काशीपुरः जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने कानूनगो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. साथ ही मामले को लेकर तहसील परिसर में अपने समर्थकों के साथ धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने कानूनगो पर गंभीर आरोप लगाते हुए बर्खास्त करने की मांग की. इससे पहले कानूनगो ने विधायक चौहान पर अभद्र व्यवहार और गाली गलौज करने के आरोप लगाया था.
बता दें कि बीते रोज तहसील में कानूनगो पद पर तैनात सुशील जुनेजा ने जसपुर विधायक आदेश चौहान पर अपने समर्थकों के साथ उनके कार्यालय में जाकर अभद्र व्यवहार और गाली गलौज करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं उन्होंने जसपुर कोतवाली में तहरीर देकर विधायक आदेश चौहान और उनके कार्यकर्ताओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर ही रही थी कि कानूनगो सुशील जुनेजा के खिलाफ विधायक आदेश चौहान के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ता तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए.
कांग्रेसियों ने कानूनगो पर रिश्वत लेकर काम करने का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर डाली. विधायक आदेश चौहान ने कहा कि रिश्वत से संबंधित मामलों पर जसपुर एसडीएम सीमा विश्वकर्मा से फोन पर बातचीत के बाद तहसीलदार पूनम पंत के पास आए थे. जहां उनसे कुछ मुद्दों को लेकर बातचीत करने थी. उन्होंने नसीम नाम के पटवारी पर धान की फसल के नुकसान का जायजा लेकर मुआवजा न देने और नाजायज तरीके से पैसे लेकर चेक के जरिए मुआवजा दिलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एसडीएम और तहसीलदार ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
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वहीं, उन्होंने दूसरे मामले के तहत सुशील जुनेजा नाम के पटवारी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि वे गदरपुर में साल 2018 में अपने कार्यालय में रिश्वत लेते पकड़े गए थे. इस मामले में वो जेल भी जा चुके हैं. जसपुर में नियुक्ति के बाद उक्त लेखपाल को प्रभारी कानूनगो का पद पर तैनात कर दिया गया. उन्होंने बीते रोज ₹1000 लेकर जमीन का खसरा देने के आरोप लगाया और कानूनगो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने आज दोपहर 12 बजे तक कार्रवाई न किए जाने पर धरना देने की बात कही थी.
उन्होंने बार एसोसिएशन और किसान यूनियन को साथ लेकर धरना देने की चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि कानूनगो की ओर से उनपर और प्रधान के खिलाफ झूठी तहरीर देकर उन्हें दबाव में लेने की कोशिश की गई है, लेकिन अब लड़ाई आर-पार की होगी. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर पुलिस को कानूनगो की तहरीर जायज लगती है तो उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करें, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. वो जनता की लड़ाई लड़ते रहेंगे.