टिहरीः टिहरी जिले के घनसाली विधानसभा के सीमान्त गांव सेम घनसाणी में आजादी के बाद से आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शासन की इस गांव के प्रति उदासीनता से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है. अब गांव के नागरिकों ने आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. सड़क की मांग को लेकर गांव की महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं.
ग्रामीणों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में आजादी से लेकर अब तक सड़क नहीं पहुंची, जिससे ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक को अपनी समस्याओं के बारे में अवगत करवाया और धरना भी दिया, जिसके बाद सरकार ने गांव में आधी अधूरी सड़क बनवाई लेकिन बजट के अभाव में यह सड़क कई सालों से अधूरी पड़ी है. गांव के लोगों को एक घंटे का रास्ता तय करके सड़क तक पहुंचना पड़ता है. यहां जब भी कोई बीमार होता है तो उसे चारपाई या पल्ली के सहारे सड़क तक लाते हैं.
हवा हवाई साबित हुई मंत्री प्रकाश पंत की घोषणा
बीते 6 महीने पहले कैबिनेट मंत्री प्रकाश पन्त ने घनसाली में एक जनसभा के दौरान इस गांव तक सड़क पहुंचाने की घोषण की परन्तु इस घोषणा पर भी कोई अमल नहीं हुआ. जनसभा के दौरान प्रकाश पन्त ने धनसाली विधायक शक्तिलाल शाह को कहा कि इसमें जितना बजट चाहिये मैं दूंगा आप इस पर प्रस्ताव प्रस्तुत करें, लेकिन जनसभा के बाद सभी जनप्रतिनिधियों ने गांव की सुध नहीं ली.
जहां एक तरफ निर्वाचन आयोग जनता से मतदान करने के लिये अपील कर रहा है, वहीं सेम घनसाणी गांव के ग्रामीणों ने कहा कि सड़क नहीं तो मतदान नहीं. साथ ही कहा कि अगर प्रशासन मतदान के पहले डेढ़ या दो किलोमीटर की सड़क की स्वीकृति नहीं देती है, तो गांव का कोई भी मतदाता मतदान नहीं करेगा.