रुद्रपुर: कर्नाटक के उडुपी जिले से शुरू हुए हिजाब विवाद की तपिश चुनावी राज्य उत्तराखंड में भी पहुंच गई है. इस मामले में बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस को उत्तराखंड में भी घेरना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को उत्तराखंड पहुंचे अमस के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हिजाब विवाद पर कांग्रेस को आडे़ हाथों लिया. साथ ही मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुद्दा भी उठाया.
कर्नाटक हिजाब विवाद पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने कहा कि अभी वहां पर जो हो रहा है, वो ज्ञान का मसला नहीं है, बल्कि ज्ञान के मंदिर में धर्म को लाया जा रहा है. यदि क्लास में छात्रा हिजाब पहनकर जाती है तो टीचर को कैसे मालूम होगा कि छात्रा को कुछ समझ में आ रहा या नहीं आ रहा है. तीन साल पहले तो कॉलेज में कोई भी नहीं बोला था कि हिजाब पहनना है. अचानक ये मसला खड़ा होता है और कर्नाटक हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में ये मामला जाता है. वहां पर भी कांग्रेस के वकील खड़े होते हैं. इससे साफ पता चलता है कि ये देश को तोड़ने की एक कोशिश है.
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मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा ने कहा कि अगर इस समय देश को सबसे ज्यादा किसी की जरूरत है तो वो शिक्षा की है, उनको हिजाब की जरूरत नहीं है. इस देश में इस्लाम दो तरह का एक है, एक धार्मिक इस्लाम और दूसरा राजनीतिक इस्लाम, जिसे कांग्रेस सपोर्ट कर रही है.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा के मुताबिक धार्मिक इस्लाम कुरान के हिसाब से जाएगा, जहां ज्ञान ही सबसे बड़ा मुद्दा होगा. कभी-कभी वे कहते हैं कि भारत एक राष्ट्र नहीं बल्कि राज्यों का संघ है. यह सब सुनकर लगता है कि क्या जिन्ना की आत्मा कांग्रेस में प्रवेश कर गई है. उनकी ध्रुवीकरण की राजनीति का खत्म होना ही सही है. मुझे लगता है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद यह काफी हद तक खत्म हो जाएगा.
कांग्रेस कभी कहती है कि मदरसे खोलना सही है, मुस्लिम विश्वविद्यालय खोलना सही है, वे यह भी कहते हैं कि हिजाब पहनना सही है. जबकि पीएम मोदी भारत को विश्व नेता बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन दूसरे लोग हिजाब की बात कर रहे हैं. कांग्रेस ने भारत के कोविड टीकों पर सवाल उठाया. राहुल गांधी यहां देश के लिए नहीं तुष्टिकरण की राजनीति करने आए हैं. जबकि पीएम मोदी देश के लिए जीते हैं.