टिहरी: टिहरी झील के ऊपर बना प्रतापनगर की लाइफ लाइन कहा जाने वाला डोबरा चांठी पुल कई उतार-चढ़ाव के बाद 14 साल में बनकर तैयार हुआ. इसका उद्घाटन 8 नवंबर 2020 को किया गया. उसके बाद से डोबरा चांठी पुल देशभर में प्रसिद्व हुआ और पुल पर लगी फसाड लाइट को देखने के लिए दूर-दराज के लोग यहां आने लगे.
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डोबरा चांठी पुल की सुरक्षा को देखते हुए परियोजना इकाई लोक निर्माण विभाग नई टिहरी के द्वारा दोनों एंकर ब्लॉकों की जांच दिल्ली स्थित सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) से कराई गई. जिसने अपनी जांच रिपोर्ट में इन दोनों एंकर ब्लॉकों में पड़ी दरार को ठीक करने को कहा है. ये दोनों एंकर साल 2008 में बनाए गए थे. CRRI दिल्ली की जांच रिपोर्ट आने के बाद अब डोबरा चांठी पुल से संबंधित काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों और कंपनी ने आज से दरारों को ठीक करने का काम शुरू कर दिया है.
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कैसे होता है पेस्टिंग से दरार भरने का कार्य ?
दोनों एंकर ब्लॉकों में पड़ी दरार को भरने के लिए आये मजदूर ने बताया कि दरार वाली जगह को लेंथ वाइज वी शेप में काटकर उसमें छेद किया जाता है. उसके बाद वाटर प्रूफ केमिकल इंजेक्शन ग्राउटिंग के द्वारा केमिकल प्रेशर से अंदर जाता है. एंकर के अंदर जहां-जहां गैप या खाली जगह छूटी रहती है, वहां ये केमिकल जाकर खाली जगह को भर देता है. मजदूर ने कहा कि अगर ऐसा काम नहीं किया जाता है तो पानी एंकर के अंदर जाकर नमी या सीलन आने से एंकर कमजोर हो सकता है. इसलिए एंकर ब्लॉक पर दरार ठीक करने का काम चल रहा है. एक एंकर में काम से कम 100 से ज्यादा इंजेक्शन ग्राउटिंग की जा रही है.
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वहीं, परियोजना इकाई लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एसएस मखलोगा ने बताया कि पुल की सुरक्षा को देखते हुए CRRI दिल्ली से जांच करवाई गई और उनकी रिपोर्ट के आधार पर दरार को ठीक करने का काम शुरू किया गया है.