खटीमा: जनपद ऊधम सिंह नगर के खटीमा मेंखटीमा फाइबर्स लिमिटेड प्रबंधन ने कंपनी में कार्यरत 20 से 25 वर्ष पुराने दो सौ कर्मचारियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया है. प्रबंधन के इस रवैये की सूचना मिलते ही निष्कासित कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. अब इन कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. निष्कासित कर्मचारियों के घरों में सन्नाटा छाया हुआ है, साथ ही वे मानसिक रूप से परेशान भी हैं. निष्कासित कर्मचारियों ने खटीमा उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट को एक ज्ञापन सौंपकर कंपनी में तत्काल बहाली की गुहार लगाई.
कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन: खटीमा फाइबर से निकाले गए 200 कर्मचारियों ने तहसील खटीमा में जमकर प्रदर्शन किया. आक्रोशित कर्मचारियों ने अपनी मांग का एक ज्ञापन एसडीएम खटीमा को सौंपा साथ ही मीडिया से कर्मचारियों ने कहा कि फैक्टरी प्रबंधन द्वारा पिछले 15-16 वर्षों का बोनस तथा विगत दो माह का वेतन भी भुगतान नहीं किया गया है. वहीं भविष्य निधि की धनराशि 12 प्रतिशत की जगह 24 प्रतिशत काटी गई. इसके बावजूद भी कर्मचारी पूर्ण क्षमता व मेहनत से कंपनी के हित में कार्य करते रहे थे. कंपनी प्रबंधन का यह मनमानी रवैया काफी दुखद है.
यह भी पढ़ें: मसूरी में तिब्बती समुदाय का प्रदर्शन, दलाई लामा के वीडियो वायरल करने को बताया चीन की साजिश
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी: वहीं कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि निष्कासित कर्मचारियों को तत्काल बहाल नहीं किया जाता है. तो वे अपने परिवारों के साथ करो या मरो की तर्ज पर उग्र आंदोलन करेंगे. क्योंकि उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. यदि इसके बावजूद भी समस्या का निदान नहीं होता है तो वे अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटेंगे. वहीं एसडीएम खटीमा उप जिलाधिकारी रविंद्र बिष्ट ने बताया कि इस मामले में लेबर इंस्पेक्टर को तलब किया गया है. लेबर इंस्पेक्टर और मेरे द्वारा इस मामले में जांच की जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.