काशीपुर: आईटीआई थाना क्षेत्र में एक किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं, दूसरे मामले में डीजे द्वितीय की अदालत ने गैर इरादतन हत्या मामले में तीन आरोपियों की जमानत खारिज कर, उन्हें जेल भेज दिया है.
काशीपुर आईटीआई थाना क्षेत्र के ग्राम कुंडेश्वरा निवासी हरि सिंह की पुत्री परविता (16 वर्षीया) घर के समीप स्थित एक फैक्ट्री में पिछले लगभग 2 वर्षों से कार्यरत थी. बताया जा रहा है कि मंगलवार की शाम वह अपने घर लौटी और रात में खाना खाने के बाद अपने कमरे में चली गई. परिजनों ने बताया कि रात्रि लगभग डेढ़ बजे किशोरी ने मां की साड़ी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया, जिसके बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया. अचानक घटी इस घटना से परिजनो में मातम छाया हुआ है. आत्महत्या के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है. मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है.
वहीं, काशीपुर की एडीजे द्वितीय कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या मामले में तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दिया. साथ ही उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया. जबकि विवेचना के दौरान पुलिस ने तीनों आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी.
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दरअसल, मामला 2018 का है. काशीपुर के बाजपुर रोड हेमपुर इस्माइल निवासी लड़ेतिया ने 22 जून 2018 को आईटीआई थाने में केस दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया कि 21 जून की रात उसके पति हेमराज का पड़ोसी हरिओम, गुरुवचन और हरि सिंह से विवाद हो गया था. विवाद में हुए मारपीट में उसके ससुर रामलाल (90 वर्षीय) गंभीर रूप से घायल हो गये, जिनकी इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मामले में हरिओम, हरि सिंह, गुरुवचन, चमन और नेपाल पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया था.
तत्कालीन विवेचना अधिकारी एसआई कौशल भाकुनी ने दो आरोपियों हरिओम और गुरुवचन के खिलाफ धारा 304ए के तहत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. जबकि हरि सिंह, नेपाल और चमन के खिलाफ सिर्फ मारपीट और धमकाने की धाराओं में चार्जशीट प्रस्तुत कर गैरइरादत हत्या के आरोपों से तीनों को क्लीन चिट दे दी थी.
मामले की सुनवाई के बाद 20 अगस्त 2020 को न्यायालय ने दो आरोपी हरिओम, गुरवचन को 10 साल कारावास की सजा सुनाई. साथ ही हरि सिंह, नेपाल और चमन को बतौर आरोपी कोर्ट में तलब किया. इसके बाद आरोपी कोर्ट में हाजिर न होकर हाई कोर्ट चले गए. 5 मार्च 2021 को हाईकोर्ट ने मामले में आरोपियों को काशीपुर कोर्ट में सरेंडर कर उसी दिन सुनवाई के आदेश दिये थे.
तीनों आरोपी हरि सिंह, नेपाल और चमन ने कोर्ट में सरेंडर किया. वादी लड़ेतिया की ओर से अधिवक्ता संजीव आकाश ने बहस की और आरोपियों को जमानत न देने की गुहार की. दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपितों के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर तीनों को जेल भेज दिया.