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आबकारी विभाग खुद को लगा रहा लाखों का चूना, एसडीएम ने तहसीलदार को सौंपी जांच

खटीमा में आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवंटित शराब की दुकानों को शहरी क्षेत्र में संचालित करवा रही है, जिस कारण विभाग को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

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Published : Sep 7, 2019, 3:18 PM IST

आबकारी विभाग खुद को लगा रहा लाखों का चूना.

खटीमा: सीमांत क्षेत्र के राजीव नगर में अंग्रेजी और देशी शराब की दुकानों का संचालन किया जा रहा है. शहरी क्षेत्र में चलाई जा रही दुकानें 5 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र झनकईयां के लिए आवंटित की गई थीं. लेकिन, आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा विभाग के मानकों को ताक पर रखकर ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों को शहरी क्षेत्र में बीते 5 माह से संचालित किया जा रहा है. इस कारण आबकारी विभाग को हर महीने लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

आबकारी विभाग खुद को लगा रहा लाखों का चूना.

आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवंटित शराब की दुकानों को शहरी क्षेत्र में संचालित करवा रही है, जिस कारण विभाग को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. मामला संज्ञान में आने के बाद एसडीएम खटीमा ने तहसीलदार को जांच सौंपी.

ये भी पढ़ें: हौसला रख, सबसे अच्छे नतीजों की कामना करें : चंद्रयान-2 पर PM मोदी

एसडीएम खटीमा ने मामले का संज्ञान लेते हुए तहसीलदार खटीमा से मामले की जांच कराई तो प्रारंभिक जांच में निकल कर आया है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों के इस कृत्य से आबकारी विभाग को हर महीने लाखों का नुकसान हो रहा है. जिस पर तहसीलदार खटीमा को एसडीएम ने पूरी जांच रिपोर्ट बनाकर देने के आदेश दिए हैं.

खटीमा: सीमांत क्षेत्र के राजीव नगर में अंग्रेजी और देशी शराब की दुकानों का संचालन किया जा रहा है. शहरी क्षेत्र में चलाई जा रही दुकानें 5 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र झनकईयां के लिए आवंटित की गई थीं. लेकिन, आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा विभाग के मानकों को ताक पर रखकर ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों को शहरी क्षेत्र में बीते 5 माह से संचालित किया जा रहा है. इस कारण आबकारी विभाग को हर महीने लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

आबकारी विभाग खुद को लगा रहा लाखों का चूना.

आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवंटित शराब की दुकानों को शहरी क्षेत्र में संचालित करवा रही है, जिस कारण विभाग को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. मामला संज्ञान में आने के बाद एसडीएम खटीमा ने तहसीलदार को जांच सौंपी.

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एसडीएम खटीमा ने मामले का संज्ञान लेते हुए तहसीलदार खटीमा से मामले की जांच कराई तो प्रारंभिक जांच में निकल कर आया है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों के इस कृत्य से आबकारी विभाग को हर महीने लाखों का नुकसान हो रहा है. जिस पर तहसीलदार खटीमा को एसडीएम ने पूरी जांच रिपोर्ट बनाकर देने के आदेश दिए हैं.

Intro:summary- अधिकारी ही लगा रहे हैं विभाग को चूना। खटीमा में आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवंटित शराब की दुकानों को शहरी क्षेत्र में संचालित करवा कर हर महीने विभाग को लाखों रुपए का नुकसान करवाया जा रहा है। मामला संज्ञान पर आने पर एसडीएम खटीमा ने तहसीलदार को जांच सौंपी।

नोट-खबर एफटीपी में - lakho ke rajasv ke nuksaan ki jaanch shuru- नाम के फोल्डर में है।

एंकर- आबकारी विभाग द्वारा मानकों को ताक पर रखकर विभाग को किए गए लाखों के नुकसान की जांच एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार ने की शुरू। आबकारी विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिए आवंटित शराब की दुकानों को शहरी क्षेत्र में खुलवा कर हर महीने लाखों रुपए का किया जा रहा था राजस्व का नुकसान।


Body:वीओ- उधम सिंह नगर जनपद की खटीमा नगर पालिका क्षेत्र राजीव नगर में अंग्रेजी व देशी शराब की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में चलाई जा रही दुकाने शहरी क्षेत्र से 5 किलोमीटर दूर किया ग्रामीण क्षेत्र झनकईया के लिए आवंटित की गई थी। परंतु आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा विभाग के मानकों को ताक पर रखकर ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों को शहरी क्षेत्र में विगत पांच माह से संचालित करवा कर आबकारी विभाग को हर महीने लाखों के राजस्व का नुकसान करवाया जा रहा है। मीडिया द्वारा यह मामला उठाने पर एसडीएम खटीमा ने मामले का संज्ञान लेते हुए तहसीलदार खटीमा से मामले की जांच कराई तो प्रारंभिक जांच में निकल कर आया है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों के इस कृत्य से आबकारी विभाग को हर महीने लाखों का नुकसान हो रहा है। जिस पर तहसीलदार खटीमा को एसडीएम में पूरी जांच रिपोर्ट बनाकर देने के आदेश दिए हैं। ताकि सरकार को हर महीने हो रहे लाखों रुपए के राजस्व की भरपाई दोषी व्यापारी और अधिकारियों से कराई जा सके।

बाइट- युसूफ अली तहसीलदार खटीमा


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