रुद्रपुर: अस्थायी तौर पर तैयार किये जा रहे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रदेश मुख्यालय की शिकायत के बाद कुमाऊं कमिश्नर अरविंद सिंह ह्यांकी ने शनिवार को मौके का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर ने कार्यदायी संस्था को 15 दिनों के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देश भी दिए, जिसके बाद उनके द्वारा एक बैठक भी की गई.
दरअसल, गदरपुर में 15वीं वाहनी एनडीआरएफ का अस्थायी तौर पर प्रदेश मुख्यालय बन रहा है, जिसका कार्य बड़ी ही धीमी गति से चल रहा था. इसकी शिकायत कुमाऊं कमिश्नर अरविंद तक पहुंची थी. इसके बाद शनिवार वे अधिकारियों के साथ गदरपुर पहुंचे. यहां उन्होंने गदरपुर चीनी मिल परिसर में अस्थाई रूप से स्थापित हुए 15वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल परिसर में चल रहे निर्माण कार्य कार्यों का निरीक्षण किया.
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इस दौरान उन्होंने धीमी गति से चल रहे कार्य को लेकर कार्यदाई संस्था को फटकार लगाते हुए काम को 15 दिन के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए. बता दें कि उत्तराखंड में आपदा से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को तैनात किया गया है. देश भर में कुल 16वीं वाहिनी स्थापित की गई है. उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण आपदा की संभावनाएं हमेशा बनी रहती है.
भारत सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 15वीं वाहिनी स्थापित करने के निर्देश के उपरांत राज्य सरकार के सहयोग से गदरपुर स्थित चीनी मिल परिसर में इस यूनिट के मुख्यालय की अस्थाई तौर पर स्थापना की गई है. कुमाऊं कमिश्नर अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 15वीं वाहिनी स्थापित करने हेतु गदरपुर चीनी मिल परिसर का कुछ क्षेत्र हस्तांतरित किया है. शासन ने मुख्यालय के निर्माण को लेकर कुछ स्वीकृतियां दी हैं, जिनमें धीमी गति से निर्माण कार्य चलने की सूचना थी, जिसका उनका मौके पर आकर निरीक्षण किया.
15 वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के सेनानायक एसके दराल ने बताया देश के विभिन्न प्रांतों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 16 यूनिटें तैनात हैं. उत्तराखंड में अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी में एनडीआरएफ की टीमें तैनात है, जो हर तरह की आपदा से निपटने के लिए साजोसामान सहित पूरी तरह से सक्षम है. भविष्य में आरआरसी के जरिए पूरा स्ट्रक्चर इस्टैबलिश्ड कर लिया जाएगा. हमारा मुख्य उद्देश्य प्रदेश के आमजन को आपदा से प्रभावित होने से बचाना है.