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'जब मैं विधायक दल का नेता चुना गया, तब मेरे पास एक जोड़ी कपड़े भी नहीं थे'

सीएम बनने के बाद पहली बार पुष्कर सिंह धामी अपने गृह जनपद उधम सिंह नगर पहुंचे. जहां कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान धामी ने कार्यकर्ताओं से अपने सीएम चुने जाने की कहानी को साझा किया.

CM pushkar singh dhami
पुष्कर सिंह धामी
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Published : Jul 23, 2021, 10:30 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 1:33 PM IST

रुद्रपुर: पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृह जनपद उधम सिंह नगर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि जब वह सरकार में शामिल होना चाहते थे, तब संगठन ने उन्हें कोई भी जिम्मेदारी नहीं सौंपी और जब वह देहरादून से सब कुछ समेटकर खटीमा पहुंचे तो संगठन ने उन्हें मुख्य सेवक की जिम्मेदारी सौंप दी.

सीएम ने कार्यकर्ताओं को कहा कि जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया, तब देहरादून आवास में उनके पास एक जोड़ी कपड़े भी नहीं थे. संगठन सभी का आकलन करता है. बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी पहली बार दो दिवसीय दौरे पर उधम सिंह नगर पहुंचे, जहां उन्होंने रोड शो के माध्यम से जनता का अभिवादन किया.

इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व प्रत्येक कार्यकर्ता को वॉच करता है. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि संगठन उन्हें प्रदेश का मुख्य सेवक नियुक्त करेगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जब 2017 में भाजपा की सरकार आयी तो वो भी सरकार में रहकर काम करना चाहते थे.

सीएम पुष्कर सिंह धामी

ये भी पढ़ें: विधायक के रूप में खटीमा से निकले थे धामी, 19 दिन बाद मुख्यमंत्री बनकर लौटे, शानदार स्वागत

उन्होंने कहा कि इसके लिए वो नेताओं के पास भी गए, फिर संगठन में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में इच्छा जाहिर की, लेकिन नंबर नहीं आया. फिर संसद के टिकट के लिए भी दौड़ लगाई, लेकिन नंबर नहीं आया. त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उनका नाम डिप्टी सीएम के लिए चला. जब उनका नाम डिप्टी सीएम पर चला तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया, लेकिन उस वक्त भी उनका नंबर नहीं आया. इस दौरान वह दिल्ली में उत्तराखंड भवन में रुके हुए थे. लेकिन, त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया. कैबिनेट भी बन गई, जिसके बाद वह देहरादून आए और अपने विधायक आवास से सभी कपड़े उठाये ओर खटीमा पहुंच गए.

ये भी पढ़ें: नेताओं की सिफारिश नहीं चलेगी, CM धामी की IAS अधिकारियों को दो टूक

उन्होंने कहा कि उस वक्त मैंने मन में ठान लिया था कि अब वह 2022 में ही देहरादून जाएंगे, लेकिन संवैधानिक संकट के चलते मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा. जिसके बाद विधायक दल की बैठक हुई और उनको विधायक दल का नेता चुना गया. जिस वक्त उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया, तब उनके देहरादून आवास पर एक भी कपड़े मौजूद नहीं थे.

उन्होंने कहा कि इससे पूर्व उन्हें बताया भी नहीं गया था कि उन्हें सीएम बनाया जा रहा है. किसी द्वारा उन्हें फोन कर सूचना भी नहीं दी गयी. उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि संगठन प्रत्येक कार्यकर्ता का आकलन करता है.

रुद्रपुर: पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृह जनपद उधम सिंह नगर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि जब वह सरकार में शामिल होना चाहते थे, तब संगठन ने उन्हें कोई भी जिम्मेदारी नहीं सौंपी और जब वह देहरादून से सब कुछ समेटकर खटीमा पहुंचे तो संगठन ने उन्हें मुख्य सेवक की जिम्मेदारी सौंप दी.

सीएम ने कार्यकर्ताओं को कहा कि जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया, तब देहरादून आवास में उनके पास एक जोड़ी कपड़े भी नहीं थे. संगठन सभी का आकलन करता है. बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी पहली बार दो दिवसीय दौरे पर उधम सिंह नगर पहुंचे, जहां उन्होंने रोड शो के माध्यम से जनता का अभिवादन किया.

इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व प्रत्येक कार्यकर्ता को वॉच करता है. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि संगठन उन्हें प्रदेश का मुख्य सेवक नियुक्त करेगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जब 2017 में भाजपा की सरकार आयी तो वो भी सरकार में रहकर काम करना चाहते थे.

सीएम पुष्कर सिंह धामी

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उन्होंने कहा कि इसके लिए वो नेताओं के पास भी गए, फिर संगठन में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में इच्छा जाहिर की, लेकिन नंबर नहीं आया. फिर संसद के टिकट के लिए भी दौड़ लगाई, लेकिन नंबर नहीं आया. त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उनका नाम डिप्टी सीएम के लिए चला. जब उनका नाम डिप्टी सीएम पर चला तो मीडिया ने उन्हें घेर लिया, लेकिन उस वक्त भी उनका नंबर नहीं आया. इस दौरान वह दिल्ली में उत्तराखंड भवन में रुके हुए थे. लेकिन, त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया. कैबिनेट भी बन गई, जिसके बाद वह देहरादून आए और अपने विधायक आवास से सभी कपड़े उठाये ओर खटीमा पहुंच गए.

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उन्होंने कहा कि उस वक्त मैंने मन में ठान लिया था कि अब वह 2022 में ही देहरादून जाएंगे, लेकिन संवैधानिक संकट के चलते मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा. जिसके बाद विधायक दल की बैठक हुई और उनको विधायक दल का नेता चुना गया. जिस वक्त उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया, तब उनके देहरादून आवास पर एक भी कपड़े मौजूद नहीं थे.

उन्होंने कहा कि इससे पूर्व उन्हें बताया भी नहीं गया था कि उन्हें सीएम बनाया जा रहा है. किसी द्वारा उन्हें फोन कर सूचना भी नहीं दी गयी. उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि संगठन प्रत्येक कार्यकर्ता का आकलन करता है.

Last Updated : Jul 24, 2021, 1:33 PM IST
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