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गणेश उपाध्याय ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- किसानों के साथ छल कर रही सरकार

14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के बाद कांग्रेसी नेता गणेश उपाध्याय ने इसे किसानों के साथ छल बताया है.

Rudrapur
कांग्रेस नेता डॉ गणेश उपाध्याय
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Published : Jun 5, 2020, 5:16 PM IST

रुद्रपुर: केंद्र सरकार द्वारा 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के बाद कांग्रेसी नेता गणेश उपाध्याय ने इसे किसानों के साथ छल बताया है. उन्होंने कहा कि किसान की मेहनत के बदौलत ही लॉकडाउन सफल रहा है. ऐसे में भारत सरकार ने फसलों के दामों में महज 4 से 5 फीसदी बढ़ोतरी कर किसानों को छलने का काम किया है. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही भारत सरकार के कृषि सचिव को भी हाईकोर्ट से नोटिस भी भिजवाएंगे.

बता दें, केंद्र सरकार की तरफ से 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के बाद पूर्व राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता डॉ गणेश उपाध्याय ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पूरे लॉकडाउन के दौरान देश के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था करना किसानों की वजह से संभव हो पाया है. ऐसे में मोदी सरकार का ऐसा कानून लाना चाहिए, ताकि जो किसान घर से उत्पाद बेचते हैं, उसे वहीं से खरीदें और उसकी फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीद करें.

पढ़ें- सरकार ने कार्यस्थल, रेस्त्रां और धार्मिक स्थलों के लिए गाइडलाइन जारी की

गणेश उपाध्याय के मुताबिक नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा सरकार को दिए गए निर्देशों का 2 साल बाद भी पालन नहीं किया गया है. हाईकोर्ट ने 170 फसलों के 3 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के निर्देश उत्तराखंड सरकार को दिए थे. लेकिन सरकार ने किसान आयोग का गठन कर कोर्ट के आदेश से पल्ला झाड़ लिया. ऐसे में उत्तराखंड सरकार पर न्यायालय के निर्देशों का पालन ना करने पर अवमानना का केस भी चल रहा है.

पढ़ें- मसूरी: 'अनलॉक 1' में पर्यटन को मिल सकता है बढ़ावा, व्यापारियों में जगी उम्मीद

उन्होंने कहा जल्द ही भारत सरकार के कृषि सचिव को भी हाईकोर्ट से नोटिस भेजा जाएगा. हालांकि लॉकडाउन के चलते इसमें कुछ विलंब हो गया है. केंद्र सरकार जब तक 170 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3 गुना नहीं करेगी और उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय के मुताबिक कार्य नहीं करेगी. तब तक उत्तराखंड के किसान शांत नहीं बैठेंगे.

रुद्रपुर: केंद्र सरकार द्वारा 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के बाद कांग्रेसी नेता गणेश उपाध्याय ने इसे किसानों के साथ छल बताया है. उन्होंने कहा कि किसान की मेहनत के बदौलत ही लॉकडाउन सफल रहा है. ऐसे में भारत सरकार ने फसलों के दामों में महज 4 से 5 फीसदी बढ़ोतरी कर किसानों को छलने का काम किया है. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही भारत सरकार के कृषि सचिव को भी हाईकोर्ट से नोटिस भी भिजवाएंगे.

बता दें, केंद्र सरकार की तरफ से 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के बाद पूर्व राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता डॉ गणेश उपाध्याय ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पूरे लॉकडाउन के दौरान देश के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था करना किसानों की वजह से संभव हो पाया है. ऐसे में मोदी सरकार का ऐसा कानून लाना चाहिए, ताकि जो किसान घर से उत्पाद बेचते हैं, उसे वहीं से खरीदें और उसकी फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीद करें.

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गणेश उपाध्याय के मुताबिक नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा सरकार को दिए गए निर्देशों का 2 साल बाद भी पालन नहीं किया गया है. हाईकोर्ट ने 170 फसलों के 3 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के निर्देश उत्तराखंड सरकार को दिए थे. लेकिन सरकार ने किसान आयोग का गठन कर कोर्ट के आदेश से पल्ला झाड़ लिया. ऐसे में उत्तराखंड सरकार पर न्यायालय के निर्देशों का पालन ना करने पर अवमानना का केस भी चल रहा है.

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उन्होंने कहा जल्द ही भारत सरकार के कृषि सचिव को भी हाईकोर्ट से नोटिस भेजा जाएगा. हालांकि लॉकडाउन के चलते इसमें कुछ विलंब हो गया है. केंद्र सरकार जब तक 170 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3 गुना नहीं करेगी और उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय के मुताबिक कार्य नहीं करेगी. तब तक उत्तराखंड के किसान शांत नहीं बैठेंगे.

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