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सर्दियों में अब पशुपालकों को नहीं होगी चारे की कमी, मिलेगा मक्के से बना साइलेज

डेयरी फेडरेशन अब पशुपालकों को मक्के से बना आहार यानि साइलेज देने जा रहा है. साइलेज से सर्दियों में हरे चारे की कमी को दूर किया जा सकेगा. इसके लिए 44 किलो का एक बैग तैयार किया है, जो एक साल तक सुरक्षित रहता है. साइलेज के सेवन से पशु निरोग और उच्च गुणवत्ता का दुग्ध उत्पादन भी करता है.

पशुपालकों को मिलेगा मक्के से बना साइलेज
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Published : Jun 18, 2019, 10:21 PM IST

रुद्रपुरः पहाड़ी जिलों के पशुपालकों को अब सर्दियों के मौसम में हरे चारे के लिए नहीं भटकना पडे़गा. इसके लिए डेयरी फेडरेशन मक्के से बना पशु आहार के साथ साइलेज तैयार कर रहा है. साइलेज के लिए रुद्रपुर में स्थित आंचल फैक्ट्री में प्रोडक्शन शुरू हो चुका है. यहां पर एक 44 किलो का एक बैग तैयार किया जा रहा है. जिसमें पशुओं के लिए 12 महीने हरे चारे की गुणवत्ता उपलब्ध रहेगा.

रुद्रपुर के आंचल फैक्ट्री में डेयरी फेडरेशन आंचल पशु आहार के साथ मक्के की पौध से आंचल साइलेज तैयार कर रहा है. इस साइलेज की खास बात ये है कि ये पैकिंग में एक साल तक खराब नहीं हो सकता. इससे सर्दियों के मौसम में हरे चारे की कमी को पूरा किया जा सकता है. डेयरी फेडरेशन की मानें तो साइलेज के सेवन से दुधारू पशुओं के दूध की गुणवत्ता में भी सुधार आता है.

पशुपालकों को मिलेगा मक्के से बना साइलेज.

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आंचल फैक्ट्री के जीएम डॉ. एचएस कुटौला ने बताया कि आंचल साइलेज को पशु अचार भी कहा जाता है. फैक्ट्री में जई और मक्के से साइलेज बनाया जा रहा है. इसे पशु बड़े ही चाव से खाते हैं और अन्य हरे चारे की अपेक्षा साइलेज को पशु आसानी से पचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि डेयरी फेडरेशन की ओर से साइलेज का निर्माण किया जा रहा है. फैक्ट्री से प्रोसेसिंग होने के बाद तैयार साइलेज को डिमांड अनुसार प्रदेश के जिलों में भेजा जा रहा है. साथ ही बताया कि साइलेज के सेवन से पशु निरोग और उच्च गुणवत्ता का दुग्ध उत्पादन कर रहे हैं.

रुद्रपुरः पहाड़ी जिलों के पशुपालकों को अब सर्दियों के मौसम में हरे चारे के लिए नहीं भटकना पडे़गा. इसके लिए डेयरी फेडरेशन मक्के से बना पशु आहार के साथ साइलेज तैयार कर रहा है. साइलेज के लिए रुद्रपुर में स्थित आंचल फैक्ट्री में प्रोडक्शन शुरू हो चुका है. यहां पर एक 44 किलो का एक बैग तैयार किया जा रहा है. जिसमें पशुओं के लिए 12 महीने हरे चारे की गुणवत्ता उपलब्ध रहेगा.

रुद्रपुर के आंचल फैक्ट्री में डेयरी फेडरेशन आंचल पशु आहार के साथ मक्के की पौध से आंचल साइलेज तैयार कर रहा है. इस साइलेज की खास बात ये है कि ये पैकिंग में एक साल तक खराब नहीं हो सकता. इससे सर्दियों के मौसम में हरे चारे की कमी को पूरा किया जा सकता है. डेयरी फेडरेशन की मानें तो साइलेज के सेवन से दुधारू पशुओं के दूध की गुणवत्ता में भी सुधार आता है.

पशुपालकों को मिलेगा मक्के से बना साइलेज.

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आंचल फैक्ट्री के जीएम डॉ. एचएस कुटौला ने बताया कि आंचल साइलेज को पशु अचार भी कहा जाता है. फैक्ट्री में जई और मक्के से साइलेज बनाया जा रहा है. इसे पशु बड़े ही चाव से खाते हैं और अन्य हरे चारे की अपेक्षा साइलेज को पशु आसानी से पचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि डेयरी फेडरेशन की ओर से साइलेज का निर्माण किया जा रहा है. फैक्ट्री से प्रोसेसिंग होने के बाद तैयार साइलेज को डिमांड अनुसार प्रदेश के जिलों में भेजा जा रहा है. साथ ही बताया कि साइलेज के सेवन से पशु निरोग और उच्च गुणवत्ता का दुग्ध उत्पादन कर रहे हैं.

Intro:summry - डेरी फेडरेशन अब पशुपालकों को मक्के से बना आहार देने जा रहा है। जिसके लिए फेक्ट्री में इसका प्रोडक्सन भी सुरु किया जा चूका है। 44 किलो के इस बैग को एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

एंकर - डेरी फेडरेशन अब दुग्ध व्यवसाय करने वाले पशु पालकों के लिए मक्के से बने प्रोडक्ट को बना रहा है। ताकि सर्दियों में हरे चारे की किल्लत से पशुपालकों को निजाद दिलाई जा सके। इसके लिए रुद्रपुर स्थित आँचल फेक्ट्री में प्रोडक्शन भी शुरू किया जा चूका है। 44 किलो के इस बैग में पशुओं के लिए हरा चारा 12 महीने मौजूद रहेगा।


Body:वीओ - सर्दियों के मौषम में पहाड़ी जिलों में हरे चारे को लेकर अब पशुपालकों को परेशान होने की जरूरत नही। दरशल डेरी फेडरेशन रूद्रपुर स्थित आँचल फेक्ट्री में आँचल पशु आहार के साथ साथ मक्के की पौध से आँचल साइलेज तैयार किया जा रहा है। इस साइलेज की खास बात यह है कि यह पैकिंग में एक साल तक खराब नही हो सकता। यानी कि पहाड़ो में सर्दियों के मौषम में हरे चारे को लेकर होने वाली परेशानियों से निजाद पाया जा सकता है। यही नही साइलेज के सेवन से दुधारू पशुओं के दूध की क्वालटी में भी सुधार आता है। आँचल फेक्ट्री के जीएम डॉक्टर एच एस कुटौला ने बताया कि आँचल साइलेज को पशु अचार भी कहा जाता है। इसे पशु बड़े ही चाव से खाता है। अन्य हरे चारे की अपेक्षा साइलेज को पशु बड़ी आसानी से पचा सकता है। फेक्ट्री में जेई ओर मक्के से साइलेज बनाया जा रहा है।
वही फेक्ट्री के जीएम एच एस कुटौला ने बताया कि डेरी फेडरेशन की ओर से साइलेज का निर्माण किया जा रहा है। फेक्ट्री में मौजूदा समय मे मक्के की फसल से इसे तैयार किया जा रहा है। फेक्ट्री में प्रोसेसिंग होने के बाद इसे डिमांड अनुसार प्रदेश के जिलों को भेजा जा रहा है। साइलेज के सेवन से पशु निरोग व उच्च गुणवत्ता का दुग्ध उत्पादन कर रहे है।

बाइट - एच एस कुटौला, जीएम आँचल फेक्ट्री।


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