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काशीपुर: कृषि अध्यादेश को लेकर कांग्रेसी मुखर, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

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Published : Sep 20, 2020, 8:53 AM IST

काशीपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कृषि अध्यादेश का विरोध किया जा रहा है. जिसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैठक कर कृषि अध्यादेश का पुरजोर विरोध किया.

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काशीपुर

काशीपुर: शहर में कांग्रेसी लगातार कृषि अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं. जिसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उन्होंने कृषि अध्यादेश का विरोध करते हुए आंदोलन की रणनीति बनाई. शनिवार शाम रामनगर रोड स्थित महानगर कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में किसान कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों ने कृषि अध्यादेश को किसान विरोधी बताया.

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने कहा कि जो किसानों और देश की आवाम ने वर्षों के संघर्ष से प्राप्त किया है, भाजपा उसे एक झटके में छीनकर पूंजीपतियों और चंद व्यापारियों को देने का प्रयास कर रही है.

पढ़ें: मसूरी शिफन कोर्ट मामला: BJP नेता ने अपनी सरकार पर बोला हमला, कहा- मजदूरों को किया बेघर

कांन्टैक्ट फार्मिग के नाम पर ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर काम किया जा रहा. एमएसपी समाप्त होने से किसानों का आधार भी समाप्त हो जाएगा. मंडी किसानों की अपनी संस्थाए हैं. मंडी के जरिए बिचौलियों से किसानों के हितों की रक्षा होती थी. लेकिन भाजपा मंडी समाप्त करके अनाज के व्यापार को देश के पूंजीपतियों के हाथ मे सौंपना चाहती है. ऐसा करने से सस्ते गल्ला व्यापारियों को भारी नुकसान होगा. बैठक के दौरान कृषि अध्यादेश के विरोध को लेकर जल्द आंदोलन करने की बात कही गई.

काशीपुर: शहर में कांग्रेसी लगातार कृषि अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं. जिसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उन्होंने कृषि अध्यादेश का विरोध करते हुए आंदोलन की रणनीति बनाई. शनिवार शाम रामनगर रोड स्थित महानगर कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में किसान कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों ने कृषि अध्यादेश को किसान विरोधी बताया.

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने कहा कि जो किसानों और देश की आवाम ने वर्षों के संघर्ष से प्राप्त किया है, भाजपा उसे एक झटके में छीनकर पूंजीपतियों और चंद व्यापारियों को देने का प्रयास कर रही है.

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कांन्टैक्ट फार्मिग के नाम पर ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर काम किया जा रहा. एमएसपी समाप्त होने से किसानों का आधार भी समाप्त हो जाएगा. मंडी किसानों की अपनी संस्थाए हैं. मंडी के जरिए बिचौलियों से किसानों के हितों की रक्षा होती थी. लेकिन भाजपा मंडी समाप्त करके अनाज के व्यापार को देश के पूंजीपतियों के हाथ मे सौंपना चाहती है. ऐसा करने से सस्ते गल्ला व्यापारियों को भारी नुकसान होगा. बैठक के दौरान कृषि अध्यादेश के विरोध को लेकर जल्द आंदोलन करने की बात कही गई.

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