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शहीद के परिवार को नसीब नहीं हुई एक अदद सड़क, 20 सालों से लटकी है मांग

कारगिल शहीद अमित नेगी का परिवार आज 20 साल बाद भी घर के आगे की सड़क की बाट जोह रहा है. मुख्य सड़क से 25 मीटर की दूरी पर कारगिल शहीद अमित नेगी का परिवार रहता है. लेकिन अफसोस की बात है कि आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी ने इस परिवार की सुध नहीं ली और एक अदद सड़क की मांग पिछले 20 सालों से जस की तस है.

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Published : Jul 24, 2019, 3:07 PM IST

कारगिल शहीद (फाइल फोटो)

काशीपुर: 26 जुलाई को पूरा देश कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में विजय दिवस मनाने जा रहा है. इस मौके पर तमाम जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और इन कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि शहीदों के परिवारों से कई वादे भी करते हैं. लेकिन ये वादे कितने धरातल पर उतर पाते हैं. इसकी बानगी बाजपुर विधानसभा के ग्राम कुंडेश्वरी में दिखती है. जहां कारगिल शहीद के घरवालों को एक अदद सड़क तक नसीब नहीं हुई है. देखिए खास रिपोर्ट...

शहीद के परिवार को नसीब नहीं हुई एक अदद सड़क

ईटीवी भारत आपको कारगिल शहीद के ऐसे परिवार से रूबरू करवाने जा रहा है. जिन्होंने इस युद्ध के दौरान 20 साल पहले अपना सपूत खोया था. लेकिन 20 सालों में इस शहीद के घर आगे की सड़क की हालत वैसी ही है जैसे आज से 20 साल पहले थी. दरअसल, कुंडेश्वरी का रहने वाले कारगिल शहीद अमित नेगी पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर का थे. देशसेवा का जज्बा लिए वह साल 1994 में 17वीं गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बने.

कारगिल शहीद अमित के भाई सुमित नेगी ने बताया कि छुट्टी में जब भी अमित घर आते थे तो वह सेना के शौर्य की कहानी सुनाते. इसके बाद कारगिल युद्ध शुरू हो गया जिसमें अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 29 जून 1999 को अमित शहीद हो गया. उनके भाई सुमित के मुताबिक, जब अमित महज 23 साल का था. उसके बाद शहीद परिवार को सरकार की ओर से सभी सुविधाएं तो मिली लेकिन आज तक इस परिवार के घर तक कोई सड़क नहीं बनी.

पढ़ें- कारगिल दिवस: 'यार मैं कारगिल युद्ध में जा रहा हूं, छोटे ये बात किसी को मत बताना'

शहीद के भाई का कहना है कि इस मामले को लेकर वह कई सालों से अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटते रहे. इतना ही नहीं वह दो बार बाजपुर विधायक कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य से मिल चुके हैं. लेकिन उनकी इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला. अमित की भाभी आशा नेगी का कहना है कि अमित की शहादत के काफी समय बाद उनकी शादी सुमित नेगी से हुई थी. बीते 14 सालों से वह इस सड़क को ऐसे ही देख रही है.

बता दें कि वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार ने भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और अपने दोनों ही कार्यकाल के दौरान उन्होंने क्षेत्र की काफी सड़कों की हालत को सुधारा है. लेकिन आज तक कैबिनेट मंत्री ने शहीद के इस परिवार की सुध नहीं ली. हालांकि, इस परिवार में आज भी सेना के प्रति कितना प्रेम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुमित अपने दोनों बच्चों को सेना में भेजना चाहते हैं.

काशीपुर: 26 जुलाई को पूरा देश कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में विजय दिवस मनाने जा रहा है. इस मौके पर तमाम जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और इन कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि शहीदों के परिवारों से कई वादे भी करते हैं. लेकिन ये वादे कितने धरातल पर उतर पाते हैं. इसकी बानगी बाजपुर विधानसभा के ग्राम कुंडेश्वरी में दिखती है. जहां कारगिल शहीद के घरवालों को एक अदद सड़क तक नसीब नहीं हुई है. देखिए खास रिपोर्ट...

शहीद के परिवार को नसीब नहीं हुई एक अदद सड़क

ईटीवी भारत आपको कारगिल शहीद के ऐसे परिवार से रूबरू करवाने जा रहा है. जिन्होंने इस युद्ध के दौरान 20 साल पहले अपना सपूत खोया था. लेकिन 20 सालों में इस शहीद के घर आगे की सड़क की हालत वैसी ही है जैसे आज से 20 साल पहले थी. दरअसल, कुंडेश्वरी का रहने वाले कारगिल शहीद अमित नेगी पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर का थे. देशसेवा का जज्बा लिए वह साल 1994 में 17वीं गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बने.

कारगिल शहीद अमित के भाई सुमित नेगी ने बताया कि छुट्टी में जब भी अमित घर आते थे तो वह सेना के शौर्य की कहानी सुनाते. इसके बाद कारगिल युद्ध शुरू हो गया जिसमें अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 29 जून 1999 को अमित शहीद हो गया. उनके भाई सुमित के मुताबिक, जब अमित महज 23 साल का था. उसके बाद शहीद परिवार को सरकार की ओर से सभी सुविधाएं तो मिली लेकिन आज तक इस परिवार के घर तक कोई सड़क नहीं बनी.

पढ़ें- कारगिल दिवस: 'यार मैं कारगिल युद्ध में जा रहा हूं, छोटे ये बात किसी को मत बताना'

शहीद के भाई का कहना है कि इस मामले को लेकर वह कई सालों से अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटते रहे. इतना ही नहीं वह दो बार बाजपुर विधायक कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य से मिल चुके हैं. लेकिन उनकी इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला. अमित की भाभी आशा नेगी का कहना है कि अमित की शहादत के काफी समय बाद उनकी शादी सुमित नेगी से हुई थी. बीते 14 सालों से वह इस सड़क को ऐसे ही देख रही है.

बता दें कि वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार ने भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और अपने दोनों ही कार्यकाल के दौरान उन्होंने क्षेत्र की काफी सड़कों की हालत को सुधारा है. लेकिन आज तक कैबिनेट मंत्री ने शहीद के इस परिवार की सुध नहीं ली. हालांकि, इस परिवार में आज भी सेना के प्रति कितना प्रेम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुमित अपने दोनों बच्चों को सेना में भेजना चाहते हैं.

Intro:

Summary- सरकार के शहीदों के परिजनों को तमाम सुविधाएं देने का वादा करती है काशीपुर के पास बाजपुर विधानसभा के ग्राम कुंडेश्वरी में जाने वाला कारगिल शहीद अमित नेगी का परिवार आज 20 साल बाद भी घर के आगे की सड़क की बाट जोह रहा है। मुख्य सड़क से इस 25 मीटर की दूरी पर कारगिल शहीद अमित नेगी का परिवार रहता है अफसोस यह है कि आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी और यहां तक कि क्षेत्र के दो बार विधायक और कांग्रेस और भाजपा सरकार दोनों में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य से मिलने के बावजूद भी आज तक यह सड़क नहीं बन सकी है।

एंकर- आगामी 26 जुलाई को पूरा देश कारगिल दिवस मनाने जा रहा है। इस मौके पर अनेक कार्यक्रम आयोजित होते हैं तो वही कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों के द्वारा शहीदों के परिवारों से वादे भी किए जाते हैं और उनको पूरा भी किया जाता रहा है लेकिन काशीपुर के पास बाजपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुंडेश्वरी में रहने वाले कारगिल शहीद का स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी किस तरह अपमान कर रहे है। कारगिल शहीद अमित नेगी के भाई सुमित नेगी से खास बातचीत की ईटीवी भारत संवाददाता भागीरथ शर्मा ने।
Body:वीओ- देश के राष्ट्रीय पर्वों पर आपने देश के नेताओं शहीदों के परिजनों और उनके क्षेत्र में रहने वाली जनता से वादे करते हुए तो कई बार देखा होगा लेकिन आज हम आपको कारगिल शहीद के ऐसे परिवार से रूबरू करा रहे हैं जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान आज से 20 वर्ष पूर्व अपना भाई खोया तब से लेकर आज तक 20 वर्षों में उनके घर के आगे की सड़क वैसी ही है जैसी आज से 20 साल पहले थी।
वीओ- दरअसल कुंडेश्वरी का रहने वाला कारगिल शहीद अमित नेगी पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर का था और उसको शुरू से ही सेना में जाने का शौक था इसी शौक के चलते हैं वह सन 1994 में 17 गढ़वाल राइफल्स भर्ती हुआ था। कारगिल शहीद अमित नेगी के भाई सुमित नेगी ने बताया कि छुट्टी में जब भी अमित घर आते थे तो वह सेना के शौर्य की कहानी सुनाते थे। इसके बाद कारगिल युद्ध शुरू हो गया तो कुंडेश्वरी के इस लाल ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए अदम्य साहस का परिचय देते हुए कारगिल में 29 जून 1999 को शहीद हो गया। सुमित के अनुसार जब अमित शहीद हुआ तब अमित की उम्र महज 23 वर्ष थी। उसके बाद से सरकार ने सभी सुविधाएं प्रधान की लेकिन तब से लेकर आज तक उनके घर के आगे की सड़क नहीं बनी जबकि इस बारे में वह तब से लेकर आज तक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों और यहां तक कि वर्तमान में त्रिवेंद्र रावत सरकार के कैबिनेट मंत्री और दो बार बाजपुर विधायक यशपाल आर्य तक से मिल चुके हैं। अमित की भाभी आशा नेगी अभी तक सड़क न बनने से काफी व्यथित दिखाई दे साथ ही उनके मन में इसको लेकर काफी रोष भी दिखा। उनके अनुसार अमित की मौत के काफी समय बाल उनके भाई सुमित नेगी से उनकी शादी हुई थी बीते 14 सालों से वह इस सड़क को आज तक ऐसे कि ऐसे ही देख रही हैं।
वीओ- आपको बताते चलें कि वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार ने भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और अपने दोनों ही कार्यकाल के दौरान क्षेत्र की काफी सड़को की हालत को सुधारा है लेकिन आज तक मंत्री जी ने शहीद का अपमान करते हुए शहीद के घर के आगे की सड़क की सुध तक नहीं ली। लेकिन मंत्री जी के द्वारा इतना अपमानित होने के बावजूद भी सुमित नेगी अपने दोनों बच्चों को सेना में भर्ती करवाने की बात कहते हैं।

बाइट- सुमित नेगी, शहीद अमित नेगी का भाई
बाइट- आशा नेगी, शहीद की भाभीConclusion:एफवीओ- ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि कारगिल दिवस के अवसर पर क्या कारगिल शहीद अमित नेगी के परिवार को सड़क की सौगात मिल पाएगी या नहीं।
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