खटीमाः पूर्व मुख्यमंत्री व पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने अपने 'पंज प्यारे' वाले बयान पर प्रायश्चित किया है. परिवर्तन यात्रा के दौरान नानकमत्ता पहुंचे हरीश रावत ने गुरुद्वारा साहिब में झाड़ू लगाकर और जूते साफ कर अपना प्रायश्चित किया. साथ ही हरदा ने इस पूरे मामले में सिख समाज से माफी भी मांगी है.
इस दौरान रावत ने कहा कि-
मैं, सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूं. मैं पुनः आदर सूचक शब्द समझकर उपयोग किये गये अपने शब्द के लिये मैं सबसे क्षमा चाहता हूं.
दरअसल, पंजाब में कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रही खेमेबाजी को शांत कराने के इरादे से चंडीगढ़ पहुंचे हरीश रावत ने पीसीसी चीफ नवजोत सिंह सिद्धू और 4 कार्यकारी अध्यक्षों को लेकर कहा था कि पंज प्यारे के साथ चर्चा करना उनकी जिम्मेदारी है. उधर, शिरोमणि अकाली दल ने उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि हरीश रावत को पता होना चाहिए कि सिखों के लिए पंज प्यारे का क्या महत्व है, यह कोई मजाक नहीं है. इस बयान के बाद से ही हरीश बीजेपी और सिख समुदाय के निशाने पर आ गए थे.
इतना ही नहीं, सूबे में सियासत भी गरमा गई थी. बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने भी इस मुद्दे को काफी भुनाने की कोशिश की. उस दौरान भी रावत ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल सम्मानित व्यक्ति के लिए संदर्भ के तौर पर किया था, लेकिन फिर भी अगर उनके शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुईं हो तो वो माफी मांगते हैं और शब्दों को वापस लेते हैं.
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वहीं, आज आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर नानकमत्ता में कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन भी किया. इस दौरान आप और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने हुए. हालांकि, पुलिस ने बमुश्किल दोनों पार्टी कार्यकर्ताओं को भिड़ने से रोका. वहीं, हरीश रावत ने नानकमत्ता गुरुद्वारे पहुंचकर झाड़ू लगाकर और श्रद्धालुओं के जूते साफ कर इस मुद्दे को समाप्त करने का प्रयास किया. साथ ही प्रेस वार्ता कर हरीश रावत ने सिख समाज से इस पूरे मामले में माफी भी मांगी.