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पर्यावरण मित्रों को हटाने का मामला, सफाई कर्मचारी संघ ने कुमाऊं आयुक्त से की जांच की मांग

देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने 166 पर्यावरण मित्र को निकाले जाने के मामले में कुमाऊं आयुक्त से जांच की मांग की है. इस संबंध में संघ ने आयुक्त को शिकायती पत्र भी सौंपा है.

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Published : Feb 12, 2020, 3:02 PM IST

Kashipur Hindi News
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काशीपुर: देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने खटीमा नगर पालिका के खिलाफ जांच की मांग की है. संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय सौदा मन्नू ने कुमाऊं मंडल आयुक्त शिकायती पत्र सौंपा है.

संघ का कहना है कि खटीमा नगर पालिका ने मोहल्ला स्वच्छता समिति में 20 फरवरी 2019 को 166 पर्यावरण मित्र की नियुक्ति की थी, लेकिन 6 माह बाद उनको पद से हटा दिया गया और इनको मोहल्ला स्वच्छता समिति में न रखकर अवैध रूप से बनाई गई नगर स्वच्छता समिति में रखा गया था. जबकि, पूरे राज्य में मोहल्ला स्वच्छता समिति में कार्यरत हैं और नगरपालिका खटीमा द्वारा न ही शासन से स्वीकृति ली गई.

पढ़ें- उत्तराखंड: 84 ग्रोथ सेंटर के लिए मिला अप्रूवल, टाउनशिप के रूप में गांव होंगे विकसित

संघ अध्यक्ष का कहना है कि बिना शासन की अनुमति के 166 पर्यावरण मित्र से मनमाने तरीके से रुपए वसूले गए. बाद में उन्हें काम से हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे पर वह जांच नहीं हो पाई. इसके कारणों का आज तक पता नहीं चल पाया है. जिसके बाद देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने आयुक्त से मांग की है कि इस प्रकरण में नगरपालिका के माध्यम से जांच के निर्देश जारी करें.

काशीपुर: देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने खटीमा नगर पालिका के खिलाफ जांच की मांग की है. संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय सौदा मन्नू ने कुमाऊं मंडल आयुक्त शिकायती पत्र सौंपा है.

संघ का कहना है कि खटीमा नगर पालिका ने मोहल्ला स्वच्छता समिति में 20 फरवरी 2019 को 166 पर्यावरण मित्र की नियुक्ति की थी, लेकिन 6 माह बाद उनको पद से हटा दिया गया और इनको मोहल्ला स्वच्छता समिति में न रखकर अवैध रूप से बनाई गई नगर स्वच्छता समिति में रखा गया था. जबकि, पूरे राज्य में मोहल्ला स्वच्छता समिति में कार्यरत हैं और नगरपालिका खटीमा द्वारा न ही शासन से स्वीकृति ली गई.

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संघ अध्यक्ष का कहना है कि बिना शासन की अनुमति के 166 पर्यावरण मित्र से मनमाने तरीके से रुपए वसूले गए. बाद में उन्हें काम से हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे पर वह जांच नहीं हो पाई. इसके कारणों का आज तक पता नहीं चल पाया है. जिसके बाद देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ ने आयुक्त से मांग की है कि इस प्रकरण में नगरपालिका के माध्यम से जांच के निर्देश जारी करें.

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