रामनगर: 2 दिन पूर्व पेट दर्द की शिकायत पर कृष्णा पोखरियाल (10 वर्षीय) को रामनगर के बृजेश असप्ताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसकी आंत फटने की बात कर ऑपरेशन किया था. ऑपरेशन के बाद कृष्णा को होश नहीं आने पर उसे काशीपुर रेफर कर दिया गया. परिजन जब उसे लेकर काशीपुर के सहोता अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने बच्चे का शव एंबुलेंस में रखकर रामनगर कोतवाली का घेराव किया. ये लोग बृजेश हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे.
पुलिस शव को रामनगर संयुक्त चिकित्सालय में पोस्टमॉर्टम के लिए ले गई. लेकिन परिजनों द्वारा रामनगर के अस्पताल पर संदेह जताने की वजह से शव को पोस्टमॉर्टम के लिए हल्द्वानी ले जाया गया. परिजनों ने प्रशासन से अनुमति लेकर बेस अस्पताल में पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी कराई.
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पोस्टमॉर्टम होने के बाद परिजन हल्द्वानी से शव लेकर रामनगर कोतवाली पहुंचे और बृजेश अस्पताल को बंद करने के साथ ही उस पर कार्रवाई करने की मांग करते रहे. मृतक के परिजन मोहन चंद्र जोशी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी को लेकर भी हमें कई धक्के खाने पड़े. हम लोग बच्चे का पीएम करवाकर हल्द्वानी से शव को सीधा रामनगर कोतवाली लेकर पहुंचे है. यहां कहा जा रहा है कि प्रशासन द्वारा एक टीम गठित की जाएगी जो जांच करेगी.
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि अगर 3 दिन में अस्पताल के खिलाफ मुकदमा और कार्रवाई नहीं होती तो हम धरने पर बैठ जाएंगे. हमारी मांग है कि अस्पताल को बंद किया जाए. इससे पहले भी अस्पताल में 8 लोगों की मौत हो चुकी है. आगे ऐसा किसी के साथ ना हो इसलिए इस अस्पताल पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए.