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जज्बे को सलाम: रुद्रपुर की अंजली सब्जी बेचकर पाल रही बच्चे

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Published : Apr 28, 2020, 11:22 AM IST

Updated : May 25, 2020, 12:18 PM IST

रुद्रपुर में अंजली अपने बच्चों का भरण पोषण करने के लिए ठेली लगा कर सब्जियां बेच रही है. महिला के हौसले को लोग सलाम कर रहे हैं.

भरण-पोषण  के बेच रही सब्जियां
भरण-पोषण के बेच रही सब्जियां

रुद्रपुर: कोरोना के डर से लॉकडाउन है. लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में एक महिला अपने बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए ठेली लगा कर सब्जियां बेच रही है. महिला के हौसले को लोग सलाम कर रहे हैं.

रुद्रपुर की अंजली अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए ठेला लगा रही हैं. दो वक्त की रोटी के लिए पहले मजदूरी और लॉकडाउन के दौरान सब्जी का ठेला लगाते हुए वह लोगों के लिए मिसाल बन रही हैं.

अंजली ने बताया कि उसका विवाह वर्ष 2005 में हुआ था. तीन साल पहले पति ने तलाक दे दिया. ऐसे में उसके सामने दो बच्चों के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई. बच्चों को पालने के लिए उसने किसी के सामने हाथ नहीं फैलाए. लॉकडाउन से पहले उसने मजदूरी कर बच्चों का भरण-पोषण किया तो लॉकडाउन के दौरान किसी से पैसे उधार ले कर एक ठेला खरीद लिया. अब वह लॉकडाउन के दौरान रोजाना लोगों को सब्जियां मुहैया करा रही है.

पढ़ें- देहरादून: बेसहारों के बने अन्नदाता, इस चौकी की चर्चा है हर तरफ...

अंजली ने बताया वह रोजाना सुबह मंडी से सब्जी खरीदने के बाद डीडी चौक, गांधी पार्क और मेन बाजार में जाकर ठेली से सब्जी बेचती है. हर दिन 200 से 300 रुपए उसकी बचत हो जाती है, जिससे घर चलता है. उसका बड़ा बेटा फते सिंह आवास विकास के जयनगर स्थित एक स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ता है. छोटा बेटा अभी ढाई साल का है.

रुद्रपुर: कोरोना के डर से लॉकडाउन है. लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में एक महिला अपने बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए ठेली लगा कर सब्जियां बेच रही है. महिला के हौसले को लोग सलाम कर रहे हैं.

रुद्रपुर की अंजली अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए ठेला लगा रही हैं. दो वक्त की रोटी के लिए पहले मजदूरी और लॉकडाउन के दौरान सब्जी का ठेला लगाते हुए वह लोगों के लिए मिसाल बन रही हैं.

अंजली ने बताया कि उसका विवाह वर्ष 2005 में हुआ था. तीन साल पहले पति ने तलाक दे दिया. ऐसे में उसके सामने दो बच्चों के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई. बच्चों को पालने के लिए उसने किसी के सामने हाथ नहीं फैलाए. लॉकडाउन से पहले उसने मजदूरी कर बच्चों का भरण-पोषण किया तो लॉकडाउन के दौरान किसी से पैसे उधार ले कर एक ठेला खरीद लिया. अब वह लॉकडाउन के दौरान रोजाना लोगों को सब्जियां मुहैया करा रही है.

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अंजली ने बताया वह रोजाना सुबह मंडी से सब्जी खरीदने के बाद डीडी चौक, गांधी पार्क और मेन बाजार में जाकर ठेली से सब्जी बेचती है. हर दिन 200 से 300 रुपए उसकी बचत हो जाती है, जिससे घर चलता है. उसका बड़ा बेटा फते सिंह आवास विकास के जयनगर स्थित एक स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ता है. छोटा बेटा अभी ढाई साल का है.

Last Updated : May 25, 2020, 12:18 PM IST
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