नई टिहरीः जिले के सबसे बड़े अस्पताल बौराड़ी को पीपीपी मोड में किए एक साल का वक्त हो चला है लेकिन अभी भी अस्पताल में व्यवस्थाएं नहीं सुधर पाई है. आए दिन अस्पताल में लापरवाही देखने को मिलती है. एक ऐसा ही मामला फिर सामने आया है. जिले के दूरस्थ गांव खुरेत की कलावती देवी का कहना है कि पैर में फ्रैक्चर पर प्लास्टर लगाने के बाद जब उन्होंने व्हील चेयर मांगी तो नहीं मिली. उन्हें वाहन तक पहुंचने के लिए पैदल ही रोड तक जाना पड़ा.
कलावती देवी का कहना है कि पैर में प्लास्टर करवाने के बाद जब उनके पति ने प्लास्टर रूम से अस्पताल के बाहर तक छोड़ने के लिए व्हील चेयर मांगी तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा व्हील चेयर देने से इंकार कर दिया गया. जिसके बाद उन्हें पैदल ही फैक्चर पांव के साथ रोड तक जाना पड़ा. कलावती देवी कहती है जब उन्हें फैक्चर पांव लेकर ही बाहर जाना है तो प्लास्टर करवाने का क्या फायदा?
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बौराड़ी अस्पताल में इस तरह की लापरवाही का मामला ये पहला नहीं है. आए दिन मरीज इस तरह के व्यवहार से काफी नाराज हैं. स्थानीय लोग कई बार अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश भी जाहिर कर चुके हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार अगर जल्द ही अस्पताल की व्यवस्थाएं एवं दशा सुधारने में कामयाब नहीं रही तो वे जिला अस्पताल के खिलाफ जन आंदोलन करने को बाध्य होंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.