उधम सिंह नगर/पौड़ी/लक्सर/काशीपुर/ऋषिकेश: शरद पूर्णिमा के बाद सुहागिनों का त्योहार आता है. जिसको करवा चौथ कहते हैं. इस त्योहार को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन अपने पति के लिए लम्बी आयु की कामना को लेकर दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं. इसके बाद शाम को चंद्र दर्शन करने के बाद वह पति के चेहरे को देखकर अपना व्रत तोड़ती है. वहीं करवा चौथ से एक दिन पहले बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है.
करवाचौथ से एक दिन पहले देवभूमि के विभिन्न बाजारों में सुहागिनों ने खरीदारी शुरू कर दी है. बाजार में महिलाएं अपने करवा चौथ के पूजा का सामान से लेकर श्रृंगार की चूड़ियां व हाथों पर मेहंदी लगाने बाजार पहुंच रही हैं. जहां मेहंदी लगाने वाले आर्टिस्ट व चूड़ी करवा जैसे सामान बेचने वाले दुकानदार भी काफी खुश नजर आ रहे हैं. महिलाओं में करवा चौथ को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
पौड़ी
जिला मुख्यालय पौड़ी के बाजारों में करवा चौथ की रौनक देखने को मिल रही है. वोट डालने के बाद महिलाओं ने सीधे बाजार का रुख किया. पौड़ी के बाजारों में महिलाएं दूर-दराज इलाकों से खरीदारी करने के लिए पहुंच रही हैं और अपने पति की लंबी आयु के लिए रखे जाने वाले व्रत के लिए काफी उत्सुक नजर आ रही हैं.
उधम सिंह नगर
उधम सिंह नगर जनपद में करवा चौथ को लेकर बाजार में महिलाओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. बाजार में महिलाएं खरीदारी करने के लिए उमड़ रहीं हैं. बाजार में दुकानदारों ने करवा चौथ की तैयारियों को लेकर अपनी दुकानें सजा रखी हैं. दुकानों पर महिलायें श्रृंगार, साड़ियां, मेहंदी और चूड़ियों की खरीददारी करती दिखाई दे रहीं हैं.
काशीपुर
उधम सिंह नगर जनपद के काशीपुर की बाजारों में भी महिलाएं खरीददारी करती हुई नजर आ रही हैं. कुछ महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाकर तो कुछ महिलाएं नए वस्त्र खरीदकर करवा चौथ मनाने की तैयारी कर रही हैं. दुकानदारों का भी कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी बाजारों में ज्यादा चहल-पहल दिखाई दे रही है.
लक्सर
हरिद्वार के लक्सर में भी महिलाएं बाजारों में खरीदारी के लिए पहुंची हैं. श्रृंगार के सामान के साथ ही महिलाएं मेहंदी लगवाती देखी जा रही हैं. महिलाओं का कहना है कि करवा चौथ के वृत को लेकर उनमें खासा उत्साह है.
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ऋषिकेश
तीर्थनगरी के बाजारों में भी सुहागिन श्रृंगार व करवा चौथ की पूजा का सामान लेने के लिए पहुंच रही हैं .दूसरी ओर मेहंदी लगाने वालों के पास महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं, बाजार में खरीदारी करने पहुंची नवविवाहिता नैना का कहना है कि वह पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही हैं. जिसको लेकर वह काफी उत्साहित हैं. नैना ने बताया कि करवा चौथ पर मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. इसीलिए मेहंदी लगवाने के लिए बाजार पहुंची हैं.
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क्यों मनाते हैं करवा चौथ ?
इस बार करवा चौथ 17 अक्टूबर को पड़ रहा है. इस व्रत के पीछे की कहानी बड़ी ही रोचक और जानने योग्य है. क्योंकि इस व्रत के दिन महिलाएं इस कथा को पढ़ती हैं. ये कहानी एक महारानी वीरवती की है. जो अपने भाइयों की अकेली बहन थी. जब करवा माता का ये व्रत आया तो बहन ने निर्जला व्रत रखा.
इसको देखकर भाइयों ने सोचा कि अगर बहन ने कुछ खाया या पिया नहीं तो वह मर जायेगी तो बहन के प्यार में भाइयों ने एक पीपल के वृक्ष में चंद्रमा का अक्स बना दिया. इसके बाद चंद्रमा के उदय की बात कह वीरवती को चंद्र दर्शन करा उसका व्रत भंग करा दिया. जैसे ही वीरवती ने खाने का पहला कौर मुंह में रखा तो उसके नौकर से पति की मृत्यु का संदेश मिला. इसके बाद वीरवती ने माता करवा की आराधना की जिससे माता प्रकट हुई और उन्होंने उसे व्रत भंग होने की बात बताई.
इसके बाद वीरवती ने कठिन तपस्या कर यमराज को प्रसन्न किया और यमराज से वरदान में पति के प्राण मांग लिए. इसके बाद माता की आराधना कर उनसे अपने अपराध की मांफी मांगते हुए प्रार्थना की और कहा कि माता किसी और सुहागिन से ऐसा अपराध न हो और अंजाने में अगर हो जाये तो वह इतना कठिन तप नहीं कर पाएगी और विधवा हो जायेगी. अत: कोई आसान मार्ग बताएं तो माता ने इस व्रत का रास्ता बताया. जिसके बाद से हर व्रती सुहागिनें करवा चौथ के चंद्रमा का दर्शन कर अपना व्रत खोलती हैं.