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पेप्सिको के खिलाफ किसानों का आक्रोश, केंद्र सरकार से केस वापस लेने की मांग

प्सीको ने गुजरात के किसानों द्वारा आलू की प्रजाति FL 2027 की खेती करने पर कोर्ट में घसीटा है. पेप्सीको ने कोर्ट में कॉपीराइट का उल्लंघन का केस दर्ज कराया है.

केंद्र सरकार से केस वापस लेने की मांग
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Published : Apr 28, 2019, 7:48 PM IST

काशीपुर: गुजरात में पेप्सिको द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमों को लेकर भारतीय किसान यूनियन में खासा आक्रोश बना हुआ है. जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा ने बताया कि पेप्सिको कंपनी द्वारा किसानों का शोषण किए जाने बात कही है. साथ ही सरकार के माध्यम से पेप्सीको कंपनी से किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की.

पढ़ें- हवाई सेवा को लेकर प्रशासन सुस्त, 2 हेलीपैड में जमी बर्फ

बता दें, पेप्सीको ने गुजरात के किसानों द्वारा आलू की प्रजाति FL 2027 की खेती करने पर कोर्ट में घसीटा है. पेप्सीको ने कोर्ट में कॉपीराइट का उल्लंघन का केस करते हुए गुजरात के किसानों पर 10-10 करोड़ रुपये का मुकदमा दर्ज कराया है, जिससे देशभर के किसानों में खासा आक्रोश बना हुआ है.

रविंद्र सिंह राणा ने बताया कि किसानों पर हुए मुकदमे को वापस लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. इसके साथ ही उन्होंने किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार ने किसानों की बात को अनसुना किया तो किसान पेप्सिको कंपनी के उत्पादों को देश भर में नहीं बिकने देंगे.

क्या है मामला ?
पेप्सिको ने कोर्ट में कहा है कि कंपनी एफएल 2027 प्रजाति का आलू इस्तेमाल करती है. एफएल 2027 प्रजाति का आलू एफएल 1867 का हाईब्रिड प्रजाति है. इस किस्म को कंपनी ने प्रोटेक्‍शन ऑफ प्लांट वैराइटीज एंड फार्मर राइट्स एक्ट 2001 के अंतर्गत रजिस्टर करवाया है. इस किस्म का व्यापारिक तौर पर इस्तेमाल पहली बार 2009 में किया गया था. कंपनी ने बताया कि इस किस्म के आलू को उगाने के लिए पंजाब के कुछ किसानों को ही लाइसेंस दिया गया है.

काशीपुर: गुजरात में पेप्सिको द्वारा किसानों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमों को लेकर भारतीय किसान यूनियन में खासा आक्रोश बना हुआ है. जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा ने बताया कि पेप्सिको कंपनी द्वारा किसानों का शोषण किए जाने बात कही है. साथ ही सरकार के माध्यम से पेप्सीको कंपनी से किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की.

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बता दें, पेप्सीको ने गुजरात के किसानों द्वारा आलू की प्रजाति FL 2027 की खेती करने पर कोर्ट में घसीटा है. पेप्सीको ने कोर्ट में कॉपीराइट का उल्लंघन का केस करते हुए गुजरात के किसानों पर 10-10 करोड़ रुपये का मुकदमा दर्ज कराया है, जिससे देशभर के किसानों में खासा आक्रोश बना हुआ है.

रविंद्र सिंह राणा ने बताया कि किसानों पर हुए मुकदमे को वापस लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. इसके साथ ही उन्होंने किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार ने किसानों की बात को अनसुना किया तो किसान पेप्सिको कंपनी के उत्पादों को देश भर में नहीं बिकने देंगे.

क्या है मामला ?
पेप्सिको ने कोर्ट में कहा है कि कंपनी एफएल 2027 प्रजाति का आलू इस्तेमाल करती है. एफएल 2027 प्रजाति का आलू एफएल 1867 का हाईब्रिड प्रजाति है. इस किस्म को कंपनी ने प्रोटेक्‍शन ऑफ प्लांट वैराइटीज एंड फार्मर राइट्स एक्ट 2001 के अंतर्गत रजिस्टर करवाया है. इस किस्म का व्यापारिक तौर पर इस्तेमाल पहली बार 2009 में किया गया था. कंपनी ने बताया कि इस किस्म के आलू को उगाने के लिए पंजाब के कुछ किसानों को ही लाइसेंस दिया गया है.

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गुजरात में पेप्सीको कंपनी द्वारा किसानों के खिलाफ कोर्ट में कराए गए मुकदमों को लेकर भारतीय किसान यूनियन में खासा आक्रोश बना हुआ है। जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। पत्रकार वार्ता के माध्यम से उन्होंने पेप्सीको कंपनी के द्वारा किसानों का शोषण किए जाने की बात करते हुए सरकार के माध्यम से पेप्सीको कंपनी से किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की।


Body:उन्होंने बताया कि गुजरात के किसानों द्वारा आलू की प्रजाति एफ एल 2027 की खेती करने पर पेप्सीको कंपनी ने किसानों पर कोर्ट में कॉपीराइट के उल्लंघन का 10-10 करोड़ का मुकदमा दर्ज कराया है जिससे देशभर के किसानों में खासा आक्रोश बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसानों पर हुए मुकदमे को वापस लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन में केंद्र सरकार को भी एक पत्र लिखा है। इसी के साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा किसानों की बात को अनसुना किया जाएगा और किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो किसान पेप्सीको कंपनी के द्वारा देशभर में बेचे जाने वाले उत्पादों को बिकने नहीं देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि देश का किसान बंधुओं तरीके से किसानी नहीं करेगा और ऐसी कंपनियों को मुंहतोड़ जवाब देगा।
बाइट- रविंद्र सिंह राणा, युवा विंग, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन


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