खटीमा: एक अक्टूबर से खटीमा तहसील प्रशासन ने मिट्टी खनन के लिए परमिशन दी जा रही है. वहीं, इस परमिशन की आड़ में देवहा नदी किनारे अवैध खनन का कारोबार चल रहा था. जिसकी शिकायत के बाद प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच की गई. वहीं, कांग्रेस ने प्रशासन की इस जांच पर सवाल खड़े किये हैं.
कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष बॉबी राठौर का आरोप है कि प्रशासन की जो टीम अवैध खनन की जांच करने को नियुक्ति गई थी. उसने मात्र मिट्टी खनन की परमिशन वाले क्षेत्र की ही जांच की है. जबकि, जिस उसके बगल में अवैध खनन हुआ है. उस क्षेत्र की प्रशासन की टीम द्वारा जांच नहीं की गई है. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से मांग है कि इस पूरे अवैध खनन पर प्रशासन विस्तृत जांच करे. जिससे अवैध खनन में लिफ्त सफेदपोशों का भी पर्दाफाश हो और उनके खिलाफ कानून कार्रवाई की जाए.
पढ़ेंः हरिद्वार-ऋषिकेश मेट्रो प्रोजेक्ट की DPR तैयार, जल्द कैबिनेट से मिल सकती है मंजूरी
वहीं, इस मामले में खटीमा एसडीएम निर्मला बिष्ट का पूरे प्रकरण पर कहना है कि कई इलाकों में बिना परमिशन के मिट्टी खनन की शिकायतें मिली थी. जिस पर प्रशासन द्वारा टीम नियुक्त कर अवैध खनन की जांच की जा रही है. साथ ही उन्होंने पुलिस टीम को भी निर्देशित कर दिया है कि जिस स्थान पर भी अवैध खनन पाया जाए, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए.
गौरतलब है कि खटीमा के 17 मिल पुलिस चौकी क्षेत्र में देवाह नदी के किनारे मिट्टी खनन की परमिशन की आड़ में जहां खनन माफिया द्वारा जमकर नदी का सीना चीरा गया था. वहीं, अवैध खनन की शिकायतों पर प्रशासन ने इस पूरे मामले पर जांच टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे. लेकिन अब कांग्रेस ने प्रशासन द्वारा की गई जांच पर सवाल खड़ा करते हुए दोबारा से इस पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच करने की मांग की है.