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झालाकुरी गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार का किया ऐलान, कहा- रोड नहीं तो वोट नहीं - Champawat polling boycott

चंपावत झालाकुरी गांव के लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान कर दिया है, उन्होंने कहा कि जो उनकी समस्याओं को दूर करेगा उसी को वोट करेंगे. लोगों का कहना है कि गांव में सड़क सुविधा न होने से उन्हें आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

Champawat polling boycott
झालाकुरी गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार का किया ऐलान.
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Published : Feb 1, 2022, 5:35 PM IST

खटीमा: प्रदेश के कई गांव आज भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं, जिस कारण ग्रामीणों को आए दिन परेशानियों से दो चार होना पड़ता है. वहीं चंपावत विकासखंड के दूरस्थ झालाकुरी गांव आज भी सड़क सुविधा से महरूम है. गुस्साए ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान कर दिया है, उन्होंने कहा कि जो उनकी समस्याओं को दूर करेगा उसी को वोट करेंगे.

चंपावत विकासखंड के दूरस्थ झालाकुरी गांव के ग्रामीणों ने बैठक कर कहा कि आजादी के बाद भी उनका गांव सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से नहीं जुड़ पाया है. सड़क न होने से बीमार लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. वहीं रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए लोगों को आज भी मीलों का सफर तय करना पड़ता है.

झालाकुरी गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार का किया ऐलान.

पढ़ें-बजट 2022 में उत्तराखंड: सीमांत गांवों के लिए नई वाइब्रेंट विलेज योजना, राज्य को ऐसे मिलेगा फायदा

उन्होंने कहा कि वो कई बार शासन-प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ कोरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि वे इस बार झूठे आश्वसन के झांसे में नहीं आने वाले हैं. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय उन से वादा तो किया जाता है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी मुड़कर नहीं देखते हैं. उन्होंने कहा कि जो उनकी समस्याओं को दूर करेगा उसी को वोट करेंगे.

खटीमा: प्रदेश के कई गांव आज भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं, जिस कारण ग्रामीणों को आए दिन परेशानियों से दो चार होना पड़ता है. वहीं चंपावत विकासखंड के दूरस्थ झालाकुरी गांव आज भी सड़क सुविधा से महरूम है. गुस्साए ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान कर दिया है, उन्होंने कहा कि जो उनकी समस्याओं को दूर करेगा उसी को वोट करेंगे.

चंपावत विकासखंड के दूरस्थ झालाकुरी गांव के ग्रामीणों ने बैठक कर कहा कि आजादी के बाद भी उनका गांव सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से नहीं जुड़ पाया है. सड़क न होने से बीमार लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. वहीं रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए लोगों को आज भी मीलों का सफर तय करना पड़ता है.

झालाकुरी गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार का किया ऐलान.

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उन्होंने कहा कि वो कई बार शासन-प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत करा चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ कोरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि वे इस बार झूठे आश्वसन के झांसे में नहीं आने वाले हैं. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय उन से वादा तो किया जाता है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी मुड़कर नहीं देखते हैं. उन्होंने कहा कि जो उनकी समस्याओं को दूर करेगा उसी को वोट करेंगे.

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