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कुंभ मेला को स्वच्छ बनाने के लिए मेलाधिकारी से मिले स्वामी चिदानंद सरस्वती, दिए ये सुझाव

हरिद्वार में कुंभ-2021 को भव्य, शानदार, यादगार और अनूठा बनाने के लिए बड़े पैमाने पर मेला प्रशासन तैयारी कर रहा है. मेले को स्वच्छ और ईको फ्रेंडली और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए मेला प्रशासन अभी से तैयारी में जुट गया है.

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कुंभ मेला को स्वच्छ बनाने के लिए मेलाधिकारी से मिले स्वामी चिदानंद सरस्वती
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Published : Feb 5, 2020, 11:40 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 9:15 AM IST

ऋषिकेश: मेलाधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने परमार्थ निकेतन पहुंच कर स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात कर साल 2021 में होने वाले कुंभ को लेकर चर्चा की. स्वामी चिदानंद ने मेले को स्वच्छ, हरित, एकल उपयोग प्लास्टिक एवं थर्माकोल से मुक्त कुंभ बनाने के सुझाव दिए, साथ ही पूरे कुंभ परिसर का वातावरण सात्विक, ईको फ्रेंडली और पर्यावरण अनुकूल बनाया जाए.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि कुंभ परिसर में स्वच्छता, चिकित्सा शिविर, स्वच्छ जल, कूड़ादान, हैंड वाशिंग स्टेशन और जैविक शौचालय जैसी जन सुविधायें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी जाये, साथ ही स्वच्छता के प्रति जागरुकता के संदेश दिए जाएं. उन्होने बताया कि इस बार परमार्थ निकेतन द्वारा विश्व स्तर पर स्वच्छता, शौचालय का प्रयोग एवं शौचालय स्वच्छता के प्रति जागरुकता को बढ़ाने के लिये कुंभ परिसर में टॉयलेट और कैफेटेरिया बनाया जाये. जिसमें टॉयलेट कमोड के आकार की कुर्सियां बनायी जायेंगी.

ये भी पढ़ें:रानीहाट नैथाणा के ग्रामीणों को मिला कांग्रेस का साथ, अब रेल मंत्री पीयूष गोयल तक पहुंचेगी आवाज

उन्होंने कहा कि कुंभ मेला के दौरान कुंभ नगरी में ट्रैफिक जाम हो जाता है. जिससे आम लोगों और श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसलिये वन-वे बनाया जाए, तथा सड़कों का विस्तार इस तरह से किया जाए ताकि आवागमन सुविधाजनक हो सके.

मेले के दौरान व्यापारियों के लिए सड़कों के किनारे उचित स्थान निर्धारित किया जाए. जिससे व्यापारियों को किसी प्रकार की समस्या न हो. मेले में आने वाले श्रद्वालुओं के गाड़ियों के लिए पार्किंग बढ़ाएं जाने की जरुरत है.

अपर जिलाधिकारी कुंभ मेला ललित नारायण मिश्रा ने कहा कि स्वामी चिदानन्द के द्वारा दिये गये सुझाव अत्यंत उपयुक्त और महत्वपूर्ण है. इस पर सभी सम्बंधित विभागों और अधिकारियों से विशेष रूप से चर्चा की जायेगी.

ऋषिकेश: मेलाधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने परमार्थ निकेतन पहुंच कर स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात कर साल 2021 में होने वाले कुंभ को लेकर चर्चा की. स्वामी चिदानंद ने मेले को स्वच्छ, हरित, एकल उपयोग प्लास्टिक एवं थर्माकोल से मुक्त कुंभ बनाने के सुझाव दिए, साथ ही पूरे कुंभ परिसर का वातावरण सात्विक, ईको फ्रेंडली और पर्यावरण अनुकूल बनाया जाए.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि कुंभ परिसर में स्वच्छता, चिकित्सा शिविर, स्वच्छ जल, कूड़ादान, हैंड वाशिंग स्टेशन और जैविक शौचालय जैसी जन सुविधायें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी जाये, साथ ही स्वच्छता के प्रति जागरुकता के संदेश दिए जाएं. उन्होने बताया कि इस बार परमार्थ निकेतन द्वारा विश्व स्तर पर स्वच्छता, शौचालय का प्रयोग एवं शौचालय स्वच्छता के प्रति जागरुकता को बढ़ाने के लिये कुंभ परिसर में टॉयलेट और कैफेटेरिया बनाया जाये. जिसमें टॉयलेट कमोड के आकार की कुर्सियां बनायी जायेंगी.

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उन्होंने कहा कि कुंभ मेला के दौरान कुंभ नगरी में ट्रैफिक जाम हो जाता है. जिससे आम लोगों और श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसलिये वन-वे बनाया जाए, तथा सड़कों का विस्तार इस तरह से किया जाए ताकि आवागमन सुविधाजनक हो सके.

मेले के दौरान व्यापारियों के लिए सड़कों के किनारे उचित स्थान निर्धारित किया जाए. जिससे व्यापारियों को किसी प्रकार की समस्या न हो. मेले में आने वाले श्रद्वालुओं के गाड़ियों के लिए पार्किंग बढ़ाएं जाने की जरुरत है.

अपर जिलाधिकारी कुंभ मेला ललित नारायण मिश्रा ने कहा कि स्वामी चिदानन्द के द्वारा दिये गये सुझाव अत्यंत उपयुक्त और महत्वपूर्ण है. इस पर सभी सम्बंधित विभागों और अधिकारियों से विशेष रूप से चर्चा की जायेगी.

Intro:ऋषिकेश--परमार्थ निकेतन में अपर कुम्भ मेलाधिकारी श्री ललित नारायण मिश्रा जी पधारे। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने श्री ललित नारायण मिश्रा जी से वर्ष 2021 में होने वाले कुम्भ को स्वच्छ, हरित, एकल उपयोग प्लास्टिक एवं थर्माकोल से मुक्त कुम्भ बनाने हेतु विस्तृत चर्चा की। साथ ही स्वामी जी ने कहा कि कुम्भ परिसर में थर्माकोल का उपयोग न किया जाये तो बेहतर होगा उसके स्थान पर जूट से बने, सुन्दर, सुसज्ज्ति टैंट तथा स्लोगन से युक्त हर दीवारें हो, मानों दीवारें सद्विचार बोल रही हों। उन्होने कहा कि पूरे कुम्भ परिसर का वातावरण सात्विक, ईको फेंडली और पर्यावरण अनुकूल हो तो बेहतर होगा।


Body:वी/ओ--स्वामी चिदानन्द ने कहा कि कुम्भ परिसर में स्वच्छता, चिकित्सा शिविर, स्वच्छ जल कूडा दान, हैंडवाशिंग स्टेशन और जैविक शौचालय जैसी जन सुविधायें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी जायें साथ ही वहां से स्वच्छता के प्रति जागरूकता के संदेश प्रसारित किये जायें तो हमें इसके विलक्षण परिणाम प्राप्त होंगें। उन्होने बताया कि इस बार परमार्थ निकेतन द्वारा विश्व स्तर पर स्वच्छता, शौचालय का  प्रयोग एवं शौचालय स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिये कुम्भ परिसर में टाॅयलेट कैफेटेरिया बनाया जायेंगा, जिसमें टाॅयलेट कमोड के आकार की कुर्सियां बनायी जायेंगी, जिस पर बैठकर श्रद्धालु चाय और काॅफी का आनन्द ले सकते हैं। स्वच्छता के प्रति जागरूकता का यह अनूठा प्रयास होगा। टाॅयलेट कैफेटेरिया के अन्दर स्वच्छता संदेश भी लिखे गये होंगे, यह एक यूनीक कोशिश होगी जिसके माध्यम से  हमने प्रयागराज कुम्भ में भी जागरूकता संदेश प्रसारित किया था तथा इसके माध्यम से हमने लाखों लोगों के दिलों में स्वच्छता का संदेश पहुंचाने का कार्य किया था।



 


Conclusion:वी/ओ-- कुम्भ मेला के दौरान कुम्भ नगरी में ट्रैफिक जाम हो जाता है जिससे आम लोगों और श्रद्धालुओं को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है इसलिये वन-वे बनायें जायें तथा सड़कों का विस्तार इस तरह से किया जाये ताकि आवागमन सुविधाजनक हो सके। ट्रैफिक जाम होने से लोगों को परेशानी ही नहीं बल्कि निराशा भी होती है। उन्होने कहा कि जो लोग सड़कों के किनारों पर ठेली लगाते है उनके लिये भी उचित स्थान निर्धारित होना चाहिये ताकि उन्हें भी किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े। साथ ही कार पार्किंग को बड़ा करने की जरूरत है तथा कई बार ड्रेनेज सिस्टम सूचारू रूप से कार्य नहीं करता इसलिये लोगों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है और तीर्थ क्षेत्र की छवि भी धूमिल होती है इसलिये उस पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

 
अपर जिलाधिकारी कुम्भ मेला ललित नारायण मिश्रा ने कहा कि स्वामी चिदानन्द के द्वारा दिये गये सुझाव अत्यंत उपयुक्त और महत्वपूर्ण है इस पर सभी सम्बंधित विभागों और अधिकारियों से विशेष रूप से चर्चा की जायेगी।

Last Updated : Feb 6, 2020, 9:15 AM IST
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