बाजपुर: लॉकडाउन जहां कोरोना महामारी से बचने के लिए कारगर साबित हो रहा है तो वहीं लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों और आवारा जानवरों के लिए एक मुसीबत का पहाड़ बनता दिखाई दे रहा है. इस लॉकडाउन में आवारा जानवर भुखमरी के कगार पर हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के आह्वान पर बेजुबान जानवरों को भोजन देने का जिम्मा पशुपालन विभाग ने उठाया है.
बता दें, जहां पूरा देश लॉकडाउन के समय में आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, वहीं लोग सीमित समय के लिए ही अपने घरों से बाहर आ रहे हैं. ऐसे में सड़कों पर घूमने वाले बेजुबान जानवरों के सामने खाने का संकट मंडराने लगा है. यही कारण है कि इन बेजुबान जानवरों को एक वक्त का भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है. लेकिन लॉकडाउन के कुछ दिन बाद ही एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है जहां आवारा जानवर एक कार का इंतजार करते हैं और कार आते ही उसकी तरफ दौड़ पड़ते हैं.
पढ़े- लॉकडाउन में भगवान 'लॉक', आर्थिकी को लेकर परेशान पंडे-पुजारी
यह तब हो पाया जब इन बेजुबान जानवरों के भोजन की चिंता प्रदेश सरकार ने की. बेजुबान जानवरों को भोजन देने का जिम्मा प्रदेश सरकार ने पशुपालन विभाग को दिया है, यही कारण है कि पशुपालन विभाग द्वारा आवारा जानवरों के लिए भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. आपको बता दें कि 27 मार्च से गदरपुर के शहरी क्षेत्र में सुबह 7 से 8 और शाम साढ़े 5 से साढ़े 7 बजे तक गदरपुर के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवि शंकर झा के नेतृत्व में एक टीम कार से विभिन्न स्थानों पर आवारा जानवरों को भोजन उपलब्ध कराती है.
पढ़े- ऐप के जरिये घर पहुंचेगा जरूरी सामान, यहां जानें कैसे लें लाभ
वहीं, जब इस मामले की जानकारी वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी से ली गई तो उन्होंने बताया कि कुत्तों के लिए ब्रेड, अंडा, दूध का मिक्सचर और गोवंश पशुओं के लिए भूसा, संतुलित पशु आहार और हरा चारा दिया जाता है और साथ ही उन्होंने बताया कि जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक पशुपालन विभाग द्वारा आवारा जानवरों को भोजन दिया जाएगा, जिससे बेजुबान जानवर अपना पेट भर सके.