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रुद्रपुर: कृषि बिल के विरोध में किसानों ने किया प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

किसान विधेयक बिल को लेकर भारतीय किसान यूनियन उत्तराखंड की जिला इकाई ने जिला मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही बिल वापस न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

रुद्रपुर
कृषि बिल के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
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Published : Sep 21, 2020, 1:27 PM IST

Updated : Sep 21, 2020, 1:57 PM IST

रुद्रपुर: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान विधेयक बिल पारित होने का भारतीय किसान यूनियन उत्तराखंड की जिला इकाई ने जिला मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन किया. इसके साथ ही यूनियन पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को पीएम मोदी के नाम से ज्ञापन सौंपा.

कृषि बिल के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान विधेयक बिल किसानों के हित में नहीं है. बिल के कारण किसानों की उपज को व्यापारी ओने पौने दामों पर खरीदेंगे,इसलिए इस बिल को वापस लिए जाने की मांग की जा रही है.किसानों का कहना है कि जो कृषक, उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 पारित किए गए है. वह किसानों के हित में नहीं है. इसके पारित होने से मंडी बोर्ड खत्म हो जाएगी. जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है. साथ ही कॉरपरेट जगत और बिचौलियों को इसका फायदा होगा.

ये भी पढ़ें: सिर्फ एक दिन का होगा विधानसभा का मानसून सत्र, जनता के मुद्दे रहेंगे गायब !

कानून बनने के बाद व्यापारी किसान के फसल को ओने-पौने दामों में खरीदेगा. मंडी खत्म होने के बाद किसानों के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि इस बिल से देश मे जमाखोरी ओर कालाबाजारी भी बढ़ेगी.

उत्तराखंड किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रेम सिंह ने बताया कि जो बिल राज्यसभा और लोकसभा में पारित किए गए हैं, वह किसान विरोधी हैं. इन बिलों के कारण किसानों की उपज व्यापारी ओने-पौने दामों में खरीदेंगे. एमएसपी को लेकर बिल में कोई भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक यह बिल किसानों के हितों में नहीं दिखाई देता, तब तक पूर्व बिल ही लागू रखा जाए. अगर ऐसा नहीं होता तो किसान उग्र आंदोलन को विवश होंगे.

रुद्रपुर: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान विधेयक बिल पारित होने का भारतीय किसान यूनियन उत्तराखंड की जिला इकाई ने जिला मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन किया. इसके साथ ही यूनियन पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को पीएम मोदी के नाम से ज्ञापन सौंपा.

कृषि बिल के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान विधेयक बिल किसानों के हित में नहीं है. बिल के कारण किसानों की उपज को व्यापारी ओने पौने दामों पर खरीदेंगे,इसलिए इस बिल को वापस लिए जाने की मांग की जा रही है.किसानों का कहना है कि जो कृषक, उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 पारित किए गए है. वह किसानों के हित में नहीं है. इसके पारित होने से मंडी बोर्ड खत्म हो जाएगी. जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है. साथ ही कॉरपरेट जगत और बिचौलियों को इसका फायदा होगा.

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कानून बनने के बाद व्यापारी किसान के फसल को ओने-पौने दामों में खरीदेगा. मंडी खत्म होने के बाद किसानों के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा. उन्होंने कहा कि इस बिल से देश मे जमाखोरी ओर कालाबाजारी भी बढ़ेगी.

उत्तराखंड किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष प्रेम सिंह ने बताया कि जो बिल राज्यसभा और लोकसभा में पारित किए गए हैं, वह किसान विरोधी हैं. इन बिलों के कारण किसानों की उपज व्यापारी ओने-पौने दामों में खरीदेंगे. एमएसपी को लेकर बिल में कोई भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक यह बिल किसानों के हितों में नहीं दिखाई देता, तब तक पूर्व बिल ही लागू रखा जाए. अगर ऐसा नहीं होता तो किसान उग्र आंदोलन को विवश होंगे.

Last Updated : Sep 21, 2020, 1:57 PM IST
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