काशीपुर: आपने अक्सर प्राइवेट सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों को इलाज के नाम पर मरीज और परिजनों को लाखों का बिल थमाते देखा होगा. इन अस्पताल की मनमानी की वजह से धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर का पेशा आए दिन बदनाम होता जा रहा है, लेकिन कहते हैं ना कि इस कलयुग में भी कई ऐसे डॉक्टर और अस्पताल हैं, जो महज पैसों के लिए लोगों का इलाज नहीं करते, बल्कि नि:स्वार्थ भाव से गरीबों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं.
आज हम आपकों एक ऐसी ही खबर बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर शायद आप भी हैरान हो जाएंगे. ये है काशीपुर का सहोता सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, जिसने 21 वर्षीय गुलबहार को जीवनदान दिया है. आपको बता दें कि गुलबहार पिछले छह माह से गर्दन की हड्डी में टीबी से पीड़ित थी और पिछले तीन माह से बिस्तर पर थी. उसकी माली हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि वह किसी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इलाज करा सके.
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गुलबहार ने कई जगह अपना इलाज कराया, लेकिन उसे आराम नहीं मिला. इस दौरान उसकी हालत और ज्यादा गंभीर हो गयी. अधिक पैसे और ऑपरेशन के जोखिम के कारण वह न सिर्फ जिंदगी से परेशान थी, बल्कि अपने पैरों पर चलने की उम्मीद भी छोड़ चुकी थी. गुलबहार की इस परेशानी का पता समाजसेवी गौरव चौधरी को पता चला.
समाजसेवी गौरव चौधरी ने बताया कि एक दिन इस युवती के बारे में काशीपुर तहसील के लेखपाल नितिन शर्मा ने उन्हें बताया. जिसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि जो भी हो गुलबहार को वह पैरों पर खड़ा जरूर करेंगे. इस कार्य में अनुपम शर्मा, राजू विष्ट, वरुण, सलीम, दौलत, मानवेन्द्र शर्मा, वसीम, आरिस व दौलत पटवारी ने पूर्ण सहयोग देने का वादा किया. गुलबहार के लिए गौरव चौधरी ने बकायदा सहोता मल्टीस्पेशलिटी हाॅस्पिटल पहुंचकर डॉक्टरों से बात की.
बातचीत के बाद हाॅस्पिटल के डाॅ. रवि सहोता, डाॅ. गुरुपाल सहोता और डाॅ. नवप्रीत सहोता ने युवती का निःशुल्क ऑपरेशन कर उसे नया जीवनदान दिया. साथ ही भविष्य में भी निर्धन और असहाय लोगों की पूर्ण सहायता का भरोसा दिलाया. वहीं, डॉक्टरों की इस निस्वार्थ भाव के लिए गौरव चौधरी ने सहोता हाॅस्पिटल का आभार व्यक्त किया. सहोता हाॅस्पिटल के डाॅ. रवि सहोता, डाॅ. गुरुपाल सहोता और अन्य डाॅक्टरों ने सफलतापूर्वक गुलबहार का ऑपरेशन किया.