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अधूरी सड़क बनी सिरदर्द, ग्रामीणों ने किया लोकसभा चुनाव बहिष्कार का ऐलान

सेम घनसाणी में आजादी के बाद से आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.सरकार ने गांव में आधी अधूरी सड़क बनवाई लेकिन बजट के अभाव में यह सड़क कई सालों से अधूरी पड़ी है.

सड़क कई सालों से अधूरी पड़ी है.नागरिकों नेलोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है
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Published : Mar 16, 2019, 12:16 PM IST

टिहरीः टिहरी जिले के घनसाली विधानसभा के सीमान्त गांव सेम घनसाणी में आजादी के बाद से आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शासन की इस गांव के प्रति उदासीनता से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है. अब गांव के नागरिकों ने आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. सड़क की मांग को लेकर गांव की महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं.

ग्रामीणों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में आजादी से लेकर अब तक सड़क नहीं पहुंची, जिससे ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक को अपनी समस्याओं के बारे में अवगत करवाया और धरना भी दिया, जिसके बाद सरकार ने गांव में आधी अधूरी सड़क बनवाई लेकिन बजट के अभाव में यह सड़क कई सालों से अधूरी पड़ी है. गांव के लोगों को एक घंटे का रास्ता तय करके सड़क तक पहुंचना पड़ता है. यहां जब भी कोई बीमार होता है तो उसे चारपाई या पल्ली के सहारे सड़क तक लाते हैं.

घनसाणी गांव में आजादी के बाद से आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है.नागरिकों ने अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

हवा हवाई साबित हुई मंत्री प्रकाश पंत की घोषणा
बीते 6 महीने पहले कैबिनेट मंत्री प्रकाश पन्त ने घनसाली में एक जनसभा के दौरान इस गांव तक सड़क पहुंचाने की घोषण की परन्तु इस घोषणा पर भी कोई अमल नहीं हुआ. जनसभा के दौरान प्रकाश पन्त ने धनसाली विधायक शक्तिलाल शाह को कहा कि इसमें जितना बजट चाहिये मैं दूंगा आप इस पर प्रस्ताव प्रस्तुत करें, लेकिन जनसभा के बाद सभी जनप्रतिनिधियों ने गांव की सुध नहीं ली.

जहां एक तरफ निर्वाचन आयोग जनता से मतदान करने के लिये अपील कर रहा है, वहीं सेम घनसाणी गांव के ग्रामीणों ने कहा कि सड़क नहीं तो मतदान नहीं. साथ ही कहा कि अगर प्रशासन मतदान के पहले डेढ़ या दो किलोमीटर की सड़क की स्वीकृति नहीं देती है, तो गांव का कोई भी मतदाता मतदान नहीं करेगा.

टिहरीः टिहरी जिले के घनसाली विधानसभा के सीमान्त गांव सेम घनसाणी में आजादी के बाद से आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शासन की इस गांव के प्रति उदासीनता से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है. अब गांव के नागरिकों ने आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. सड़क की मांग को लेकर गांव की महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं.

ग्रामीणों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में आजादी से लेकर अब तक सड़क नहीं पहुंची, जिससे ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक को अपनी समस्याओं के बारे में अवगत करवाया और धरना भी दिया, जिसके बाद सरकार ने गांव में आधी अधूरी सड़क बनवाई लेकिन बजट के अभाव में यह सड़क कई सालों से अधूरी पड़ी है. गांव के लोगों को एक घंटे का रास्ता तय करके सड़क तक पहुंचना पड़ता है. यहां जब भी कोई बीमार होता है तो उसे चारपाई या पल्ली के सहारे सड़क तक लाते हैं.

घनसाणी गांव में आजादी के बाद से आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है.नागरिकों ने अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

हवा हवाई साबित हुई मंत्री प्रकाश पंत की घोषणा
बीते 6 महीने पहले कैबिनेट मंत्री प्रकाश पन्त ने घनसाली में एक जनसभा के दौरान इस गांव तक सड़क पहुंचाने की घोषण की परन्तु इस घोषणा पर भी कोई अमल नहीं हुआ. जनसभा के दौरान प्रकाश पन्त ने धनसाली विधायक शक्तिलाल शाह को कहा कि इसमें जितना बजट चाहिये मैं दूंगा आप इस पर प्रस्ताव प्रस्तुत करें, लेकिन जनसभा के बाद सभी जनप्रतिनिधियों ने गांव की सुध नहीं ली.

जहां एक तरफ निर्वाचन आयोग जनता से मतदान करने के लिये अपील कर रहा है, वहीं सेम घनसाणी गांव के ग्रामीणों ने कहा कि सड़क नहीं तो मतदान नहीं. साथ ही कहा कि अगर प्रशासन मतदान के पहले डेढ़ या दो किलोमीटर की सड़क की स्वीकृति नहीं देती है, तो गांव का कोई भी मतदाता मतदान नहीं करेगा.

टिहरी

रिर्पोट अरबिन्द नोटियाल 9410106899

 

स्लग- uk_tehri_lok sabha chunaaw ka bhaiskaar_most

 

स्लग के नाम से एफटीपी में हे यह खबर

 

एंकर-टिहरी जिले के घनसाली बिधानसभा के  सीमान्त गाव सेम घनसाणी गाव उसे में आजादी के बाद से आज तक सडक ना पहुचने पर सेम घनसाणी गाव के ग्रामीणो ने किया आने वाले लोक सभा चुनाव का बहिष्कार सडक की मांग को लेकी बैठे हे धरने पर

 

बीओ-1-ग्रामीणो ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा कि गाव में आजादी से लेकर अब तक गाव में सडक नही पहुची जिससे गाव के ग्रामीणा परेशालियो में हे ग्रामीणो ने यह के शासन प्रशासन से लेकर बिधायक जनप्रतिनिधियो को अपनी समस्याओ के बारे में अवगत करवाया ओर धरना भी दिया जिसके बाद सरकार ने गाव में पहुचाने के लिये आधी अधूरी सडक बनवाई लेकिन बजट के अभाव में यह सडक कई सालो से अधूरी पडी हे ओर गाव के लोगो को एक घण्टे का रास्ता तय करके सडक तक पहुचना पडता हे यह जब भी कोई बीमार होता हे तो  उसे चारपाई या पल्ली के सहारे सडक तक लाते हे।

 

बीओ-2-बीते 6 महिने पहले केबिनेट मंत्री प्रकाश पन्त ने घनसाली में एक जनसभा के दौरान इस गाव तक सडक पहुचाने की घोषण की परन्तु इस घोषणा पर भी कोई समल नही हुआ जन सभा के दौरान प्रकाश पन्त ने धनसाली बिधायक शक्तिलाल शाह को कहा कि इसमें बजट जिलता चाहिये में दूगा आप इसपर प्रस्ताव प्रस्तुत करे। लेकिन जनसभा के बाद सभी जन प्रतिनिधिायो ने गाव की सुध नही ली

 

बीओ-3-जहा एक तरफ निर्वाचन आयोग 18 साल से उपर केी  जनता से बार बार मतदान करना आवश्यक हे के लिये अपील कर रहे हे

 वही  सेम घनसाणी गाव के ग्रामीणो ग्रामीण ने कहा कि सडक नही तो मतदान नही साथ ही कहा कि अगी सरकार मतदान के दिन से पहले ढेड दो किलामेमीटर की सडक की स्वीकृति नही देती हे तो गाव का कोई भी मतदाता मतदान नही करेगा।

 

बाइट ग्रामीण महिला

बाइट ग्रामीण

 

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