जसपुरः नगर में सरकारी अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को अपने निजी अस्पताल में ले जाकर महंगे दामों में डिलीवरी कराने का मामला सामने आया है. यहां सरकारी अस्पताल में संविदा पर तैनात एक महिला डॉक्टर पर दोहरा लाभ उठाने के आरोप लगे हैं.
बता दें कि, डेढ़ लाख से ज्यादा की आबादी वाले जसपुर शहर में मात्र एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है. यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. मरीज भी यही उम्मीद लगाकर आते हैं कि उन्हें इस सरकारी अस्पताल में सस्ता इलाज मुहैया हो सकेगा, लेकिन संसाधन तो कभी सुविधाओं की कमी के चलते यह हमेशा सुर्खियों में रहता है. इन दिनों भी इस सामुदायिक केंद्र में तैनात डॉक्टरों का नया मामला सुर्खियां बटोर रहा है.
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दरअसल, जसपुर के सरकारी अस्पताल में तैनात कुछ डॉक्टर दोहरा लाभ उठा रहे हैं. साथ ही भोली-भाली जनता को जमकर लूट रहे हैं. इतना ही नहीं डॉक्टर अपने निजी अस्पतालों को मोटी कमाई का जरिया बना रहे हैं. ऐसा ही एक मामला महिला डॉक्टर का सामने आया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि महिला डॉक्टर संविदा पर तैनात है. जहां पर वो सरकार से मोटी सैलरी ले रही हैं. वहीं, इसी की आढ़ में इलाज के लिए सरकारी अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं का प्रसव अपने निजी अस्पताल में करा रही हैं.
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जानकारी के मुताबिक, काशीपुर की रहने वाली डॉक्टर नेहा चौहान बीते एक साल से ज्यादा समय से यहां संविदा पर तैनात हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि महिला डॉक्टर अस्पताल में रहकर दोहरा लाभ उठा रही हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि महिला डॉक्टर सरकारी अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं का इलाज कर उन्हें प्रसव के लिए अपने काशीपुर स्थित निजी अस्पताल में ले जाने को मजबूर करती हैं. नर्सिंग होम ले जाकर नॉर्मल और सिजेरियन डिलीवरी के नाम पर मरीजों से मोटी रकम वसूलती हैं.
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स्थानीय लोगों का आरोप है कि हर रोज सरकारी अस्पताल के बाहर डॉक्टर की निजी नर्सिंग होम की एंबुलेंस आती है. जो मरीज को लेकर जाती है. इतना ही इसी से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें महिला डॉक्टर के नर्सिंग होम के नाम से संचालित एंबुलेंस मरीजों को ढो रही है.
वहीं, महिला डॉक्टर ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनके द्वारा किसी भी मरीज को अपने नर्सिंग होम ले जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है. उन्होंने अपने नर्सिंग होम की एंबुलेंस बुलाने के आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मरीज अपने इच्छा के मुताबिक उनके नर्सिंग होम पर आते हैं.
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उधर, मामले पर सीएचसी के चिकित्साधीक्षक हितेश शर्मा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है. मामले की जांच की जाएगी.