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107वें अखिल भारतीय किसान मेले का समापन, इन फसलों की खेती से बढ़ेगी किसानों की आय - किसान मेले का समापन रुद्रपुर समाचार

चार दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले का आज समापन हो गया. मेले में 30 लाख रुपये के बीज पौधे और साहित्यों की बिक्री की गई.

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किसान मेले का समापन.
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Published : Mar 6, 2020, 11:13 PM IST

रुद्रपुर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय 107वें अखिल भारतीय किसान मेले का समापन किया गया. चार दिनों तक चले किसान मेले का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह गांधी हॉल में आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि प्रगतिशील कृषक निर्मल सिंह तोमर रहे.

प्रगतिशील किसान निर्मल सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को अपने खेत की मृदा, स्थानीय मौसम व क्षेत्र की ऊंचाई के अनुसार फसलों एवं फलों की उन्नत प्रजातियों का चुनाव कर उत्पादन में वृद्वि करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अखरोट की फसल में नयी तकनीक विकसित की गई है, जिसमें उन्हें 80 प्रतिशत सफलता भी मिल चुकी है.

यह भी पढ़ें-हल्द्वानी: पूरे शबाब पर होली, आप भी देखिए खड़ी और बैठकी होली के अनोखे रंग

उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र के किसानों के लिए नींबू व अखरोट का उत्पादन करना सबसे उत्तम है, जिसमें वे नौकरी से अधिक कमाई करने के साथ-साथ दूसरों को रोजगार भी दे सकते हैं. वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तेज प्रताप ने समापन समारोह की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि यह मेला सफल रहा. मेले में 30 लाख रुपये के बीज पौधे और साहित्यों की बिक्री की गई. विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 70 सालों से किसान मेला आयोजित करने की परम्परा का सफलतापूर्वक निर्वाहन किया गया.

उन्होंने कहा कि इस किसान मेले में देश के विभिन्न प्रदेशों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा जम्मू एवं कश्मीर के दूर-दराज एवं बॉर्डर क्षेत्र के हजारों किसानों ने मेले में शिरकत की. बता दें कि, इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक, राजेश शुक्ला, प्रगतिशील कृषक पदमश्री भारत भूषण त्यागी के अलावा निदेशक प्रसार शिक्षा डा. अनिल कुमार शर्मा एवं निदेशक शोध डा. एएस नैन भी उपस्थित रहे.

रुद्रपुर: पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय 107वें अखिल भारतीय किसान मेले का समापन किया गया. चार दिनों तक चले किसान मेले का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह गांधी हॉल में आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि प्रगतिशील कृषक निर्मल सिंह तोमर रहे.

प्रगतिशील किसान निर्मल सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को अपने खेत की मृदा, स्थानीय मौसम व क्षेत्र की ऊंचाई के अनुसार फसलों एवं फलों की उन्नत प्रजातियों का चुनाव कर उत्पादन में वृद्वि करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अखरोट की फसल में नयी तकनीक विकसित की गई है, जिसमें उन्हें 80 प्रतिशत सफलता भी मिल चुकी है.

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उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र के किसानों के लिए नींबू व अखरोट का उत्पादन करना सबसे उत्तम है, जिसमें वे नौकरी से अधिक कमाई करने के साथ-साथ दूसरों को रोजगार भी दे सकते हैं. वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तेज प्रताप ने समापन समारोह की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि यह मेला सफल रहा. मेले में 30 लाख रुपये के बीज पौधे और साहित्यों की बिक्री की गई. विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 70 सालों से किसान मेला आयोजित करने की परम्परा का सफलतापूर्वक निर्वाहन किया गया.

उन्होंने कहा कि इस किसान मेले में देश के विभिन्न प्रदेशों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा जम्मू एवं कश्मीर के दूर-दराज एवं बॉर्डर क्षेत्र के हजारों किसानों ने मेले में शिरकत की. बता दें कि, इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक, राजेश शुक्ला, प्रगतिशील कृषक पदमश्री भारत भूषण त्यागी के अलावा निदेशक प्रसार शिक्षा डा. अनिल कुमार शर्मा एवं निदेशक शोध डा. एएस नैन भी उपस्थित रहे.

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