खटीमा: लोकसभा चुनाव में हार के बाद पहली बार कार्यकर्ताओं से मिलने हरीश रावत खटीमा पहुंचे. इस दौरान हरीश रावत ने राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए पंचायत एक्ट पर जमकर निशाना साधा. हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये पंचायत एक्ट को अव्यवहारिक बताया. चुनाव लड़ने के लिए हाई स्कूल की अनिवार्यता पर बोलते हुए हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार लोगों से चुनाव लड़ने का हक छीन रही है.
उत्तराखंड में दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. राज्य सरकार ने इसके लिए पंचायती राज (संशोधन) अधिनियम 2019 को विधानसभा में पारित किया है. जिसे लेकर अब जुबानी जंग शुरू हो गई है. जहां राज्य सरकार पंचायत चुनाव से पहले अपना मास्टर स्ट्रोक खेल कर इसे आने वाले दिनों के लिए बेहतरीन बता रही है.
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वहीं विपक्ष इसे लोगों के हक से जोड़ते हुए अव्यवहारिक बता रहा है. सोमवार को खटीमा पहुंचे कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने सरकार के इस फैसले पर पलटवार किया है. हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी ने पंचायत एक्ट बनने से पहले ही लागू कर दिया है, जो कि गलत है.
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पंचायत एक्ट में प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित करने को लेकर भी हरीश रावत ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ऐसा करके राज्य सरकार लोगों से चुनाव लड़ने का हक छीन रही है. जिसके कारण त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई पद खाली रह जाएंगे. जिसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.
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लोकसभा चुनाव में मिली हार पर बोलते हुए हरीश रावत ने कहा कि आज भी पार्टी एकजुट है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आने वाले पंचायत चुनाव में पूरे समय में दमखम से चुनाव लड़कर भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी.