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किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

किसान मजदूर एकता संगठन के बैनर तले किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर कृषि नवीन अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन किया. आक्रोशित किसानों ने धान की तौल नहीं होने दी.

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विरोध प्रदर्शन
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Published : Oct 16, 2020, 10:53 AM IST

काशीपुर: किसान मजदूर एकता संगठन के बैनर तले किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर कृषि नवीन अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन किया. आक्रोशित किसानों ने धान की तौल नहीं होने दी. जिससे सड़क पर धान से भरी ट्रैक्टर-ट्राली की लंबी लाइन लग गई. साथ ही सड़क पर जाम की स्थिति पैदा हो गई.

किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन.
किसानों का कहना है कि, उन्हें सीएमआर के लिए मिलने वाली प्रवेश पर्ची पर जिस राइस मिल का नाम हो उस मिल का नाम मंडी गेट पर रखे रजिस्टर में अंकित हो. जिससे पता चल सके कि किस राइस मिल में कितना धान गया है. साथ ही रजिस्टर में किसान का नाम और पता भी दर्ज करने की मांग की. विवाद होने पर आखिरी फैसला मंडी समिति का मान्य होना चाहिए. नमी मशीन पर नमी चैक करते समय मशीन को ग्रेड 'ए' के लिए 325 और काॅमन धान के लिए 338 नंबर पर ही प्रेस करके धान की नमी चैक की जाए.

पढ़ें: कोरोना मरीजों का अस्पतालों पर दबाव हुआ कम, राज्य में घट रही संक्रमण की दर

किसानों का कहना है कि, सीएमआर के तहत जब किसान अपनी खतौनी और जरूरी कागजात लेकर प्रवेश पर्ची कटवाकर धान को राइस मिल में सरकारी मानकों के अनुसार तौल लेकर जाता है तो राइस मिल द्वारा धान नहीं खरीदा जाता है. साथ ही दुव्यवहार किया जाता है. उन्हें कहा जाता है कि, उनका कोटा पूरा हो गया है और दाम भी कम लगाए जाते हैं. वहीं, यूपी का किसान जब सीएमआर के तहत धान बेचने राइस मिल में जाता है तो कहा जाता है कि यूपी का पोर्टल नहीं खुला और व्यापारियों से यूपी की खतौनी पर सस्ते दामों पर धान खरीदकर पोर्टल पर चढ़ा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि राइस मिल द्वारा किसानों से बड़ी मुश्किल से सीएमआर के तहत लिए गए धान का पेमेंट भी नहीं किया जा रहा है.

काशीपुर: किसान मजदूर एकता संगठन के बैनर तले किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर कृषि नवीन अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन किया. आक्रोशित किसानों ने धान की तौल नहीं होने दी. जिससे सड़क पर धान से भरी ट्रैक्टर-ट्राली की लंबी लाइन लग गई. साथ ही सड़क पर जाम की स्थिति पैदा हो गई.

किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन.
किसानों का कहना है कि, उन्हें सीएमआर के लिए मिलने वाली प्रवेश पर्ची पर जिस राइस मिल का नाम हो उस मिल का नाम मंडी गेट पर रखे रजिस्टर में अंकित हो. जिससे पता चल सके कि किस राइस मिल में कितना धान गया है. साथ ही रजिस्टर में किसान का नाम और पता भी दर्ज करने की मांग की. विवाद होने पर आखिरी फैसला मंडी समिति का मान्य होना चाहिए. नमी मशीन पर नमी चैक करते समय मशीन को ग्रेड 'ए' के लिए 325 और काॅमन धान के लिए 338 नंबर पर ही प्रेस करके धान की नमी चैक की जाए.

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किसानों का कहना है कि, सीएमआर के तहत जब किसान अपनी खतौनी और जरूरी कागजात लेकर प्रवेश पर्ची कटवाकर धान को राइस मिल में सरकारी मानकों के अनुसार तौल लेकर जाता है तो राइस मिल द्वारा धान नहीं खरीदा जाता है. साथ ही दुव्यवहार किया जाता है. उन्हें कहा जाता है कि, उनका कोटा पूरा हो गया है और दाम भी कम लगाए जाते हैं. वहीं, यूपी का किसान जब सीएमआर के तहत धान बेचने राइस मिल में जाता है तो कहा जाता है कि यूपी का पोर्टल नहीं खुला और व्यापारियों से यूपी की खतौनी पर सस्ते दामों पर धान खरीदकर पोर्टल पर चढ़ा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि राइस मिल द्वारा किसानों से बड़ी मुश्किल से सीएमआर के तहत लिए गए धान का पेमेंट भी नहीं किया जा रहा है.

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