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आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करना पड़ा महंगा, निजी अस्पताल पर हुई बड़ी कार्रवाई

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Published : May 14, 2019, 9:13 AM IST

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अंतर्गत काशीपुर के निजी आस्था हॉस्पिटल के अनुबंध को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं. अस्पताल पर गलत तथ्य बताकर अनुबंध करने और गलत तरीके से योजना के भुगतान पाने का भी आरोप है.

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना .

काशीपुर: अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत शहर के निजी आस्था हॉस्पिटल से अनुबंध को निरस्त करने के आदेश दे दिए गए हैं. साथ ही अस्पताल पर गलत तथ्य बताकर अनुबंध करने और गलत तरीके से योजना का भुगतान पाने का भी आरोप है. इन मामलों को ध्यान में रखकर पुलिस से शिकायत की गई है.

दरअसल प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना में नियम विरुद्ध योजना का भुगतान करवाने की शिकायतें मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने जांच तेज कर दी है. इसको लेकर जहां पहले ही कई अस्पतालों पर शिकंजा कसा जा चुका है. वहीं, काशीपुर के आस्था निजी अस्पताल के खिलाफ भी विभाग ने कठोर कार्रवाई की है.

संविदा में कार्यरत डॉक्टर ले रहा था योजना का लाभ
मामला तब प्रकाश में आया जब विभाग को जांच के बाद पता चला कि आस्था हॉस्पिटल मात्र एक डॉक्टर के आधार पर संचालित किया जा रहा है. साथ ही वही डॉक्टर ही इस अस्पताल का मालिक है. अस्पताल के मालिक राजीव कुमार गुप्ता एक राजकीय चिकित्सालय में पहले से ही संविदा पर तैनात हैं. इसके बावजूद उनके द्वारा खुद को निजी अस्पताल में 24 घंटे की ड्यूटी किए जाने का तथ्य देकर अनुबंध किया गया.

स्वास्थ्य विभाग ने की कड़ी कार्रवाई
मामले में गड़बड़ी मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने योजना से जुड़े बिल का भुगतान रोकने के आदेश दिए हैं. वहीं, क्लेम की गई धनराशि को भी वापस लेने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के प्रशासनिक अधिकारी ने अस्पताल स्वामी के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी कर दी है.

काशीपुर: अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत शहर के निजी आस्था हॉस्पिटल से अनुबंध को निरस्त करने के आदेश दे दिए गए हैं. साथ ही अस्पताल पर गलत तथ्य बताकर अनुबंध करने और गलत तरीके से योजना का भुगतान पाने का भी आरोप है. इन मामलों को ध्यान में रखकर पुलिस से शिकायत की गई है.

दरअसल प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना में नियम विरुद्ध योजना का भुगतान करवाने की शिकायतें मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने जांच तेज कर दी है. इसको लेकर जहां पहले ही कई अस्पतालों पर शिकंजा कसा जा चुका है. वहीं, काशीपुर के आस्था निजी अस्पताल के खिलाफ भी विभाग ने कठोर कार्रवाई की है.

संविदा में कार्यरत डॉक्टर ले रहा था योजना का लाभ
मामला तब प्रकाश में आया जब विभाग को जांच के बाद पता चला कि आस्था हॉस्पिटल मात्र एक डॉक्टर के आधार पर संचालित किया जा रहा है. साथ ही वही डॉक्टर ही इस अस्पताल का मालिक है. अस्पताल के मालिक राजीव कुमार गुप्ता एक राजकीय चिकित्सालय में पहले से ही संविदा पर तैनात हैं. इसके बावजूद उनके द्वारा खुद को निजी अस्पताल में 24 घंटे की ड्यूटी किए जाने का तथ्य देकर अनुबंध किया गया.

स्वास्थ्य विभाग ने की कड़ी कार्रवाई
मामले में गड़बड़ी मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने योजना से जुड़े बिल का भुगतान रोकने के आदेश दिए हैं. वहीं, क्लेम की गई धनराशि को भी वापस लेने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के प्रशासनिक अधिकारी ने अस्पताल स्वामी के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी कर दी है.

Intro:अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अंतर्गत काशीपुर के निजी आस्था हॉस्पिटल के अनुबंध को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं... यही नहीं अस्पताल पर गलत तथ्य बताकर अनुबंध करने और गलत तरीके से योजना के भुगतान पाने का भी आरोप है जिसको लेकर मामले में पुलिस में भी शिकायत की गई है ..


Body:उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना के तहत नियम विरुद्ध योजना का पैसा डकारने की शिकायतें मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने जांच तेज कर दी है... इसको लेकर जहां पहले ही कई अस्पताल पर शिकंजा कसा जा चुका है वहीं आज काशीपुर के आस्था निजी अस्पताल के खिलाफ भी विभाग ने कठोर कार्यवाही की है... दरअसल विभाग को जांच के बाद पता चला की आस्था हॉस्पिटल एकमात्र डॉक्टर के आधार पर संचालित किया जा रहा था और यह डॉक्टर ही इस अस्पताल का स्वामी है... खास बात यह है कि अस्पताल के मालिक राजीव कुमार गुप्ता एक राजकीय चिकित्सालय में पहले से ही संविदा पर तैनात है इसके बावजूद उनके द्वारा खुद को निजी अस्पताल में 24 घंटे की ड्यूटी किए जाने का तथ्य अनुबंध के दौरान रखा गया.... यही नहीं प्रकाश में यह भी आया है कि एक ही परिवार के कई लोगों का इलाज अस्पताल में दिखाया गया और उसकी एवज में आयुष्मान योजना से भुगतान पाने की कोशिश की गई जिसको लेकर अटल आयुष्मान योजना से जुड़े अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है... मामले में गड़बड़ी मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने जहां पेंडिंग योजना से जुड़े बिल भुगतान को रोकने के आदेश दिए हैं वहीं क्लेम की गई धनराशि को भी वापस लेने को लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है... उधर मामला पकड़ में आने के बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के प्रशासनिक अधिकारी ने अस्पताल स्वामी के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी कर दी है...


Conclusion:दरअसल उत्तराखंड आयुष्मान योजना में लंबे समय से गड़बड़ी होने की शिकायतें मिल रही थी और इसमें विभाग द्वारा जांच भी की जा रही थी ऐसे में अब उम्मीद लगाई जा रही है कि कई अस्पतालों के ऐसे मामले सामने आ सकते हैं ... जिसमें गलत तथ्य और बीमारी बता कर सरकार से योजना का पैसा ऐंठने की कोशिश की गई हो...
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