रुद्रपुरः नमामि गंगे योजना के तहत अब उन नदियों का भी कायाकल्प होगा जो अपना अस्तित्व खोने के आखिरी मुकाम पर हैं. इसी के तहत रुद्रपुर में बहने वाली कल्याणी नदी को भी नमामि गंगे योजना में शामिल किया गया है. इसके लिए अब पेयजल निगम डीपीआर बनाने में जुट गया है. हालांकि, विभाग के कर्मचारियों को अतिक्रमण के चलते डीपीआर बनाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विभाग जल्द ही नदी की रिपोर्ट जिला गंगा समिति के समक्ष प्रस्तुत कर डीपीआर तैयार करेगा.
रुद्रपुर के लिए कभी संजीवनी का काम करने वाली कल्याणी नदी आज लगातार प्रदूषित हो रही है. भारत सरकार की योजना नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत अब कल्याणी नदी का कल्याण होने जा रहा है. सरकार द्वारा नदी की सफाई और उसके पानी को साफ करने की कवायद तेज कर दी गई है. पेयजल निगम को नदी को स्वच्छ करने के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
पेयजल निगम की अधिशासी अभियंता मृदुला सिंह ने बताया कि गंगा की सहायक नदी होने के चलते कल्याणी नदी को नमामि गंगे कार्यक्रम में शामिल किया गया है. नदी में अतिक्रमण होने के चलते काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कई बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जा रही है. जिसके बाद रिपोर्ट को जिला गंगा समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद कल्याणी नदी का डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा जाएगा.
क्या है नमामी गंगे योजना? : 2014 में केंद्र सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 'नमामि गंगे' नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया है. इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है. इसी योजना को विस्तार देते हुए देश की विलुप्त हो रही अन्य नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए इससे जोड़ा जा रहा है.