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सितारगंज के दलजीत और हरबंस हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, 7 दोषियों को उम्रकैद

सितारगंज के दलजीत सिंह और हरबंस सिंह हत्याकांड मामले में 7 लोगों को दोषी ठहराया गया है. यह हत्याकांड साल 2018 में हुई थी. इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) रुद्रपुर ने 7 आरोपियों को आजीवन कारावास और सात-सात हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

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Published : Mar 16, 2023, 10:15 PM IST

District and Sessions Court
जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय

रुद्रपुरः साल 2018 में सितारगंज क्षेत्र में कीर्तन में शामिल दो लोगों की हत्या के मामले में सात आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय रुद्रपुर ने दोषी माना है. कोर्ट ने सभी 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सात-सात हजार का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, मामले में सुनवाई के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने 16 गवाह पेश किए.

दरअसल, बीती 7 जनवरी 2018 को सितारगंज थाने में अंग्रेज सिंह ने एक तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उसके पिता की हत्या 17 जुलाई 2015 को हुई थी. जिसमें वो वादी मुकदमा है. जिसके मुकदमे में उनकी जिरह होनी बाकी है. उस घटना के आरोपित लोग उस पर राजीनामा करने का दबाव बना रहे थे. इसी बीच 7 जनवरी 2018 को अंग्रेज सिंह और उसके चचेरे भाई दलजीत सिंह, रजविंदर सिंह और कुलदीप सिंह निवासी गौरी खेड़ा सितारगंज समेत उनके रिश्तेदार हरबंस सिंह निवासी ग्राम बिज्टी नगर कीर्तन में शामिल गए थे.

आरोप है कि जब वो लोग पुरानी मंडी गेट के सामने पहुंचे, तभी हरजीत सिंह उर्फ काला, प्रभजोत सिंह उर्फ जोता, गुरपेज सिंह, बलजीत सिंह उर्फ जीता, तरसेम सिंह, जजपाल सिंह और जगवीर सिंह निवासी ग्राम दड़हा, थाना सितारगंज ने रंजिश के चलते अंग्रेज सिंह उसके साथी दलजीत सिंह, रजविंदर सिंह, कुलदीप सिंह और हरबंस सिंह को जान से मारने की नीयत से धारदार हथियार और लाठी डंडों से हमला कर दिया. इतना ही नहीं हरजीत सिंह उर्फ काला ने तलवार से दलजीत सिंह की गर्दन पर जानलेवा हमला किया गया. साथ ही हरबंस सिंह के पेट में तलवार घोंप दी थी.
ये भी पढ़ेंः महिला की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर अश्लील पोस्ट करना पड़ा महंगा, बरेली से दो आरोपी गिरफ्तार

जबकि, तरसेम सिंह ने गंडासे से रजविंदर सिंह के सिर पर वार किया, जो रजविंदर के चेहरे के दांयी तरफ और हाथ पर लगा था. तभी प्रभजोत सिंह उर्फ जोता ने तमंचे से फायर करते किया और जान से मारने की नीयत से उनका पीछा किया. तभी भगदड़ मच गई. इसी बीच वो रजविंदर सिंह और कुलदीप किसी तरह अपनी जान बचाते हुए मौके से भाग गए. इस घटना में दलजीत सिंह और हरबंस सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी.

वहीं, घायल रजविंदर सिंह को वो और अन्य लोग कृष्णा अस्पताल हल्द्वानी ले गए. जिसके बाद वादी यानी अंग्रेज सिंह की तहरीर पर पुलिस ने हरजीत सिंह उर्फ काला, प्रभजोत सिंह उर्फ जोता, गुरप्रीत सिंह, बलजीत सिंह, तरसेम सिंह, जगवीर सिंह और जजपाल सिंह के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302, 307 के तहत केस दर्ज किया. जिसके बाद से मामला द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शादाब बानो के न्यायालय में चल रहा था. आज मामले में फाइनल सुनवाई हुई. जिसमें सभी 7 लोगों को दोषी माना गया है.

रुद्रपुरः साल 2018 में सितारगंज क्षेत्र में कीर्तन में शामिल दो लोगों की हत्या के मामले में सात आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय रुद्रपुर ने दोषी माना है. कोर्ट ने सभी 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सात-सात हजार का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, मामले में सुनवाई के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने 16 गवाह पेश किए.

दरअसल, बीती 7 जनवरी 2018 को सितारगंज थाने में अंग्रेज सिंह ने एक तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उसके पिता की हत्या 17 जुलाई 2015 को हुई थी. जिसमें वो वादी मुकदमा है. जिसके मुकदमे में उनकी जिरह होनी बाकी है. उस घटना के आरोपित लोग उस पर राजीनामा करने का दबाव बना रहे थे. इसी बीच 7 जनवरी 2018 को अंग्रेज सिंह और उसके चचेरे भाई दलजीत सिंह, रजविंदर सिंह और कुलदीप सिंह निवासी गौरी खेड़ा सितारगंज समेत उनके रिश्तेदार हरबंस सिंह निवासी ग्राम बिज्टी नगर कीर्तन में शामिल गए थे.

आरोप है कि जब वो लोग पुरानी मंडी गेट के सामने पहुंचे, तभी हरजीत सिंह उर्फ काला, प्रभजोत सिंह उर्फ जोता, गुरपेज सिंह, बलजीत सिंह उर्फ जीता, तरसेम सिंह, जजपाल सिंह और जगवीर सिंह निवासी ग्राम दड़हा, थाना सितारगंज ने रंजिश के चलते अंग्रेज सिंह उसके साथी दलजीत सिंह, रजविंदर सिंह, कुलदीप सिंह और हरबंस सिंह को जान से मारने की नीयत से धारदार हथियार और लाठी डंडों से हमला कर दिया. इतना ही नहीं हरजीत सिंह उर्फ काला ने तलवार से दलजीत सिंह की गर्दन पर जानलेवा हमला किया गया. साथ ही हरबंस सिंह के पेट में तलवार घोंप दी थी.
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जबकि, तरसेम सिंह ने गंडासे से रजविंदर सिंह के सिर पर वार किया, जो रजविंदर के चेहरे के दांयी तरफ और हाथ पर लगा था. तभी प्रभजोत सिंह उर्फ जोता ने तमंचे से फायर करते किया और जान से मारने की नीयत से उनका पीछा किया. तभी भगदड़ मच गई. इसी बीच वो रजविंदर सिंह और कुलदीप किसी तरह अपनी जान बचाते हुए मौके से भाग गए. इस घटना में दलजीत सिंह और हरबंस सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी.

वहीं, घायल रजविंदर सिंह को वो और अन्य लोग कृष्णा अस्पताल हल्द्वानी ले गए. जिसके बाद वादी यानी अंग्रेज सिंह की तहरीर पर पुलिस ने हरजीत सिंह उर्फ काला, प्रभजोत सिंह उर्फ जोता, गुरप्रीत सिंह, बलजीत सिंह, तरसेम सिंह, जगवीर सिंह और जजपाल सिंह के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 302, 307 के तहत केस दर्ज किया. जिसके बाद से मामला द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शादाब बानो के न्यायालय में चल रहा था. आज मामले में फाइनल सुनवाई हुई. जिसमें सभी 7 लोगों को दोषी माना गया है.

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