रुद्रपुर: घर की छत में पटाखा फोड़ने से मना करने पर मकान स्वामी की हत्या करने के मामले में जिला न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल ने आरोपी पिता पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषियों पर 12-12 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इस दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता नंदन सिंह धामी ने 14 गवाह पेश किए गए. जिसके बाद कोर्ट ने मामले में सजा सुनाई.
जिला शासकीय अधिवक्ता नंदन सिंह धामी ने बताया कि 11 नवंबर 2015 की रात सितारगंज थाना क्षेत्र के ग्राम नकटा निवासी चंदन कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रात करीब नौ बजे अपने भाई उमेश कुमार व पिता जनार्दन प्रसाद के साथ घर पर दीपावली का पर्व मना रहे थे. करीब 9 बजे पड़ोसी के नाबालिग बच्चे उनके घर की छत पर आकर पटाखे फोड़ने लगे. इस पर चंदन के पिता ने छत पर जाकर दोनों लड़कों को पटाखे फोड़ने से मना किया तो वे लड़ने पर उतारू हो गए और अपने भाई विजय कुमार व पिता सुदर्शन गुप्ता को आवाज देकर बुला लिया. चारों की जनार्दन प्रसाद से कहासुनी होने लगी, इसी बीच सुदर्शन गुप्ता ने धारदार हथियार से जनार्दन प्रसाद पर ताबड़तोड़ वार कर उनको छत से नीचे फेंक दिया.
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जब चंदन व उमेश ने अपने पिता को बचाने का प्रयास किया तो चारों लोगों ने उन पर भी हमला कर घायल कर दिया. शोर शराबा सुनकर गांव के लोग आ गए और तीनों को सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने जनार्दन प्रसाद को मृत घोषित कर दिया, वहीं दोनों घायलों का उपचार किया. पुलिस ने अगले ही दिन 12 नवंबर 2015 को सुदर्शन गुप्ता,विजय व नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया.सुदर्शन की निशानदेही पर धारदार हथियार बरामद कर लिया. 13 नवंबर को फरार आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट ने दोनों किशोरों को जुवेनाइल (किशोर) घोषित कर दिया. सुदर्शन गुप्ता व विजय गुप्ता के विरूद्ध जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल के न्यायालय में मुकदमा चला. जिसमें डीजीसी नंदन सिंह धामी द्वारा 14 गवाह पेश किए. जिसके बाद जनपद न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल ने सुदर्शन गुप्ता व विजय गुप्ता को जनार्दन प्रसाद की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.