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लखीमपुर खीरी कूच कर रहे हरीश रावत बहेड़ी में रोके गए, धरना दिया फिर लौट आए - Harish Rawat arrested

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और गणेश गोदियाल समेत कई कांग्रेसी बाजपुर से लखीमपुर खीरी कूच किया, लेकिन उन्हें पुलिस ने यूपी के बहेड़ी बॉर्डर पर रोक लिया. हरीश रावत का कहना है कि जब किसानों की आवाज दब नहीं सकी तो बीजेपी ने किसानों को कुचलने का काम किया है.

harish rawat
हरीश रावत
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Published : Oct 7, 2021, 3:08 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 5:36 PM IST

रुद्रपुरः कांग्रेस लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है. आज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बाजपुर पहुंचे. जहां हरदा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत अन्य नेताओं के साथ ट्रैक्टर में सवार होकर आक्रोश जताया. जिसके बाद उन्होंने 'किसान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ' नारे के साथ लखीमपुर खीरी कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बरेली में यूपी बॉर्डर पर बहेड़ी के पास पुलिस ने रोक दिया. जिससे नाराज हरीश रावत टोल पर ही धरने पर बैठ गए.

दरअसल, कृषि कानून और लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने ट्रैक्टर में सवार होकर किसान बचाओ लोकतंत्र बचाव मार्च निकाला. बाजपुर से हरीश रावत का काफिला लखीमपुर खीरी के लिए निकला, लेकिन उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने उन्हें रोक दिया. जिसके बाद हरीश रावत समेत तमाम कांग्रेसी नेता धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान यूपी पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं संग मामूली नोक झोंक भी हुई. करीब एक घंटे के हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष अपने समर्थकों संग वापस लौट गए.

हरीश रावत और गोदियाल का लखीमपुर कूच.

ये भी पढ़ेंः सरकार को लोकतंत्र में विश्वास नहीं, लखीमपुर की घटना पर हरीश रावत का गुस्सा

बता दें कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद यूपी प्रशासन अलर्ट पर है. ऐसे में राजनीतिक दलों को क्षेत्र में नहीं जाने दिया जा रहा है. इसके बावजूद हरीश रावत को पांच लोगों को लेकर लखीमपुर खीरी जाने की परमिशन दी गई थी, लेकिन हरीश रावत अपने समर्थकों संग जाने की जिद में अडे़ रहे. जहां प्रदर्शन के बाद हरीश रावत को अपने समर्थकों संग बैरंग लौटना पड़ा.

आवाज नहीं दबा सकी तो आवाज देने वालों को कुचलाः इस दौरान हरीश रावत ने बीजेपी सरकार पर कानून और दबंगई से किसानों को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी सरकार ने कृषि कानून को लागू कर किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया था, लेकिन जब किसानों की आवाज दब नहीं सकी तो बीजेपी ने किसानों को कुचलने का काम किया है. कांग्रेस का लोकतंत्र बचाओ मार्च बाजपुर से शुरू होकर लखीमपुर खीरी पहुंचेगा.

वहीं, हरीश रावत ने केंद्रीय राज्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार किसानों और आम जनता से उनके अधिकारों को छीनने का काम कर रही है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं, उन्होंने उत्तराखंड से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) हटाने की मांग भी की.

ये भी पढ़ेंः महिला कांग्रेस ने PM से मांगा 'जवाब और हिसाब', लखीमपुर खीरी कांड पर मांगी सफाई

क्या है पूरा मामला? उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी में में हिंसा भड़की थी. हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, एक पत्रकार की मौत की खबर भी है. यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई. बताया जा रहा है कि स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) वाहनों से कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी. प्रदर्शनकारी किसान, मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे, जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है.

प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना से नाराज लोगों ने दो वाहनों में आग लगा दी. उन्होंने कथित तौर पर कुछ लोगों की भी पिटाई की. किसानों का आरोप है कि एक वाहन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा सवार था. हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज कर दिया है. इस घटना को लेकर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घटना के लिए बीजेपी और गृह राज्य मंत्री के पुत्र को जिम्मेदार ठहराया है.

रुद्रपुरः कांग्रेस लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है. आज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बाजपुर पहुंचे. जहां हरदा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत अन्य नेताओं के साथ ट्रैक्टर में सवार होकर आक्रोश जताया. जिसके बाद उन्होंने 'किसान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ' नारे के साथ लखीमपुर खीरी कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें बरेली में यूपी बॉर्डर पर बहेड़ी के पास पुलिस ने रोक दिया. जिससे नाराज हरीश रावत टोल पर ही धरने पर बैठ गए.

दरअसल, कृषि कानून और लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने ट्रैक्टर में सवार होकर किसान बचाओ लोकतंत्र बचाव मार्च निकाला. बाजपुर से हरीश रावत का काफिला लखीमपुर खीरी के लिए निकला, लेकिन उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने उन्हें रोक दिया. जिसके बाद हरीश रावत समेत तमाम कांग्रेसी नेता धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान यूपी पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं संग मामूली नोक झोंक भी हुई. करीब एक घंटे के हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष अपने समर्थकों संग वापस लौट गए.

हरीश रावत और गोदियाल का लखीमपुर कूच.

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बता दें कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद यूपी प्रशासन अलर्ट पर है. ऐसे में राजनीतिक दलों को क्षेत्र में नहीं जाने दिया जा रहा है. इसके बावजूद हरीश रावत को पांच लोगों को लेकर लखीमपुर खीरी जाने की परमिशन दी गई थी, लेकिन हरीश रावत अपने समर्थकों संग जाने की जिद में अडे़ रहे. जहां प्रदर्शन के बाद हरीश रावत को अपने समर्थकों संग बैरंग लौटना पड़ा.

आवाज नहीं दबा सकी तो आवाज देने वालों को कुचलाः इस दौरान हरीश रावत ने बीजेपी सरकार पर कानून और दबंगई से किसानों को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहले बीजेपी सरकार ने कृषि कानून को लागू कर किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया था, लेकिन जब किसानों की आवाज दब नहीं सकी तो बीजेपी ने किसानों को कुचलने का काम किया है. कांग्रेस का लोकतंत्र बचाओ मार्च बाजपुर से शुरू होकर लखीमपुर खीरी पहुंचेगा.

वहीं, हरीश रावत ने केंद्रीय राज्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार किसानों और आम जनता से उनके अधिकारों को छीनने का काम कर रही है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं, उन्होंने उत्तराखंड से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) हटाने की मांग भी की.

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क्या है पूरा मामला? उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी में में हिंसा भड़की थी. हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, एक पत्रकार की मौत की खबर भी है. यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई. बताया जा रहा है कि स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) वाहनों से कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी. प्रदर्शनकारी किसान, मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे, जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है.

प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना से नाराज लोगों ने दो वाहनों में आग लगा दी. उन्होंने कथित तौर पर कुछ लोगों की भी पिटाई की. किसानों का आरोप है कि एक वाहन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा सवार था. हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज कर दिया है. इस घटना को लेकर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घटना के लिए बीजेपी और गृह राज्य मंत्री के पुत्र को जिम्मेदार ठहराया है.

Last Updated : Oct 7, 2021, 5:36 PM IST
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