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खटीमा में सीएम पुष्कर धामी ने रोपे पौधे, लोक पर्व हरेला की दी बधाई

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Published : Jul 15, 2022, 1:33 PM IST

Updated : Jul 15, 2022, 2:15 PM IST

उत्तराखंड में प्रकृति पूजन के प्रतीक लोक पर्व हरेला का आगाज हो गया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा स्थित अपने निजी आवास नगला तराई और राधा स्वामी सत्संग परिसर में पौधारोपण किया.

Pushkar Singh Dhami Planted Saplings
पुष्कर धामी ने रोपे पौधे

खटीमाः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अपने निजी आवास नगला तराई में पौधरोपण किया. इसके अलावा उन्होंने राधा स्वामी सत्संग परिसर में भी पौधे रोपे. इस मौके पर उन्होंने प्रदेश की जनता को प्रकृति के पर्व हरेला की बधाई दी. साथ ही लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील की.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरेला पर्व प्रकृति संरक्षण का त्यौहार है. जो प्रेरित करता है कि सभी लोग ज्यादा से ज्यादा पौधों का रोपण करें. उन्होंने कहा कि हम बीते कई सालों से हरेला पर्व को प्रकृति संरक्षण के रूप में मनाते आए हैं. हमारा प्रयास है कि इस हरेला पर्व में जन-जन की भागीदारी हो और आने वाली पीढ़ी भी इसमें भागीदार बने.

ये भी पढ़ेंः व्यवहारिकता और विज्ञान से भरपूर है हरेला पर्व

सीएम धामी ने कहा कि इस बात की महत्ता को समझना होगा कि पर्यावरण का हमारे जीवन में क्या महत्व है. हमें पौधे लगाने तक ही सीमित नहीं रहना है. बल्कि, पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन पर भी ध्यान देना होगा. ताकि पौधे न सूखें. साथ ही बताया कि वन विभाग व उद्यान विभाग आपस में समन्वय बनाकर इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं.

बता दें कि उत्तराखंड में प्रकृति पूजन का प्रतीक हरेला लोक पर्व (Uttarakhand Harela festival) हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हरेला पर्व हर साल 15 जुलाई से लेकर 14 अगस्त तक मनाया जाता है. कुमाऊं में इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान जगह-जगह पौधरोपण किया जाता है. जिससे हरियाली बढ़ सके और पर्यावरण को संरक्षित भी किया जा सके.

खटीमाः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अपने निजी आवास नगला तराई में पौधरोपण किया. इसके अलावा उन्होंने राधा स्वामी सत्संग परिसर में भी पौधे रोपे. इस मौके पर उन्होंने प्रदेश की जनता को प्रकृति के पर्व हरेला की बधाई दी. साथ ही लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने की अपील की.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरेला पर्व प्रकृति संरक्षण का त्यौहार है. जो प्रेरित करता है कि सभी लोग ज्यादा से ज्यादा पौधों का रोपण करें. उन्होंने कहा कि हम बीते कई सालों से हरेला पर्व को प्रकृति संरक्षण के रूप में मनाते आए हैं. हमारा प्रयास है कि इस हरेला पर्व में जन-जन की भागीदारी हो और आने वाली पीढ़ी भी इसमें भागीदार बने.

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सीएम धामी ने कहा कि इस बात की महत्ता को समझना होगा कि पर्यावरण का हमारे जीवन में क्या महत्व है. हमें पौधे लगाने तक ही सीमित नहीं रहना है. बल्कि, पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन पर भी ध्यान देना होगा. ताकि पौधे न सूखें. साथ ही बताया कि वन विभाग व उद्यान विभाग आपस में समन्वय बनाकर इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं.

बता दें कि उत्तराखंड में प्रकृति पूजन का प्रतीक हरेला लोक पर्व (Uttarakhand Harela festival) हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हरेला पर्व हर साल 15 जुलाई से लेकर 14 अगस्त तक मनाया जाता है. कुमाऊं में इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान जगह-जगह पौधरोपण किया जाता है. जिससे हरियाली बढ़ सके और पर्यावरण को संरक्षित भी किया जा सके.

Last Updated : Jul 15, 2022, 2:15 PM IST
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