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उत्तराखंड में बारिश का कहर, खटीमा में धान की फसल खराब, पौड़ी में खतरे की जद में आया मकान - फसल को भारी नुकसान

उत्तराखंड में बारिश का कहर दिखना शुरू हो गया है. खटीमा में 3 दिन लगातार हुई बारिश से खेतों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है. किसानों की धान की फसल खराब होने के कगार पर पहुंच गई है. वहीं, दूसरी तरफ पौड़ी के थलीसैंण में भारी बारिश के कारण एक मकान खतरे की जद में आ गया है.

rain storm
बारिश का कहर
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Published : Jul 1, 2022, 3:13 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 4:33 PM IST

खटीमाः उधम सिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा के ग्राम चांदा भुड़रिया, बरी अंजनिया, मुंडेली, खेतलसन्डा खाम और अशोक फार्म समेत कई गांव में तीन दिन की बारिश से जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है. जलभराव के कारण किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है. वहीं, बारिश के पानी के साथ फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी भी किसानों के खेतों में पहुंच चुका है, इससे फसल को भारी नुकसान पहुंचा है.

खटीमा क्षेत्र में पिछले 3 दिन से लगातार हो रही बारिश ने किसानों की समस्या बढ़ा दी है. बारिश के पानी के साथ ही फैक्ट्रियों से निकला केमिकल युक्त पानी खेतों में ही इकट्ठा हो गया है. इससे धान की फसल खराब हो रही है. खेतों में जल भराव के कारण फसल पानी में डूबने से सड़ कर खराब हो रही है.

खटीमा में धान की फसल खराब.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मॉनसून ने मचाया कहर, पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर 3 की मौत

भारी बारिश से खतरे की जद में आया मकानः पौड़ी जिले के दूरस्थ ब्लॉक में शुमार थलीसैंण में हर साल की तरह इस बार भी मॉनसून आते ही बारिश ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है. टीला गांव में भारी बारिश से एक मकान खतरे की जद में आ गया है. वहीं, इसी क्षेत्र में कुछ दिन पहले ही सुनार गांव का पैदल पुल भारी बारिश में बह गया था. वहीं, ग्रामीणों की आलू की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

वहीं, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने इस संबंध में एक टीम को मौके पर भेजा है. टीम क्षेत्र में हुए नुकसान का आंकलन करेगी और आपदा अधिनियम के मानकों के अनुरूप आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी.

खटीमाः उधम सिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा के ग्राम चांदा भुड़रिया, बरी अंजनिया, मुंडेली, खेतलसन्डा खाम और अशोक फार्म समेत कई गांव में तीन दिन की बारिश से जलभराव की समस्या खड़ी हो गई है. जलभराव के कारण किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है. वहीं, बारिश के पानी के साथ फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी भी किसानों के खेतों में पहुंच चुका है, इससे फसल को भारी नुकसान पहुंचा है.

खटीमा क्षेत्र में पिछले 3 दिन से लगातार हो रही बारिश ने किसानों की समस्या बढ़ा दी है. बारिश के पानी के साथ ही फैक्ट्रियों से निकला केमिकल युक्त पानी खेतों में ही इकट्ठा हो गया है. इससे धान की फसल खराब हो रही है. खेतों में जल भराव के कारण फसल पानी में डूबने से सड़ कर खराब हो रही है.

खटीमा में धान की फसल खराब.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में मॉनसून ने मचाया कहर, पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर 3 की मौत

भारी बारिश से खतरे की जद में आया मकानः पौड़ी जिले के दूरस्थ ब्लॉक में शुमार थलीसैंण में हर साल की तरह इस बार भी मॉनसून आते ही बारिश ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है. टीला गांव में भारी बारिश से एक मकान खतरे की जद में आ गया है. वहीं, इसी क्षेत्र में कुछ दिन पहले ही सुनार गांव का पैदल पुल भारी बारिश में बह गया था. वहीं, ग्रामीणों की आलू की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

वहीं, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने इस संबंध में एक टीम को मौके पर भेजा है. टीम क्षेत्र में हुए नुकसान का आंकलन करेगी और आपदा अधिनियम के मानकों के अनुरूप आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी.

Last Updated : Jul 1, 2022, 4:33 PM IST
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