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चमोली के इस गांव में होती है अनोखी पूजा, 24 घंटे तक सीमाएं रहती हैं सील, केदारनाथ हाई-वे भी बंद

इस विशेष पूजा के दौरान 24 घंटे के लिए गांव की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी जाती हैं. गांव से होकर गुजरने वाला गोपेश्वर-केदारनाथ हाई-वे भी इस दौरान बंद रहता है.

गंगोलगांव में होती है विशेष पूजा
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Published : Apr 5, 2019, 1:12 PM IST

Updated : Apr 5, 2019, 7:33 PM IST

चमोली: देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं का वास है. उत्तराखंड अपनी संस्कृति और अध्यात्म के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान रखता है. यहां लोगों में देवताओं के प्रति अटूट आस्था है. ऐसी ही एक कहानी जुड़ी है चमोली जिले के गंगोलगांव की है. यहां गांववाले खुशहाली के लिए एक खास तरह की पूजा का आयोजन करते हैं.

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इस विशेष पूजा के दौरान 24 घंटे के लिए गांव की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी जाती हैं. गांव से होकर गुजरने वाला गोपेश्वर-केदारनाथ हाई-वे भी इस दौरान बंद रहता है. यहां 24 घंटे के लिए किसी तरह की आवाजाही नहीं होती है.

गंगोलगांव में होती है विशेष पूजा

इस आस्था के पीछे की वजह दैवीय आपदा को बताया जाता है. दरअसल, गांव में बीते कई सालों में दैवीय आपदा में कई लोगों को मौत हुई है. गांव को भी काफी नुकसान हुआ है. इन परिरिस्थियों में गांव की खुशहाली बनी रहे इसके लिये उखेल उबेद नाम की एक पूजा की जाती है. इसी कड़ी में बीती 4 अप्रैल को भी इस पूजा का आयोजन किया गया था. इस दौरान भूमि पूजन भी किया गया. इस धार्मिक कार्यक्रम में गांव की खुशहाली व सुख शांति की कामना भी की गई.

पढ़ें- हाई कोर्ट ने शिक्षामित्रों को दी बड़ी राहत, स्‍थाई नियुक्तियां होने तक कार्य करते रहेंगे शिक्षामित्र

पूजा गुरुवार सुबह 8 बजे शुरू हुई जो शुक्रवार सुबह 8 बजे तक चली. इस दौरान गांव की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई थीं. इन 24 घंटों में न तो कोई व्यक्ति गांव में आ सकता था और न ही गांव से बाहर जा सकता था. पंडित के मंत्रोच्चारण के बाद ही गांव की सीमा को सील किया जाता है.

chamoli
गंगोलगांव में होती है विशेष पूजा

ग्रामीणों की मानें तो इस दौरान यदि कोई व्यक्ति गांव की सीमा में आता या फिर बाहर जाता है तो ये पूजा असफल हो जाती है. व्यक्ति के साथ-साथ गांव में भी बड़ी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है. इसलिए ग्रामीण गांव के बाहर 24 घंटे सीमाओं की चौकसी करते हैं. पूजा के समय गांव में जानवरों का प्रवेश कभी वर्जित होता है. यहीं कारण है कि गोपेश्वर-केदारनाथ हाई-वे को भी बंद कर दिया जाता है.

हाई-वे बंद करने के लिए जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग से अनुमति ली गई थी. शुक्रवार को सुबह 8 पूजा संपन्न होने के बाद हाई-वे को खोल दिया गया.

चमोली: देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं का वास है. उत्तराखंड अपनी संस्कृति और अध्यात्म के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान रखता है. यहां लोगों में देवताओं के प्रति अटूट आस्था है. ऐसी ही एक कहानी जुड़ी है चमोली जिले के गंगोलगांव की है. यहां गांववाले खुशहाली के लिए एक खास तरह की पूजा का आयोजन करते हैं.

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इस विशेष पूजा के दौरान 24 घंटे के लिए गांव की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी जाती हैं. गांव से होकर गुजरने वाला गोपेश्वर-केदारनाथ हाई-वे भी इस दौरान बंद रहता है. यहां 24 घंटे के लिए किसी तरह की आवाजाही नहीं होती है.

गंगोलगांव में होती है विशेष पूजा

इस आस्था के पीछे की वजह दैवीय आपदा को बताया जाता है. दरअसल, गांव में बीते कई सालों में दैवीय आपदा में कई लोगों को मौत हुई है. गांव को भी काफी नुकसान हुआ है. इन परिरिस्थियों में गांव की खुशहाली बनी रहे इसके लिये उखेल उबेद नाम की एक पूजा की जाती है. इसी कड़ी में बीती 4 अप्रैल को भी इस पूजा का आयोजन किया गया था. इस दौरान भूमि पूजन भी किया गया. इस धार्मिक कार्यक्रम में गांव की खुशहाली व सुख शांति की कामना भी की गई.

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पूजा गुरुवार सुबह 8 बजे शुरू हुई जो शुक्रवार सुबह 8 बजे तक चली. इस दौरान गांव की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई थीं. इन 24 घंटों में न तो कोई व्यक्ति गांव में आ सकता था और न ही गांव से बाहर जा सकता था. पंडित के मंत्रोच्चारण के बाद ही गांव की सीमा को सील किया जाता है.

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गंगोलगांव में होती है विशेष पूजा

ग्रामीणों की मानें तो इस दौरान यदि कोई व्यक्ति गांव की सीमा में आता या फिर बाहर जाता है तो ये पूजा असफल हो जाती है. व्यक्ति के साथ-साथ गांव में भी बड़ी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है. इसलिए ग्रामीण गांव के बाहर 24 घंटे सीमाओं की चौकसी करते हैं. पूजा के समय गांव में जानवरों का प्रवेश कभी वर्जित होता है. यहीं कारण है कि गोपेश्वर-केदारनाथ हाई-वे को भी बंद कर दिया जाता है.

हाई-वे बंद करने के लिए जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग से अनुमति ली गई थी. शुक्रवार को सुबह 8 पूजा संपन्न होने के बाद हाई-वे को खोल दिया गया.

Intro:देवभूमि उत्तराखंड के कण कण में देवताओं का वास है ।इसलिये आज भी देवभूमि उत्तराखंड के लोगो की देवताओ के प्रति अटूट आस्था है ।वाक्या गोपेश्वर नगर के गंगोलगांव का है ,जंहा कि ग्रामीणों के द्वारा गाँव की खुशहाली के लिए ऐसी पूजा आयोजित की गई जिसमें कि 24 घंटो तक न तो कोई गांव की सीमा के अंदर प्रवेश कर सकता है और न ही कोई गांव से बाहर ।जिसके लिए ग्रामीणों के द्वारा गांव से सटी सभी सीमाओं पर रात दिन चौकसी की जाती है ।यंहा तक कि मंत्रोचारण के द्वारा सील की गई गांव की सीमा के अंदर मानव सहित जानवरो का प्रवेश भी वर्जित है ।जिसके लिए गंगोलगांव के ग्रामीणों के द्वारा गोपेश्वर -केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को भी 24 घंटो तक पूरी तरह बंद रखा गया था।जिसके लिए ग्रामीणों के द्वारा हाइवे बंद करने को लेकर स्थानीय प्रशासन और निर्वाचन आयोग के द्वारा भी अनुमति भी ली थी ।और आज सुबह पूरे 24 घंटे बीत जाने के बाद 8 बजे पूजा संपन्न होने पर हाईवे को ग्रामीणों के द्वारा खोल दिया गया है ।हालांकि हाईवे बंद होने से हाईवे पर सफ़र कर रहे लोगो को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

बाईट-सुधीर पंवार-यात्री।


Body:गोपेश्वर के पास गंगोलगांव की सीमा पर ग्रामीणों ने चमोली -केदारनाथ हाइवे पर पत्थरो की दीवार देकर दोनों और से हाइवे को पूरी तरह 24 घंटो के लिए बंद रखा गया था।दरअसल चमोली केदारनाथ हाइवे भी गंगोलगाँव की सीमा से होकर गुजरता है ।जिसको लेकर ग्रामीणों ने पूजा का हवाला देकर 24 घंटो तक निर्वाचन आयोग से हाइवे बंद करने को लेकर लिखित अनुमति भी ली थी।हाइवे पर डटे ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई माह से लगातार गांव में हो रही कई अनहोनियों को देखते हुए ग्रामीणों के द्वारा सीमाबन्द जैसी पूजा करने का निर्णय लिया।गांव में ही पूजा करवाने के बाद पंडितो के द्वारा गांव की सीमा को मंत्रोच्चारण के बाद गांव की सीमा को सील किया गया है।और गांव प्रत्येक सीमा पर ग्रामीणों की तैनाती की गई है ,ताकि गांव की सीमा के अंदर कोई भी व्यक्ति ,जानवर भी प्रवेश न कर पाए।उन्होंने यह भी बताया कि अगर पूजा के दौरान गलतीवश कोई भी गांव की सीमा के अंदर प्रवेश कर जाता है तो पूजा असफल मानी जाती हैं, और पूजा के दौरान प्रवेश किये गए व्यक्ति के साथ साथ गांव में भी बड़ी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है ।जिसको लेकर ग्रामीणों के द्वारा पूजा के दौरान 24 घंटो तक रात दिन गांव की सीमा पर पहरा दिया जाता है।हालांकि 24 घंटो तक पुरी तरह हाइवे बंद रखने के बाद आज सुबह 8 बजे पूजा सम्पन्न होने पर हाइवे को सुचारू कर दिया गया है।

बाईट-ग्रामीण-गंगोलगांव।


Conclusion:पूरे मामले पर एसडीएम सदर चमोली और रिटर्निंग ऑफिसर बुसरा अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि गंगोलगांव में पूजा के चलते ग्रामीणों के द्वारा चमोली- केदारनाथ हाइवे बंद करने की अनुमति ली गई थी।उनका कहना था कि हाइवे उनके गांव के बीच से होकर गुजरता हैं ,और पूजा के दौरान उनके गांव में 24 घन्टो तक किसी को भी प्रवेश करने की अनुमति नही होती हैं।जिसको देखते हुए हाइवे बंद रखने की अनुमति प्रशासन के द्वारा 24 घंटो तक दी गई है।


बुसरा अंसारी-उपजिलाधिकारी चमोली।
Last Updated : Apr 5, 2019, 7:33 PM IST
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