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निजीकरण का विरोध: बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल, केंद्र सरकार को दी चेतावनी

निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर बैंकों के निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. साथ ही सरकार को किसान आंदोलन की राह पर विरोध करने की बात कही.

bank employees strike
बैंक कर्मियों का दो दिवसीय हड़ताल
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Published : Dec 16, 2021, 4:06 PM IST

काशीपुर/ऋषिकेश: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (United Forum of Bank Unions) के बैनर तले आज सभी बैंकों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल (Banks two-day nationwide strike) शुरू हुई. हड़ताल के पहले दिन प्रदेश के सभी बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे. इस दौरान काशीपुर और ऋषिकेश में भी कर्मचारियों ने बैंकों के निजीकरण का विरोध (Oppose to privatization of banks) किया और केंद्र सरकार को किसान आंदोलन की राह अपनाने की चेतावनी दी है.

दो दिवसीय बैंक हड़ताल: एक तरफ जहां केंद्र सरकार (Modi government) तमाम सरकारी बैंकों का निजीकरण (privatization of government banks) करने की योजना बना रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी बैंकों के कर्मचारी सरकार के इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं. बैंकों के निजीकरण और बैंकों को बड़े उद्योगपतियों के हाथ बेचने का आरोप लगाते हुए कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं.

बैंक कर्मियों की हड़ताल: काशीपुर में सभी बैंकों के कर्मचारी आज से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए. देश के साथ प्रदेशभर के बैंकों के तमाम कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे बैंकों का कामकाज प्रभावित (Banks work affected) रहा. इस दौरान काशीपुर में भी सभी बैंकों के कर्मचारी माता मंदिर रोड पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) पर एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के बैनर तले काशीपुर के सभी बैंक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं.

निजीकरण का विरोध: बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार संसद के इसी सत्र में एक ऐसा कानून ला रही है, जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा. निजीकरण होने से सबसे अधिक दिक्कत कर्मचारियों और आम जनता को होगी. गरीब तबके के लोगों को ना तो बचत करने का और ना ही जमा करने का कोई स्रोत रहेगा. इस दौरान कॉमरेड स्वतंत्र मेहरोत्रा ने कहा कि हड़ताल का मुख्य उद्देश्य बैंकों के निजीकरण का विरोध है.

ये भी पढ़ें: UPSSSC Recruitment 2021: महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती के लिए आवेदन शुरू, लेखपाल भर्ती प्रक्रिया अगले हफ्ते

सरकार बैंकों का एनपीए बढ़ा रही: उन्होंने कहा बैंकों को बड़े उद्योगपतियों के हाथ सरकार ने बेचने की तैयारी कर ली है, जिन पर बैंकों का अरबों रुपया बकाया है. जिसके कारण बैंकों का एनपीए बढ़ रहा है. उन्होंने कहा बैंकों की इस दो दिवसीय हड़ताल में देशभर के लाखों बैंक कर्मी भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता की खून-पसीने की कमाई को सरकार दोनों हाथों से लुटा रही है और बड़े घरानों के ऋण माफ कर बैंकों का एनपीए बढ़ा रही है.

किसान आंदोलन से लेंगे सीख: बैंक कर्मियों ने कहा लाभ देने वाली शाखाओं को बंद किया जा रहा है. बैंकों की इस दो दिवसीय हड़ताल से प्रतिदिन 98,950 लाख करोड़ का नुकसान होगा, जिसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. वहीं, उन्होंने इस असुविधा के लिए जनता से भी क्षमा मांगी. उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमने किसान आंदोलन से बहुत कुछ सीखा है. सरकार के आगे किसान किसी भी तरह से नहीं झुके और डटे रहे, जिसके बाद उनकी जीत हुई.

ऋषिकेश में बैंक बंद: वहीं, ऋषिकेश में भी बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. 2 दिन तक चलने वाली हड़ताल की वजह से करीब 250 करोड़ का ट्रांजैक्शन ऋषिकेश में प्रभावित होगा. निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने रेलवे रोड स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बैंकों का निजीकरण कर बैंक कर्मचारियों को बेरोजगारी की कतार में खड़ा करने की कोशिश कर रही है.

बैंक कर्मियों को बेरोजगार करने की साजिश: बैंक कर्मचारियों ने चेतावनी दी है यदि 2 दिन की हड़ताल के बाद भी सरकार ने बैंकों के निजीकरण का प्रयास नहीं छोड़ा तो बैंक कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे. उत्तरांचल बैंक एंप्लाइज यूनियन के सचिव मयंक शर्मा ने कहा सरकारी बैंकों का निजीकरण करने का सरकार लगातार प्रयास कर रही है. वित्त मंत्री ने हाल ही में बयान जारी किया है कि जल्दी ही दो सरकारी बैंकों का निजीकरण कर दिया जाएगा. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि धीरे-धीरे सरकार सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण कर देगी. जिससे सभी बैंक कर्मचारी बेरोजगारों की कतार में खड़े हो जाएंगे.

काशीपुर/ऋषिकेश: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (United Forum of Bank Unions) के बैनर तले आज सभी बैंकों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल (Banks two-day nationwide strike) शुरू हुई. हड़ताल के पहले दिन प्रदेश के सभी बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे. इस दौरान काशीपुर और ऋषिकेश में भी कर्मचारियों ने बैंकों के निजीकरण का विरोध (Oppose to privatization of banks) किया और केंद्र सरकार को किसान आंदोलन की राह अपनाने की चेतावनी दी है.

दो दिवसीय बैंक हड़ताल: एक तरफ जहां केंद्र सरकार (Modi government) तमाम सरकारी बैंकों का निजीकरण (privatization of government banks) करने की योजना बना रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी बैंकों के कर्मचारी सरकार के इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए हैं. बैंकों के निजीकरण और बैंकों को बड़े उद्योगपतियों के हाथ बेचने का आरोप लगाते हुए कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं.

बैंक कर्मियों की हड़ताल: काशीपुर में सभी बैंकों के कर्मचारी आज से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए. देश के साथ प्रदेशभर के बैंकों के तमाम कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे बैंकों का कामकाज प्रभावित (Banks work affected) रहा. इस दौरान काशीपुर में भी सभी बैंकों के कर्मचारी माता मंदिर रोड पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) पर एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के बैनर तले काशीपुर के सभी बैंक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं.

निजीकरण का विरोध: बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार संसद के इसी सत्र में एक ऐसा कानून ला रही है, जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा. निजीकरण होने से सबसे अधिक दिक्कत कर्मचारियों और आम जनता को होगी. गरीब तबके के लोगों को ना तो बचत करने का और ना ही जमा करने का कोई स्रोत रहेगा. इस दौरान कॉमरेड स्वतंत्र मेहरोत्रा ने कहा कि हड़ताल का मुख्य उद्देश्य बैंकों के निजीकरण का विरोध है.

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सरकार बैंकों का एनपीए बढ़ा रही: उन्होंने कहा बैंकों को बड़े उद्योगपतियों के हाथ सरकार ने बेचने की तैयारी कर ली है, जिन पर बैंकों का अरबों रुपया बकाया है. जिसके कारण बैंकों का एनपीए बढ़ रहा है. उन्होंने कहा बैंकों की इस दो दिवसीय हड़ताल में देशभर के लाखों बैंक कर्मी भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता की खून-पसीने की कमाई को सरकार दोनों हाथों से लुटा रही है और बड़े घरानों के ऋण माफ कर बैंकों का एनपीए बढ़ा रही है.

किसान आंदोलन से लेंगे सीख: बैंक कर्मियों ने कहा लाभ देने वाली शाखाओं को बंद किया जा रहा है. बैंकों की इस दो दिवसीय हड़ताल से प्रतिदिन 98,950 लाख करोड़ का नुकसान होगा, जिसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. वहीं, उन्होंने इस असुविधा के लिए जनता से भी क्षमा मांगी. उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमने किसान आंदोलन से बहुत कुछ सीखा है. सरकार के आगे किसान किसी भी तरह से नहीं झुके और डटे रहे, जिसके बाद उनकी जीत हुई.

ऋषिकेश में बैंक बंद: वहीं, ऋषिकेश में भी बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. 2 दिन तक चलने वाली हड़ताल की वजह से करीब 250 करोड़ का ट्रांजैक्शन ऋषिकेश में प्रभावित होगा. निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने रेलवे रोड स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बैंकों का निजीकरण कर बैंक कर्मचारियों को बेरोजगारी की कतार में खड़ा करने की कोशिश कर रही है.

बैंक कर्मियों को बेरोजगार करने की साजिश: बैंक कर्मचारियों ने चेतावनी दी है यदि 2 दिन की हड़ताल के बाद भी सरकार ने बैंकों के निजीकरण का प्रयास नहीं छोड़ा तो बैंक कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होंगे. उत्तरांचल बैंक एंप्लाइज यूनियन के सचिव मयंक शर्मा ने कहा सरकारी बैंकों का निजीकरण करने का सरकार लगातार प्रयास कर रही है. वित्त मंत्री ने हाल ही में बयान जारी किया है कि जल्दी ही दो सरकारी बैंकों का निजीकरण कर दिया जाएगा. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि धीरे-धीरे सरकार सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण कर देगी. जिससे सभी बैंक कर्मचारी बेरोजगारों की कतार में खड़े हो जाएंगे.

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