काशीपुर: उमधसिंह नगर जिले में बड़ी मात्रा में ब्रांडेड टाटा कंपनी का नकली नमक पकड़ा गया है. पुलिस ने आधा दर्जन गोदामों पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में नकली नमक के पैकेट बरामद किए हैं. पुलिस की ये कार्रवाई देर रात की गई. पुलिस को शिकायत मिली थी कि गदरपुर, काशीपुर और जसपुर में टाटा कंपनी का नकली नमक बेचा जा रहा है. उसी के आधार पर पुलिस ने कई व्यापारियों के गोदामों पर छापेमारी की.
छापेमारी के दौरान टाटा कंपनी के अधिकारी भी पुलिस के साथ मौजूद थे. पुलिस टीम ने काशीपुर और रुद्रपुर में एक-एक जगह पर और गदरपुर में तीन स्थानों पर छापेमारी की. इसके अलावा गदरपुर में तीन दुकानदारों को भी हिरासत में लिया गया है.
पढ़ें- उत्तराखंड में फिर बढ़ सकते हैं बिजली के दाम, UPCL की साल में दूसरी बार 12% का करंट लगाने की तैयारी
पुलिस ने बताया कि टाटा कंपनी के एजेंट से लगातार शिकायत मिल रही थी कि इलाके में ब्रांडेड कंपनी का नकली नकम बेचा जा रहा है. टाटा कंपनी के अधिकारियों ने भी शिकायतों को पुख्ता करने के लिए जिले में कई जगहों से नमक खरीदा और उसे जांच के लिए लैब भेजा. जांच में यह नमक नकली पाया गया. नकली नमक बेचने वाले व्यापारियों का पता चलने पर कंपनी के अधिकारियों ने जिले के कप्तान से शिकायत की. जिस पर एसओजी और सभी स्थानों की स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की गई.
गदरपुर में कंपनी के ऑपरेशन मैनेजर चंद्रशेखर और एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट के नेतृत्व में टीम ने सरदार नगर में जुगनू किराना, आवास विकास में अमित ट्रेडर्स और अमित किराना स्टोर पर छापा मारा. इस दौरान पुलिस तीन व्यापारियों को हिरासत में लेकर थाने ले आई. इस दौरान सूचना मिलने पर गदरपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीपक बेहड़ और पूर्व नगर अध्यक्ष पंकज सेतिया व्यापारियों के साथ थाने पहुंच गए. उन्होंने कहा कि कंपनी के अधिकारियों ने बिना व्यापार मंडल को विश्वास में लिए ये कार्रवाई की है.
पढ़ें- अच्छी खबर: देहरादून में 24 मई को लगेगा रोजगार मेला, युवाओं के लिए सुनहरा मौका
वही, जसपुर में टाटा कंपनी के निदेशक रमेश दत्त के साथ स्थानीय पुलिस टीम ने 7 गोदामों पर छापेमारी कर नकली टाटा नमक के 25,000 पैकेट बरामद किए. उक्त व्यापारी के क्षेत्र में कुल 14 गोदाम बताए जा रहे हैं. उम्मीद है कि आज एक बार फिर जिलेभर में नकली नमक के ठिकानों पर कार्रवाई की जा सकती है. कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक पैकेट में मिले नकली नमक की पहचान की गई तो नमक में हल्का कालापन था. वह आयोडाइज्ड भी नहीं था. ऐसे में इस नमक को खाने से घेंघा रोग हो सकता है और यह किडनी पर भी असर डाल सकता है. वहीं इन पैकेटों की सील भी ठीक से नहीं थी. हालांकि जिले भर में नकली नमक के गोदाम तो मिले हैं, लेकिन अभी तक इस नकली नमक को बनाने वाली फैक्ट्री नहीं मिली है, उसकी तलाश लगातार जारी है.