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काशीपुर के मोदी भक्त एसडीएम को नहीं किसी की परवाह, देते हैं 'याद रखूंगा' की धमकी

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Published : Apr 17, 2019, 10:46 PM IST

जिन प्रशासनिक आधिकारियों के कंधों पर आदर्श आचार संहिता को लागू करने की जिम्मेदारी है, वही अधिकारी आचार संहिता का उल्लंघन करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं.

आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते नौकरशाह

काशीपुर: आपने आम आदमी को मोदी भक्त होना तो सुना होगा, लेकिन कोई आईएएस अधिकारी मोदी भक्त हो, ऐसा शायद ही सुना हो. हम बात कर रहे हैं काशीपुर के एसडीएम हिमांशु खुराना की. एसडीएम हिमांशु इतने मोदी भक्त हैं कि उन्होंने आचार संहिता लागू होने के बाद भी अपने दफ्तर से मोदी की तस्वीर नहीं हटाई. जब इस बाबत उनसे सवाल पूछा गया तो वो मीडियोकर्मियों को ही धमकाने लगे.

आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते नौकरशाह

काशीपुर के प्रशासनिक अधिकारियों का तानाशाह रवैया आदर्श आचार संहिता को ठेंगा दिखा रहा है. जिन प्रशासनिक आधिकारियों के कंधों पर आदर्श आचार संहिता को लागू करने की जिम्मेदारी है, वही अधिकारी आचार संहिता का उल्लंघन करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. ऐसे अधिकारियों को चुनाव आयोग के नियमों की जरा भी परवाह नहीं है और चुनाव आयोग के नियमों के उलट कार्य कर रहे हैं.

पढ़ें- एनडी तिवारी के बेटे की मौत से हल्द्वानी में शोक की लहर, रोहित के भाई ने बयां किया दर्द

दरअसल, चुनाव में मुख्य भूमिका निभाने वाले चुनाव अधिकारी और एसडीम काशीपुर हिमांशु खुराना ने तो आचार संहिता का खुलकर मखौल उड़ाया. उन्होंने अपने कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाकर चुनाव को जमकर प्रभावित किया. एक तरफ जहां आदर्श आचर संहिता के अनुपालन का पाठ पढ़ाया जा रहा है तो दूसरी ओर खुद अधिकारी ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

पूरे चुनाव के दौरान एसडीएम ने कार्यालय में लगी मोदी की तस्वीर नहीं उतारी और अभी भी आचार संहिता लागू होने के बावजूद मोदी भक्ति में डूबे हैं.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में यूपी के वाराणसी से प्रत्याशी भी हैं और उनके क्षेत्र में अभी मतदान नहीं हुआ है. लिहाजा, ऐसी स्थिति में उनकी तस्वीर चुनाव अधिकारी के दफ्तर में होना चुनाव को प्रभावित करने जैसा ही है. जब मीडियाकर्मियों ने इस बाबत एसडीएम से सवाल पूछा तो वो बिफर गए और याद रखने की धमकी देने लगे.

कानूनी विशेषज्ञ नसीमुद्दीन की मानें तो यह आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की परिधि में ही आता है और चुनाव के प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में नियमानुसार कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही जो अधिकारी चुनाव से जुड़ा हो, वो राजनीतिक रूप से कोई भी प्रचार या प्रमोशन नहीं कर सकता है.

एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी यह कहावत काशीपुर एसडीम हिमांशु खुराना पर सटीक बैठती है. जिन्होंने न केवल आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई, बल्कि सवाल पूछने पर व्यस्तता का हवाला दिया और बाद में मीडियाकर्मियों को याद रखने की धमकी तक दे डाली.

काशीपुर: आपने आम आदमी को मोदी भक्त होना तो सुना होगा, लेकिन कोई आईएएस अधिकारी मोदी भक्त हो, ऐसा शायद ही सुना हो. हम बात कर रहे हैं काशीपुर के एसडीएम हिमांशु खुराना की. एसडीएम हिमांशु इतने मोदी भक्त हैं कि उन्होंने आचार संहिता लागू होने के बाद भी अपने दफ्तर से मोदी की तस्वीर नहीं हटाई. जब इस बाबत उनसे सवाल पूछा गया तो वो मीडियोकर्मियों को ही धमकाने लगे.

आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते नौकरशाह

काशीपुर के प्रशासनिक अधिकारियों का तानाशाह रवैया आदर्श आचार संहिता को ठेंगा दिखा रहा है. जिन प्रशासनिक आधिकारियों के कंधों पर आदर्श आचार संहिता को लागू करने की जिम्मेदारी है, वही अधिकारी आचार संहिता का उल्लंघन करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. ऐसे अधिकारियों को चुनाव आयोग के नियमों की जरा भी परवाह नहीं है और चुनाव आयोग के नियमों के उलट कार्य कर रहे हैं.

पढ़ें- एनडी तिवारी के बेटे की मौत से हल्द्वानी में शोक की लहर, रोहित के भाई ने बयां किया दर्द

दरअसल, चुनाव में मुख्य भूमिका निभाने वाले चुनाव अधिकारी और एसडीम काशीपुर हिमांशु खुराना ने तो आचार संहिता का खुलकर मखौल उड़ाया. उन्होंने अपने कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाकर चुनाव को जमकर प्रभावित किया. एक तरफ जहां आदर्श आचर संहिता के अनुपालन का पाठ पढ़ाया जा रहा है तो दूसरी ओर खुद अधिकारी ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

पूरे चुनाव के दौरान एसडीएम ने कार्यालय में लगी मोदी की तस्वीर नहीं उतारी और अभी भी आचार संहिता लागू होने के बावजूद मोदी भक्ति में डूबे हैं.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में यूपी के वाराणसी से प्रत्याशी भी हैं और उनके क्षेत्र में अभी मतदान नहीं हुआ है. लिहाजा, ऐसी स्थिति में उनकी तस्वीर चुनाव अधिकारी के दफ्तर में होना चुनाव को प्रभावित करने जैसा ही है. जब मीडियाकर्मियों ने इस बाबत एसडीएम से सवाल पूछा तो वो बिफर गए और याद रखने की धमकी देने लगे.

कानूनी विशेषज्ञ नसीमुद्दीन की मानें तो यह आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की परिधि में ही आता है और चुनाव के प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में नियमानुसार कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही जो अधिकारी चुनाव से जुड़ा हो, वो राजनीतिक रूप से कोई भी प्रचार या प्रमोशन नहीं कर सकता है.

एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी यह कहावत काशीपुर एसडीम हिमांशु खुराना पर सटीक बैठती है. जिन्होंने न केवल आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई, बल्कि सवाल पूछने पर व्यस्तता का हवाला दिया और बाद में मीडियाकर्मियों को याद रखने की धमकी तक दे डाली.

Intro:काशीपुर में प्रशासनिक अधिकारी खुद ही आदर्श चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ा के दिखाई दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि जैसे इन अधिकारियों को चुनाव आयोग के नियमों की जरा भी परवाह नहीं है। जिसका नतीजा है काशीपुर के स्थानीय अधिकारी चुनाव आयोग के नियमों के विपरीत कार्य कर रहे हैं लेकिन जब मीडिया ने चुनाव आयोग के उल्लंघन पर अधिकारी से जवाब मांगा तो वह मीडिया कर्मियों को भी धमकाने से पीछे नहीं हटे पेश है एक रिपोर्ट।


Body:उत्तराखंड सहित देशभर में लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं वहीं उत्तराखंड में बीते 11 अप्रैल को ही मतदान हो गया है और आचार संहिता भी लागू है जिसको लेकर चुनाव आयोग की सख्ती दिखाई दे रहा है मगर जिले में कुछ अधिकारी भी ऐसे हैं जो खुद ही आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। चुनाव में मुख्य भूमिका निभाने वाले चुनाव अधिकारी और एसडीम काशीपुर हिमांशु खुराना ने तो आचार संहिता का खुलकर मखौल उड़ाया और अपने कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाकर चुनाव को जमकर प्रभावित किया। एक तरफ जहां आदर्श आचरण संहिता के अनुपालन का पाठ पढ़ाया जा रहा है तो दूसरी और खुद अधिकारी ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यह एसडीएम काशीपुर का कार्यालय है जहां प्रधानमंत्री और भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी है। वीओ- पूरे चुनाव के दौरान एसडीएम साहब हिमांशु खुराना ने यह तस्वीर नहीं उतारी और अभी भी आचार संहिता लागू होने के बावजूद एसडीएम साहब मोदी जी की भक्ति में डूबे हैं और आचार संहिता का खुलकर उल्लंघन कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा के प्रत्याशी भी हैं और अभी उनके क्षेत्र में मतदान भी नहीं हुआ है यही नहीं भाजपा केवल स्टार प्रचारक भी हैं लिहाजा ऐसी स्थिति में उनकी तस्वीर चुनाव अधिकारी के दफ्तर में होना चुनाव को प्रभावित करने जैसा ही है यही नहीं जब मीडिया कर्मियों ने इस बाबत एसडीएम साहब से सवाल पूछा तो एसडीएम साहब बिफर गए और याद रखने की धमकी देने लगे। वीओ- जबकि कानूनी जानकारों की माने तो यह आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की परिधि में ही आता है और चुनाव के प्रभावित होने की संभावना भी बनी रहती है। ऐसे में नियमानुसार कार्यवाही की जानी चाहिए जबकि अधिकारी जो चुनाव से जुड़ा हो पर राजनीतिक रूप से कोई भी प्रचार यह प्रमोशन नहीं कर सकते हैं कानूनी विशेषज्ञ नसीमुद्दीन ने बताया कि मीडिया पर फड़कने वाले ऐसे अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयुक्त और प्रेस काउंसिल के द्वारा कार्यवाही की जानी चाहिए।


Conclusion:एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी यह कहावत काशीपुर का एसडीम हिमांशी खुराना पर सटीक बैठती है जिन्होंने ना केवल आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई बल्कि सवाल पूछने पर व्यस्तता का हवाला देते हुए जवाब तो दिया लेकिन बाद में मीडिया कर्मियों को याद रखने की धमकी दे डाली साहब को शायद यह नहीं पता था कि मीडिया कर्मियों का कैमरा उस वक्त भी चालू था। अब देखना यह होगा कि देशभर में बस जुबान नेताओं की जुबान बंद करने वाला है चुनाव आयोग काशीपुर के एसडीएम हिमांशु खुराना के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है।
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