही विवेचना नहीं की जा रही है. शिकायतकर्ता ने डीजीपी से मांग की है कि हत्याकांड की पारदर्शी तरीके से जांच की जाए. ताकि गायब सोने व हीरे के आभूषण प्राप्त हो सकें तथा नामजद अभियुक्त के साथ हत्याकांड में लिप्त अन्य चेहरों को भी प्रकाश में लाया जा सके.

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