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116 साल बाद रोशनी से जगमग हुआ सेहल रेलवे हॉल्ट, बेरिया दौलत भी चमका

सेहल हॉल्ट और बेरिया दौलत हॉल्ट कई दशकों बाद बिजली की रोशनी से जगमग हो गये हैं. दोनों ही हॉल्ट पर हाल ही में बिजली फिटिंग की गई है. हॉल्ट पर बिजली की व्यवस्था होने से यात्रियों और हॉल्ट एजेंट ने राहत की सांस ली है. सेहल रेलवे हॉल्ट में 116 साल बाद बिजली आई है.

Electricity fittings at two halts of the railway
दशकों बाद रोशनी से जगमग हुए सेहल और बेरिया दौलत हॉल्ट
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Published : Dec 22, 2021, 3:16 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 5:03 PM IST

काशीपुर: रेलवे विभाग धीरे-धीरे हाईटेक हो रहा है. हाईटेक होने के साथ ही रेलवे में पूर्व में रह गई कमियों को भी दूर किया जा रहा है. इसी कड़ी में रेलवे ने ऐसे दो हॉल्ट को बिजली से रोशन किया है जो दशकों से अंधेरे में थे. इनमें से एक हॉल्ट एक शताब्दी, तो दूसरा पांच दशक बाद बिजली की रोशनी से जगमग हुआ है. दोनों हॉल्टों में प्रकाश व्यवस्था होने पर यात्रियों और हाल्ट कर्मियों ने राहत की सांस ली है. इससे यात्रियों को अंधेरे में आने-जाने में बड़ी परेशानी से भी निजात मिली है.

बता दें रामनगर से मुरादाबाद रेलवे मार्ग पर पीरूमदारा, गौशाला, पदिया नगला, जालपुर, सेहल, गोट हॉल्ट बने हैं. सेहल हॉल्ट से मिलख, चकरपुर, मोदी हमीरपुर, सरकड़ा और चकबेगमपुर समेत तमाम गांवों के दर्जनों ग्रामीण रोजाना रेल से सफर करते हैं. साल 1904 में काशीपुर-मुरादाबाद रेलवे मार्ग स्थित सेहल फ्लैग स्टेशन बनाया गया था. जहां पैसेंजर ट्रेन कुछ देर रुककर गंतव्य के लिए रवाना होती थी. साल 1970 में सेहल को हॉल्ट बनाया गया. जहां तैनात हाल्ट एजेंट अपने सर्विस स्टेशन पीपलसाना से टिकट बनाकर यात्रियों को देते हैं. हॉल्ट बनने के पांच दशक बाद भी यहां बिजली फिटिंग तक नहीं कराई जा सकी, जबकि एजेंट व यात्री लगातार प्रकाश व्यवस्था कराने की मांग करते आ रहे थे.

दशकों बाद रोशनी से जगमग हुए सेहल और बेरिया दौलत हॉल्ट

पढ़ें- हरिद्वार में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने लिए साक्षात्कार, ज्वालापुर से 21 नेताओं ने की दावेदारी

लाइट की व्यवस्था न होने के चलते ग्रामीण यात्रियों और एजेंट को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. साथ ही हॉल्ट एजेंट इमरजेंसी लाइट दिखाकर ट्रेन को पास कराता था. यात्रियों की मांग पर दस दिन पूर्व रेलवे ने हॉल्ट कक्ष में बिजली फिटिंग कराई है. साथ ही प्लेटफॉर्म पर भी स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य भी अंतिम चरण में है. दस दिन पूर्व सेहल हॉल्ट पर रेलवे ने फिटिंग कराकर टिकट केबिन में बिजली की व्यवस्था की है. वहीं, हॉल्ट पर स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम अंतिम चरण में है. इससे पूर्व इमरजेंसी लाइट से काम चलता था. वर्तमान में सेहल हॉल्ट से होकर दो ट्रेनें गुजरती हैं. जिनमें रोजाना दर्जनों यात्री सफर करते हैं.

पढ़ें- कांग्रेस में सिर फुटव्वल: नैनीताल विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे हेम आर्य, जिला अध्यक्ष ने थमाया नोटिस

वहीं, काशीपुर से लालकुआं मार्ग पर सरकरा, बेरिया दौलत, रुद्रपुर सिडकुल रेलवे हॉल्ट बने हैं. जहां पर तैनात हॉल्ट एजेंट अपने नजदीकी स्टेशन से टिकट बनवाकर यात्रियों को मुहैया कराते हैं. बेरिया दौलत गांव के साथ साथ दलपुरा, रोशनपुर, चंदनपुरा, भजवा नगला, तोता बेरिया, बड़ाभोज समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण अपने गंतव्य स्थान को जाने के लिए बाजपुर रेलवे स्टेशन से रेल का सफर किया करते थे.

ग्रामीणों को सफर करने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए रेलवे विभाग ने साल 1966 में बेरिया दौलत हॉल्ट का निर्माण किया. वर्तमान में बेरिया दौलत हॉल्ट से 6 ट्रेनें रोजाना गुजरती हैं. जिसमें दर्जनों की संख्या में यात्री रोजाना सफर करते हैं. अब इस हॉल्ट पर भी लाइट की व्यवस्था कर दी गई है.

काशीपुर: रेलवे विभाग धीरे-धीरे हाईटेक हो रहा है. हाईटेक होने के साथ ही रेलवे में पूर्व में रह गई कमियों को भी दूर किया जा रहा है. इसी कड़ी में रेलवे ने ऐसे दो हॉल्ट को बिजली से रोशन किया है जो दशकों से अंधेरे में थे. इनमें से एक हॉल्ट एक शताब्दी, तो दूसरा पांच दशक बाद बिजली की रोशनी से जगमग हुआ है. दोनों हॉल्टों में प्रकाश व्यवस्था होने पर यात्रियों और हाल्ट कर्मियों ने राहत की सांस ली है. इससे यात्रियों को अंधेरे में आने-जाने में बड़ी परेशानी से भी निजात मिली है.

बता दें रामनगर से मुरादाबाद रेलवे मार्ग पर पीरूमदारा, गौशाला, पदिया नगला, जालपुर, सेहल, गोट हॉल्ट बने हैं. सेहल हॉल्ट से मिलख, चकरपुर, मोदी हमीरपुर, सरकड़ा और चकबेगमपुर समेत तमाम गांवों के दर्जनों ग्रामीण रोजाना रेल से सफर करते हैं. साल 1904 में काशीपुर-मुरादाबाद रेलवे मार्ग स्थित सेहल फ्लैग स्टेशन बनाया गया था. जहां पैसेंजर ट्रेन कुछ देर रुककर गंतव्य के लिए रवाना होती थी. साल 1970 में सेहल को हॉल्ट बनाया गया. जहां तैनात हाल्ट एजेंट अपने सर्विस स्टेशन पीपलसाना से टिकट बनाकर यात्रियों को देते हैं. हॉल्ट बनने के पांच दशक बाद भी यहां बिजली फिटिंग तक नहीं कराई जा सकी, जबकि एजेंट व यात्री लगातार प्रकाश व्यवस्था कराने की मांग करते आ रहे थे.

दशकों बाद रोशनी से जगमग हुए सेहल और बेरिया दौलत हॉल्ट

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लाइट की व्यवस्था न होने के चलते ग्रामीण यात्रियों और एजेंट को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. साथ ही हॉल्ट एजेंट इमरजेंसी लाइट दिखाकर ट्रेन को पास कराता था. यात्रियों की मांग पर दस दिन पूर्व रेलवे ने हॉल्ट कक्ष में बिजली फिटिंग कराई है. साथ ही प्लेटफॉर्म पर भी स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य भी अंतिम चरण में है. दस दिन पूर्व सेहल हॉल्ट पर रेलवे ने फिटिंग कराकर टिकट केबिन में बिजली की व्यवस्था की है. वहीं, हॉल्ट पर स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम अंतिम चरण में है. इससे पूर्व इमरजेंसी लाइट से काम चलता था. वर्तमान में सेहल हॉल्ट से होकर दो ट्रेनें गुजरती हैं. जिनमें रोजाना दर्जनों यात्री सफर करते हैं.

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वहीं, काशीपुर से लालकुआं मार्ग पर सरकरा, बेरिया दौलत, रुद्रपुर सिडकुल रेलवे हॉल्ट बने हैं. जहां पर तैनात हॉल्ट एजेंट अपने नजदीकी स्टेशन से टिकट बनवाकर यात्रियों को मुहैया कराते हैं. बेरिया दौलत गांव के साथ साथ दलपुरा, रोशनपुर, चंदनपुरा, भजवा नगला, तोता बेरिया, बड़ाभोज समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण अपने गंतव्य स्थान को जाने के लिए बाजपुर रेलवे स्टेशन से रेल का सफर किया करते थे.

ग्रामीणों को सफर करने में होने वाली दिक्कतों को देखते हुए रेलवे विभाग ने साल 1966 में बेरिया दौलत हॉल्ट का निर्माण किया. वर्तमान में बेरिया दौलत हॉल्ट से 6 ट्रेनें रोजाना गुजरती हैं. जिसमें दर्जनों की संख्या में यात्री रोजाना सफर करते हैं. अब इस हॉल्ट पर भी लाइट की व्यवस्था कर दी गई है.

Last Updated : Dec 22, 2021, 5:03 PM IST
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