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बाजपुर जमीन प्रकरण: जवाब देने लगा किसानों का धैर्य, सरकार के खिलाफ निकाला जुलूस

जमीन की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक को हटाने के लिए किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही जल्द इस मामले का निस्तारण करने की मांग की.

बाजपुर जमीन प्रकरण
बाजपुर जमीन प्रकरण
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Published : Aug 17, 2020, 3:48 PM IST

बाजपुर: 20 गांवों व शहरी क्षेत्र की करीब 6000 एकड़ भूमि की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक का मामला किसानों को हल होता नहीं दिख रहा है. यहीं कारण है कि अब किसानों का धैर्य जबाव देने लगा है. किसान सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो गए है. सोमवार को किसानों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ जुलूस निकाला. साथ ही उन्होंने एसडीएम के माध्यम से सीएम और राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

किसानों ने सरकार के खिलाफ निकाला जुलूस.

बता दें कि बाजपुर में 20 गांवों की लगभग 6000 एकड़ भूमि की खरीद-फरोख्त पर पूर्व जिलाधिकारी नीरज खैरवाल ने रोक लगा दी थी. जमीन की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक को हटाने और जमीन का मालिकाना हक वापस पाने के लिए विभिन्न संगठन काफी समय से सरकार और जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं. हाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जब बाजपुर दौरे पर थे, उन्होंने ने भी इस मामले में किसानों को आश्वासन दिया था की 15 अगस्त इस प्रकरण का हल निकाल लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.

पढ़े- CM के गांव खैरासैंण से बडखोलू तक कयाकिंग एंड केनोइंग का हुआ ट्रायल

आखिर में अब किसानों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है. सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में सैकड़ों लोग अनाज मंडी में एकत्र हुए, जहां से उन्होंने सरकार के खिलाफ शांति जुलूस निकाला. इस दौरान लोगों ने कोतवाली के सामने और तहसील परिसर में धरना- प्रदर्शन भी किया.

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा ने कहा कि सरकार को आइन दिखाने के लिए यह एक पहला कदम है. यदि सरकार ने जल्द जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया तो प्रदेश के किसान बाजपुर में महापंचायत कर सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगे. अन्य संगठनों ने भी भारतीय किसान यूनियन के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया है. इस दौरान व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष ने सभी व्यापारियों से उनके प्रतिष्ठान को बंद करवाया.

बाजपुर: 20 गांवों व शहरी क्षेत्र की करीब 6000 एकड़ भूमि की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक का मामला किसानों को हल होता नहीं दिख रहा है. यहीं कारण है कि अब किसानों का धैर्य जबाव देने लगा है. किसान सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो गए है. सोमवार को किसानों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ जुलूस निकाला. साथ ही उन्होंने एसडीएम के माध्यम से सीएम और राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.

किसानों ने सरकार के खिलाफ निकाला जुलूस.

बता दें कि बाजपुर में 20 गांवों की लगभग 6000 एकड़ भूमि की खरीद-फरोख्त पर पूर्व जिलाधिकारी नीरज खैरवाल ने रोक लगा दी थी. जमीन की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक को हटाने और जमीन का मालिकाना हक वापस पाने के लिए विभिन्न संगठन काफी समय से सरकार और जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं. हाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जब बाजपुर दौरे पर थे, उन्होंने ने भी इस मामले में किसानों को आश्वासन दिया था की 15 अगस्त इस प्रकरण का हल निकाल लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.

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आखिर में अब किसानों ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है. सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में सैकड़ों लोग अनाज मंडी में एकत्र हुए, जहां से उन्होंने सरकार के खिलाफ शांति जुलूस निकाला. इस दौरान लोगों ने कोतवाली के सामने और तहसील परिसर में धरना- प्रदर्शन भी किया.

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा ने कहा कि सरकार को आइन दिखाने के लिए यह एक पहला कदम है. यदि सरकार ने जल्द जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया तो प्रदेश के किसान बाजपुर में महापंचायत कर सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगे. अन्य संगठनों ने भी भारतीय किसान यूनियन के विरोध-प्रदर्शन का समर्थन किया है. इस दौरान व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष ने सभी व्यापारियों से उनके प्रतिष्ठान को बंद करवाया.

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