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चीमा ने की मैदानी जिलों से विकास प्राधिकरण समाप्त करने की मांग

तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहाड़ी जिलों के विकास प्राधिकरण स्थगित करने की घोषणा की थी. अब मैदानी जिलों से भी इसी तरह की मांग उठ रही है.

kashipur MLA News
काशीपुर विकास प्राधिकरण समाचार
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Published : Jan 30, 2021, 1:48 PM IST

काशीपुर: काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मैदानी क्षेत्रों के विकास प्राधिकरणों को समाप्त करने की मांग की है. चीमा ने कहा कि मुझ पर पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में भेदभाव रखने का आरोप लगाया जाता था. इस घोषणा के मायने आज अत्यंत विचारणीय हैं.

हरभजन चीमा ने कहा कि इस संबंध में उनके द्वारा मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया था कि प्रदेश में विकास प्राधिकरण के कारण विकास अवरुद्ध हो रहा है. आम जनमानस को अपना मकान/दुकान बनाने के लिए लंबी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ रहा है. साथ ही इसमें सरकारी फीस के अलावा मनमानी राशि अलग से मांगी जाती है. इस पर बहुत से लोगों को सरकार को बदनाम करने का मौका मिल जाता है.

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उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी पूर्व में मुख्यमंत्री के समक्ष उत्तराखंड के विकास प्राधिकरण को खत्म करने की कई बार मांग की है. उनका कहना था कि विकास प्राधिकरण राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल नहीं है. साथ ही इसमें भ्रष्टाचार की बू आती है. विधायक चीमा ने कहा कि वे चाहते हैं कि मैदानी जिलों में भी विकास प्राधिकरण स्थगित किया जाए. इस हेतु वे मुख्यमंत्री से मांग कर रहे हैं.

काशीपुर: काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मैदानी क्षेत्रों के विकास प्राधिकरणों को समाप्त करने की मांग की है. चीमा ने कहा कि मुझ पर पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में भेदभाव रखने का आरोप लगाया जाता था. इस घोषणा के मायने आज अत्यंत विचारणीय हैं.

हरभजन चीमा ने कहा कि इस संबंध में उनके द्वारा मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया था कि प्रदेश में विकास प्राधिकरण के कारण विकास अवरुद्ध हो रहा है. आम जनमानस को अपना मकान/दुकान बनाने के लिए लंबी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ रहा है. साथ ही इसमें सरकारी फीस के अलावा मनमानी राशि अलग से मांगी जाती है. इस पर बहुत से लोगों को सरकार को बदनाम करने का मौका मिल जाता है.

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उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी पूर्व में मुख्यमंत्री के समक्ष उत्तराखंड के विकास प्राधिकरण को खत्म करने की कई बार मांग की है. उनका कहना था कि विकास प्राधिकरण राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल नहीं है. साथ ही इसमें भ्रष्टाचार की बू आती है. विधायक चीमा ने कहा कि वे चाहते हैं कि मैदानी जिलों में भी विकास प्राधिकरण स्थगित किया जाए. इस हेतु वे मुख्यमंत्री से मांग कर रहे हैं.

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