चमोली: देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं का वास है. उत्तराखंड अपनी संस्कृति और अध्यात्म के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान रखता है. यहां लोगों में देवताओं के प्रति अटूट आस्था है. ऐसी ही एक कहानी जुड़ी है चमोली जिले के गंगोलगांव की है. यहां गांववाले खुशहाली के लिए एक खास तरह की पूजा का आयोजन करते हैं.
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इस विशेष पूजा के दौरान 24 घंटे के लिए गांव की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी जाती हैं. गांव से होकर गुजरने वाला गोपेश्वर-केदारनाथ हाई-वे भी इस दौरान बंद रहता है. यहां 24 घंटे के लिए किसी तरह की आवाजाही नहीं होती है.
इस आस्था के पीछे की वजह दैवीय आपदा को बताया जाता है. दरअसल, गांव में बीते कई सालों में दैवीय आपदा में कई लोगों को मौत हुई है. गांव को भी काफी नुकसान हुआ है. इन परिरिस्थियों में गांव की खुशहाली बनी रहे इसके लिये उखेल उबेद नाम की एक पूजा की जाती है. इसी कड़ी में बीती 4 अप्रैल को भी इस पूजा का आयोजन किया गया था. इस दौरान भूमि पूजन भी किया गया. इस धार्मिक कार्यक्रम में गांव की खुशहाली व सुख शांति की कामना भी की गई.
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पूजा गुरुवार सुबह 8 बजे शुरू हुई जो शुक्रवार सुबह 8 बजे तक चली. इस दौरान गांव की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई थीं. इन 24 घंटों में न तो कोई व्यक्ति गांव में आ सकता था और न ही गांव से बाहर जा सकता था. पंडित के मंत्रोच्चारण के बाद ही गांव की सीमा को सील किया जाता है.
ग्रामीणों की मानें तो इस दौरान यदि कोई व्यक्ति गांव की सीमा में आता या फिर बाहर जाता है तो ये पूजा असफल हो जाती है. व्यक्ति के साथ-साथ गांव में भी बड़ी अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है. इसलिए ग्रामीण गांव के बाहर 24 घंटे सीमाओं की चौकसी करते हैं. पूजा के समय गांव में जानवरों का प्रवेश कभी वर्जित होता है. यहीं कारण है कि गोपेश्वर-केदारनाथ हाई-वे को भी बंद कर दिया जाता है.
हाई-वे बंद करने के लिए जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग से अनुमति ली गई थी. शुक्रवार को सुबह 8 पूजा संपन्न होने के बाद हाई-वे को खोल दिया गया.