काशीपुर: 26 जुलाई को पूरा देश कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में विजय दिवस मनाने जा रहा है. इस मौके पर तमाम जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और इन कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि शहीदों के परिवारों से कई वादे भी करते हैं. लेकिन ये वादे कितने धरातल पर उतर पाते हैं. इसकी बानगी बाजपुर विधानसभा के ग्राम कुंडेश्वरी में दिखती है. जहां कारगिल शहीद के घरवालों को एक अदद सड़क तक नसीब नहीं हुई है. देखिए खास रिपोर्ट...
ईटीवी भारत आपको कारगिल शहीद के ऐसे परिवार से रूबरू करवाने जा रहा है. जिन्होंने इस युद्ध के दौरान 20 साल पहले अपना सपूत खोया था. लेकिन 20 सालों में इस शहीद के घर आगे की सड़क की हालत वैसी ही है जैसे आज से 20 साल पहले थी. दरअसल, कुंडेश्वरी का रहने वाले कारगिल शहीद अमित नेगी पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर का थे. देशसेवा का जज्बा लिए वह साल 1994 में 17वीं गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा बने.
कारगिल शहीद अमित के भाई सुमित नेगी ने बताया कि छुट्टी में जब भी अमित घर आते थे तो वह सेना के शौर्य की कहानी सुनाते. इसके बाद कारगिल युद्ध शुरू हो गया जिसमें अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 29 जून 1999 को अमित शहीद हो गया. उनके भाई सुमित के मुताबिक, जब अमित महज 23 साल का था. उसके बाद शहीद परिवार को सरकार की ओर से सभी सुविधाएं तो मिली लेकिन आज तक इस परिवार के घर तक कोई सड़क नहीं बनी.
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शहीद के भाई का कहना है कि इस मामले को लेकर वह कई सालों से अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटते रहे. इतना ही नहीं वह दो बार बाजपुर विधायक कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य से मिल चुके हैं. लेकिन उनकी इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला. अमित की भाभी आशा नेगी का कहना है कि अमित की शहादत के काफी समय बाद उनकी शादी सुमित नेगी से हुई थी. बीते 14 सालों से वह इस सड़क को ऐसे ही देख रही है.
बता दें कि वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार ने भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और अपने दोनों ही कार्यकाल के दौरान उन्होंने क्षेत्र की काफी सड़कों की हालत को सुधारा है. लेकिन आज तक कैबिनेट मंत्री ने शहीद के इस परिवार की सुध नहीं ली. हालांकि, इस परिवार में आज भी सेना के प्रति कितना प्रेम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुमित अपने दोनों बच्चों को सेना में भेजना चाहते हैं.