रुद्रपुर: शहर को अब कूड़े से निजात मिलेगी. यही नहीं, अब कूड़े से सीएनजी गैस बनाई जाएगी. राज्य के पहला बायोमीथेनेशन प्लांट (सीबीजी) का भूमि पूजन कर दिया गया है. मेयर रामपाल सिंह द्वारा भूमि पूजन के साथ ही पुणे की मैलहम कम्पनी ने इस आधुनिक प्लांट को लगाने का काम शुरू भी कर दिया है.
जल्द ही प्रदेश का पहला बायोमीथेनेशन प्लांट (सीबीजी) रुद्रपुर के फलजपुर महरौला में स्थापित हो कर सीएनजी गैस बनाना शुरू कर देगा. मेयर प्लांट के भूमि पूजन के बाद कम्पनी ने काम शुरू कर दिया है. जल्द ही प्लांट तैयार कर कूड़े का निस्तारण कर सीएनजी गैस बनाना शुरू कर देगा. सीबीजी प्लांट लगने के बाद कचरा नगर निगम के लिए आय का स्रोत भी बनेगा. शहर के कचरे को रीसाइकिल करके नगर निगम सीबीजी प्लांट में सीएनजी गैस तैयार करेगा. मेयर ने बताया कि यह बायोगैस का प्लांट उत्तराखंड और उत्तर भारत का पहला बड़ा प्रोजेक्ट है. जीरो इंवेस्टमेंट में रेवन्यू आफ द गवर्नमेंट के आधार पर इस प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा, जिसमें तीन रुपये प्रति मीट्रिक टन कूड़े की दर से 24000 रुपये प्रति माह के हिसाब से नगर निगम को कंपनी द्वारा भुगतान किया जाएगा.
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प्लांट की स्थापना पर लगभग 8 से 10 करोड़़ रूपये की लागत आने का अनुमान है, जिसका वहन खुद अनुबंधित फर्म द्वारा स्वयं किया जाना है. प्लांट डीएफबीओटी (डिजाईन फाईनेंस बिल्ड ऑपरेट एण्ड ट्रांसफर) मॉडल पर स्थापित किया जा रहा है, जिसमें नगर निगम रुद्रपुर द्वारा किसी भी प्रकार की धनराशि का व्यय नहीं किया जाना है. ये प्लांट 25 वर्षों के पश्चात पूर्ण रूप से नगर निगम रुद्रपुर को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इसके अलावा अनुबंधित फर्म द्वारा नगर निगम को 1 रूपये प्रति वर्ग मीटर प्रतिमाह की दर से छह एकड़ भूमि की रॉयलटी भी मिलेगी. साथ ही फर्म द्वारा नगर निगम को गीले कूड़े को क्रय कर ₹3 प्रति मीट्रिक टन की दर से भुगतान किया जाएगा. प्लांट में तैयार सीएनजी गैस से नगर निगम रुद्रपुर के वाहनों को भी दौड़ाया जाएगा.
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मेयर रामपाल सिंह ने बताया कि नगर निगम और पुणे की कंपनी द्वारा एमओयू साइन किया गया है, जिसमें बिना पैसे लगाए नगर निगम को आमदनी होगी. आने वाले समय में इस टेक्नोलॉजी को अन्य नगर निगम भी अपनाएंगे. यह टेक्नोलॉजी रुद्रपुर सहित प्रदेश के तमाम नगर निगम के लिए वरदान साबित होगी.