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खटीमा में बह रहा 'मौत' का नाला, वन विभाग करने जा रहा ये काम

खटीमा की फैक्ट्रियां रोजना हजारों लीटर केमिकल युक्त पानी जंगल से बहने वाले नाले में बहा रही हैं. केमिकल युक्त पानी से जहां फसलें बर्बाद हो रही हैं तो वहीं नाले का पानी पीने से जानवरों की मौत हो रही है.

खटीमा
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Published : Nov 18, 2019, 1:01 PM IST

खटीमा: उधम सिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा में लगीं फैट्रियां केमिकल युक्त पानी नाले में छोड़ रही हैं. लोहियाहेड रोड पर पॉलिप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड और खटीमा फाइबर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा हजारों लीटर केमिकल युक्त जहरीला पानी नाले में छोड़ा जा रहा है. जिससे जंगली जानवरों और नाले में रहने वाले जलीय जंतुओं में बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ गई है. इसके साथ ही सैकड़ों एकड़ खेती को भी भारी नुकसान हो रहा है. वन विभाग ने वन्यजीवों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए फैक्ट्रियों को नोटिस भेजने की बात कही है.

खटीमा में बह रहा 'मौत' का नाला

खटीमा में लोहियाहेड रोड पर खटीमा फाइबर प्राइवेट लिमिटेड और पॉलिप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड रोजना हजारों लीटर केमिकल युक्त जहरीला पानी नाले में छोड़ रही हैं. फैक्ट्रियों द्वारा छोड़े जा रहे जहरीले पानी से जहां फैक्ट्रियों के पीछे खेतों में फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं नाले के जहरीले पानी को पीने से जानवरों में भी बीमारियां फैलने लगी हैं. जहरीला पानी पीने से गाय और भैंसों में कई तरह की बीमारियां पनपने लगी हैं. साथ ही उनका दूध भी जहरीला होने की संभावना बढ़ गई है.

ग्रामीणों का कहना है इस नाले के पानी से सैकड़ों एकड़ जमीन की सिंचाई होती है. इससे फसल खराब हो रही हैं. नाले का पानी पीने से मवेशी में गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. पिछले दिनों एक जानवर की मौत हो गई थी. ग्रामीण इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि जंगल किनारे बह रहे नाले में मगरमच्छ भी हैं, जो इस केमिकल युक्त पानी में रहने को मजबूर हैं. इसके साथ ही जंगली जानवरों में भी बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ गई है.

पढ़ें- इन मुद्दों पर ध्यान दे सरकार तो बदल जाएगी उत्तराखंड की तस्वीर

इस मामले में वन विभाग के एसडीओ बाबूलाल का कहना है कि जंगल किनारे बहने वाले इस नाले में रोजाना केमिकल युक्त जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे जंगली जानवरों को नुकसान होने की संभावना है. साथ ही नाले में रहने वाले मगरमच्छों को कोई नुकसान न हो इसके लिए वन विभाग इन दोनों फैक्ट्रियों को नोटिस भेज रहा है.

खटीमा: उधम सिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा में लगीं फैट्रियां केमिकल युक्त पानी नाले में छोड़ रही हैं. लोहियाहेड रोड पर पॉलिप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड और खटीमा फाइबर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा हजारों लीटर केमिकल युक्त जहरीला पानी नाले में छोड़ा जा रहा है. जिससे जंगली जानवरों और नाले में रहने वाले जलीय जंतुओं में बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ गई है. इसके साथ ही सैकड़ों एकड़ खेती को भी भारी नुकसान हो रहा है. वन विभाग ने वन्यजीवों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए फैक्ट्रियों को नोटिस भेजने की बात कही है.

खटीमा में बह रहा 'मौत' का नाला

खटीमा में लोहियाहेड रोड पर खटीमा फाइबर प्राइवेट लिमिटेड और पॉलिप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड रोजना हजारों लीटर केमिकल युक्त जहरीला पानी नाले में छोड़ रही हैं. फैक्ट्रियों द्वारा छोड़े जा रहे जहरीले पानी से जहां फैक्ट्रियों के पीछे खेतों में फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं नाले के जहरीले पानी को पीने से जानवरों में भी बीमारियां फैलने लगी हैं. जहरीला पानी पीने से गाय और भैंसों में कई तरह की बीमारियां पनपने लगी हैं. साथ ही उनका दूध भी जहरीला होने की संभावना बढ़ गई है.

ग्रामीणों का कहना है इस नाले के पानी से सैकड़ों एकड़ जमीन की सिंचाई होती है. इससे फसल खराब हो रही हैं. नाले का पानी पीने से मवेशी में गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. पिछले दिनों एक जानवर की मौत हो गई थी. ग्रामीण इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि जंगल किनारे बह रहे नाले में मगरमच्छ भी हैं, जो इस केमिकल युक्त पानी में रहने को मजबूर हैं. इसके साथ ही जंगली जानवरों में भी बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ गई है.

पढ़ें- इन मुद्दों पर ध्यान दे सरकार तो बदल जाएगी उत्तराखंड की तस्वीर

इस मामले में वन विभाग के एसडीओ बाबूलाल का कहना है कि जंगल किनारे बहने वाले इस नाले में रोजाना केमिकल युक्त जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे जंगली जानवरों को नुकसान होने की संभावना है. साथ ही नाले में रहने वाले मगरमच्छों को कोई नुकसान न हो इसके लिए वन विभाग इन दोनों फैक्ट्रियों को नोटिस भेज रहा है.

Intro:summary- फैक्ट्रियों द्वारा रोज हजारों लीटर गंदा केमिकल युक्त पानी जंगल किनारे बह रहे नाले में छोड़ने से जंगली जानवरों और नाले में रहने वाले मगरमच्छों मैं बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ी। वन विभाग ने नाले में केमिकल युक्त गंदा पानी छोड़ने वाली दोनों फैक्ट्रियों को नोटिस भेजने की बात कही।

नोट-खबर एफटीपी में - pradushan se jaanwaro ko nuksaan- नाम के फोल्डर में है

एंकर- खटीमा में लोहियाहेड रोड पर पॉलिप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड और खटीमा फाइबर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा हजारों लीटर केमिकल युक्त जहरीला पानी नाले में छोड़ने से जंगली जानवरों और नाले में रहने वाले मगरमच्छों में बीमारियां फैलने की संभावना बढ़ी। वही सैकड़ों एकड़ खेती को भी हो रहा है भारी नुकसान। वन्यजीवों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए वन विभाग ने फैक्ट्रियों को नोटिस भेजने की कही बात।


Body:वीओ-उधम सिंह नगर जनपद के सीमात क्षेत्र खटीमा में फैक्ट्रियों द्वारा केमिकल युक्त जहरीला पानी नालों में छोड़ने से पर्यावरण को हो रहा है भारी नुकसान। खटीमा में लोहिया हेड रोड पर उत्पादनरत खटीमा फाइबर प्राइवेट लिमिटेड और पॉलिप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा अपनी फैक्ट्रियों से रोज हजारों लीटर केमिकल युक्त गंदा जहरीला पानी पास बहने वाले नाले में छोड़ा जा रहा है। फैक्ट्रियों द्वारा छोड़े जा रहे जहरीले पानी से जहां फैक्ट्रीयो के पीछे खेतों में फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। वही नाले के जहरीले पानी को पीने से जानवरों में भी बीमारियां फैलने लगी है। जंगल किनारे रहने वाले इस नाले के जहरीले पानी को गायो और भैंसों द्वारा पीने से जहां उनमें कई तरह की बीमारियां पनपने लगी है। साथ ही उनका दूध भी जहरीला होने की संभावना बढ़ गई है। वहीं ग्रामीणों का कहना है दोनों फैक्ट्रियों से रोज हजारों लीटर केमिकल युक्त गंदा जहरीला पानी नाले में छोड़ा जा रहा है। इस नाले के पानी से ही फैक्ट्रियों के पीछे सैकड़ों एकड़ जमीन में सिंचाई होती है जिस कारण जहरीले पानी से फसलों की सिंचाई होने के कारण फसलों में कई प्रकार की बीमारियां होने लगी है और फसलें खराब हो रही है। हमारे पाले हुए जानवर भी इस नाले का पानी पीने के कारण कई बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। पिछले दिनों इस नाले का पानी पीने वाले एक जानवर की बीमार होकर मौत भी हो चुकी है। फैक्ट्रीयों द्वारा केमिकल युक्त जहरीला गंदा पानी नाले में छोड़े जाने को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन में शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।जिस कारण हम लोग जहरीले केमिकल युक्त पानी से बर्बाद होने को मजबूर है।

बाइट- प्रकाश चंद पीड़ित ग्रामीण

वीओ 2- वही जंगल किनारे बह रहे नाले का पानी जहां जंगली जानवर पीते हैं। वही इस नाले में काफी मगरमच्छ भी हैं। जो इस गंदे केमिकल युक्त पानी में रहने को मजबूर है। फैक्ट्रियों द्वारा छोड़े जा रहे गंदे करने के लिए पानी के कारण जहां जंगली जानवरों में भी बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ गई है। वहीं इस मामले में वन विभाग के एसडीओ बाबूलाल का कहना है कि जंगल किनारे बहने वाले इस नाले में दोनों फैक्ट्रियों द्वारा जो गंदा केमिकल युक्त जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे जंगली जानवरों को पीने से उनको नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। साथ ही नाले में रहने वाले मगरमच्छों को कोई नुकसान ना हो इसके लिए वन विभाग इन दोनों फैक्ट्रियों को नोटिस भेज रहा है।

बाइट-बाबू लाल एसडीओ वन विभाग


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