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रुद्रपुर में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट से होगा कूड़े का निस्तारण, ईधन के रूप में होगा इस्तेमाल

रुद्रपुर नगर निगम के सीबीजी प्लांट में कुछ माह बाद गीले कूड़े का निस्तारण कर बायोगैस निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. प्लांट निर्माण के लिए कंपनी द्वारा युद्ध स्तर कार्य किया जा रहा है. 6 माह बाद शहर को कूड़े के पहाड़ से निजात मिलनी शुरू हो जाएगी.

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Published : Nov 24, 2022, 3:58 PM IST

रुद्रपुर: एनएच-74 से लगे कूड़े के पहाड़ (Garbage mountains adjacent to NH 74) से शहर वासियों को जल्द ही निजात मिलने वाली है. फाजलपुर महौराला में निर्माणाधीन कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट (compressed biogas plant) में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. आने वाले कुछ माह बाद शहर के कूड़े का निस्तारण प्लांट में किया जाएगा.

6 माह बाद रुद्रपुर को कूड़े के पहाड़ से निजात (Rudrapur gets rid of the mountain of garbage) मिलनी शुरू हो जाएगी. कूड़े से बनने वाली बायोगैस का इस्तेमाल (Use of biogas made from garbage) सीएनजी के रूप में किया जाएगा. जिससे नगर निगम को आमदनी भी होगी. 8 करोड़ की लागत से बन कर तैयार होने वाले प्लांट में नगर निगम को एक भी रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

रुद्रपुर में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट से होगा कूड़े का निस्तारण.
ये भी पढ़ें: निसणी गांव में पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, 5 साल के मासूम को बनाया था निवाला

बता दें कि फाजलपुर महरौला में नगर निगम रूद्रपुर के प्रयास से निजी संस्थान द्वारा सीबीजी यानी की कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. आने वाले कुछ महीनों बाद प्लांट में कूड़े से बायोगैस बननी शुरू हो जाएगी. प्लांट में एक दिन में 37 हजार किलो जैविक कूड़े का निस्तारण (organic waste disposal) करेगा. 8 करोड़ की लागत से बनने वाले प्लांट में बायोगैस को सीएनजी गैस के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

रुद्रपुर महापौर रामपाल सिंह ने बताया कि फाजलपुर महरौला में रुद्रपुर नगर निगम की जमीन में महाराष्ट्र की कंपनी द्वारा प्लांट को तैयार किया जा रहा है. अगले 6 माह में प्लांट में गीले कूड़े का निस्तारण होना शुरू हो जाएगा. प्लांट में बायोगैस का निर्माण किया जाएगा. जिसका इस्तेमाल सीएनजी के रूप में किया जाएगा. यही नहीं कंपनी कूड़े के एवज में रुद्रपुर नगर निगम को भुगतान भी करेगी. 25 वर्ष बाद कंपनी प्लांट को नगर निगम रुद्रपुर को सुपुर्द कर देगी.

रुद्रपुर: एनएच-74 से लगे कूड़े के पहाड़ (Garbage mountains adjacent to NH 74) से शहर वासियों को जल्द ही निजात मिलने वाली है. फाजलपुर महौराला में निर्माणाधीन कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट (compressed biogas plant) में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है. आने वाले कुछ माह बाद शहर के कूड़े का निस्तारण प्लांट में किया जाएगा.

6 माह बाद रुद्रपुर को कूड़े के पहाड़ से निजात (Rudrapur gets rid of the mountain of garbage) मिलनी शुरू हो जाएगी. कूड़े से बनने वाली बायोगैस का इस्तेमाल (Use of biogas made from garbage) सीएनजी के रूप में किया जाएगा. जिससे नगर निगम को आमदनी भी होगी. 8 करोड़ की लागत से बन कर तैयार होने वाले प्लांट में नगर निगम को एक भी रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

रुद्रपुर में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट से होगा कूड़े का निस्तारण.
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बता दें कि फाजलपुर महरौला में नगर निगम रूद्रपुर के प्रयास से निजी संस्थान द्वारा सीबीजी यानी की कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. आने वाले कुछ महीनों बाद प्लांट में कूड़े से बायोगैस बननी शुरू हो जाएगी. प्लांट में एक दिन में 37 हजार किलो जैविक कूड़े का निस्तारण (organic waste disposal) करेगा. 8 करोड़ की लागत से बनने वाले प्लांट में बायोगैस को सीएनजी गैस के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

रुद्रपुर महापौर रामपाल सिंह ने बताया कि फाजलपुर महरौला में रुद्रपुर नगर निगम की जमीन में महाराष्ट्र की कंपनी द्वारा प्लांट को तैयार किया जा रहा है. अगले 6 माह में प्लांट में गीले कूड़े का निस्तारण होना शुरू हो जाएगा. प्लांट में बायोगैस का निर्माण किया जाएगा. जिसका इस्तेमाल सीएनजी के रूप में किया जाएगा. यही नहीं कंपनी कूड़े के एवज में रुद्रपुर नगर निगम को भुगतान भी करेगी. 25 वर्ष बाद कंपनी प्लांट को नगर निगम रुद्रपुर को सुपुर्द कर देगी.

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