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जसपुर तहसील में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के लगे आरोप - jaspur tehsil latest news

जसपुर में अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाकर पेट्रोल पंप स्वीकृत करने के आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा रविवार को प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है.

fake certificate in jaspur tehsil
fake certificate in jaspur tehsil
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Published : Oct 4, 2020, 8:29 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 8:35 PM IST

जसपुर: प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद जसपुर तहसील से लगातार फर्जी प्रमाण पत्र बनने की खबरें सामने आ रही हैं. रविवार को अपात्र व्यक्ति को एससी जाति का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. आरोप है कि इसी प्रमाण पत्र के तहत अनुसूचित जनजाति का लाभ उठाते हुए जसपुर क्षेत्र में एक पेट्रोल पम्प स्वीकृत कराया गया है.

बता दें कि, इस प्रकरण की शिकायत जब प्रशासन से की गई तो एसडीएम ने जांच के लिए तीन सदस्य राजस्वकर्मियों की जांच कमेटी बनाई थी. बताया जा रहा है जांच कमेटी द्वारा भी उक्त प्रमाण पत्र को गलत करार देते हुए निरस्त करने की सिफारिश की गई थी.

बावजूद इसके प्रमाण पत्र आज तक निरस्त नहीं किया गया, जबकि अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं शोषित वर्ग उत्थान समिति के केंद्रीय मंत्री डॉ. वीर सिंह गौतम से लेकर अनुसूचित आयोग सहित प्रशानिक अधिकारियों से इसकी शिकायत की जा चुकी है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसी को लेकर रविवार को एक बार फिर एसडीएम को ज्ञापन देकर प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की है.

पढ़ें- लैब टेक्नीशियनों ने किया आंदोलन का ऐलान, उत्पीड़न का लगाया आरोप

डेढ़ दशक पूर्व आस्तित्व में आई जसपुर तहसील में फर्जी प्रमाण पत्रों का ये पहला मामला नहीं है. यहां कई बार इसी प्रकार के मामले सामने आते रहे हैं. इससे पूर्व भी एक व्यक्ति पर फर्जी रूप से स्थाई व जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ने के आरोप लगे थे.

ताजा मामला उजागर होने के बाद तहसील प्रशासन द्वारा इसी मामले में कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. बहरहाल जीरो टोरलेन्स की सरकार में सरकारी अधिकारियों पर लग रहे आरोपों ने प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

जसपुर: प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद जसपुर तहसील से लगातार फर्जी प्रमाण पत्र बनने की खबरें सामने आ रही हैं. रविवार को अपात्र व्यक्ति को एससी जाति का प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. आरोप है कि इसी प्रमाण पत्र के तहत अनुसूचित जनजाति का लाभ उठाते हुए जसपुर क्षेत्र में एक पेट्रोल पम्प स्वीकृत कराया गया है.

बता दें कि, इस प्रकरण की शिकायत जब प्रशासन से की गई तो एसडीएम ने जांच के लिए तीन सदस्य राजस्वकर्मियों की जांच कमेटी बनाई थी. बताया जा रहा है जांच कमेटी द्वारा भी उक्त प्रमाण पत्र को गलत करार देते हुए निरस्त करने की सिफारिश की गई थी.

बावजूद इसके प्रमाण पत्र आज तक निरस्त नहीं किया गया, जबकि अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं शोषित वर्ग उत्थान समिति के केंद्रीय मंत्री डॉ. वीर सिंह गौतम से लेकर अनुसूचित आयोग सहित प्रशानिक अधिकारियों से इसकी शिकायत की जा चुकी है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसी को लेकर रविवार को एक बार फिर एसडीएम को ज्ञापन देकर प्रमाण पत्र को निरस्त करने की मांग की है.

पढ़ें- लैब टेक्नीशियनों ने किया आंदोलन का ऐलान, उत्पीड़न का लगाया आरोप

डेढ़ दशक पूर्व आस्तित्व में आई जसपुर तहसील में फर्जी प्रमाण पत्रों का ये पहला मामला नहीं है. यहां कई बार इसी प्रकार के मामले सामने आते रहे हैं. इससे पूर्व भी एक व्यक्ति पर फर्जी रूप से स्थाई व जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ने के आरोप लगे थे.

ताजा मामला उजागर होने के बाद तहसील प्रशासन द्वारा इसी मामले में कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. बहरहाल जीरो टोरलेन्स की सरकार में सरकारी अधिकारियों पर लग रहे आरोपों ने प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

Last Updated : Oct 4, 2020, 8:35 PM IST
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